राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को शून्यकाल के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने श्रम मंत्री टीकाराम जूली को जोर से डांट दिया. जूली एक मुद्दे पर बार-बार एक ही बात दोहरा रहे थे. जोशी ने कहा, ‘सरकार का पक्ष ठीक नहीं है. आप इस मामले में विभाग के अधिकारियों के साथ फिर से चर्चा करिए, उसके बाद मैं सदन में फिर से इस पर चर्चा करवाउंगा.’ जोशी के यह कहते ही कांग्रेस के विधायक स्तब्ध रह गए और भाजपा विधायकों ने मेजें थपथपाकर समर्थन किया.

शून्यकाल में भाजपा विधायक मदन दिलावर ने कोटा की एएसआई कंपनी के श्रमिकों के साथ अन्याय का मुद्दा उठाते हुए इस पर आधा घंटा विशेष बहस कराने की मांग की थी. उनका कहना था कि इस मामले में श्रम कानूनों का उल्लंघन हुआ है. इसे सीपी जोशी ने मंजूर कर लिया. दिलावर ने कहा कि 24 जुलाई को उन्होंने प्रश्नकाल में सरकार से पूछा था कि रामगंज मंडी में चल रही एएसआई कंपनी में ठेका रजिस्टर बनाकर रखा जाता है? इस पर श्रम मंत्री ने सदन में झूठ बोला. कंपनी में काम कर रहे ठेका श्रमिकों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है. श्रम विभाग इसका रिकॉर्ड ही नहीं रखता.

दिलावर ने आरोप लगाया कि श्रम मंत्री ने अपने जवाब में 60-65 श्रमिक होने की बात कही, जबकि कंपनी में 35 हजार से ज्यादा ठेका श्रमिक काम कर रहे हैं. इस पर श्रम मंत्री ने कहा कि विधायक जिन श्रमिकों के बारे में बात कर रहे हैं, वे खनन श्रमिक हैं. खनन श्रमिकों और फैक्ट्री श्रमिकों में अंतर होता है. खनन श्रमिकों के बारे में सवाल पूछा ही नहीं था. जवाब में मंत्री ने श्रम कानूनों की धाराएं पढ़ना शुरू कर दिया.

जोशी ने श्रम मंत्री टीकाराम जूली को टोकते हुए कहा कि आप मुद्दे की बात कीजिए, लेकिन जुली बार-बार अपना जवाब दोहराते रहे. इस पर जोशी नाराज हो गए और कहा, ‘बैठ जाइए. सरकार का व्यू ठीक नहीं है, इसे समझिए. इस बारे में आपको चिंता करनी चाहिए और विभाग के अफसरों से भी चर्चा करें. इसके बाद इस मुद्दे पर सदन में फिर से चर्चा कराई जाएगी’.

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