भारत-चीन सैनिकों की झड़प में तीन भारतीय सैनिक शहीद, उधर नेपाल बना रहा है बॉर्डर पर 100 सैन्य चौकियां

आपसी झड़प में तीन जवान शहीद, एक अफसर भी शामिल, चीन का एक तरफा कार्रवाई न करने का सुझाव, घुसपैठ का आरोप भी लगाया, तीनों सेना की हाईलेवल ​मिटिंग लेने पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

India China Border
India China Border

पाॅलिटाॅक्स ब्यूरो/लद्दाख. पिछले महीने से लद्दाख के गलवान घाटी में चल रहा चीन और भारत सीमा विवाद अब खूनी संघर्ष में बदलना शुरू हो गया है. दोनों देशों के सैनिक लद्दाख की गलवान घाटी में कई स्थानों पर आमने सामने है. दोनों के सैनिकों के बीच सीमा विवाद को लेकर झड़प भी होती रहती है लेकिन सोमवार रात को हुई झड़प में भारतीय सेना के तीन सैनिक शहीद हो गए. इनमें एक जवान भारतीय सेना का अधिकारी भी है. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है. हिंसक झड़प के बाद चीन ने भारत से एक तरफा कार्रवाई करने या तनाव बढ़ाने से बचने को कहा है, साथ ही सीमा में घुसपैठ का आरोप भी लगाया है.

उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर कई स्थानों पर कब्जा कर लिया है. पिछले कई दिनों से कूटनीतिक और सैन्य बैठकों के माध्यम से इस समस्या के समाधान का प्रयास किया जा रहा है. चीनी सैनिक पीछे नहीं हट रहे हैं और भारत की ओर से उसकी सीमाओं में बनाई जाने वाली सड़कों का विरोध कर रहे हैं. इससे दोनों देशों के बीच भारी तनाव के हालात बन गए हैं.

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दरअसल, चीन और भारत के बीच सीमा विवाद को लेकर एक समझौता हो रखा है, जिसके तहत दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के खिलाफ जानलेवा कार्रर्वाइ नहीं करेंगे. लेकिन चीनी सैनिक समय-समय पर भारतीय सीमा में घुसकर भारतीय सैनिकों के साथ झड़प करते रहते हैं. इस बार तो भारतीय सैनिकों के साथ झड़प इतनी बड़ी थी कि तीन सैनिकों की शहादत हो गई.

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दोनों देशों ने सीमाओं पर तैनात कर रखी हैं फौजें

सीमा विवाद के चलते भारत और चीन से जुड़ी कोई 4 हजार किलोमीटर लंबी सीमा में कई स्थानों दोनों ही देशों की ओर से सैनिकों को तैनात किया जा चुका है. चीन की ओर गलवान घाटी सहित कई स्थानों में बंकर बनाने के साथ-साथ सैन्य हथियारों का जमावड़ा भी जमाया गया है. भारत ने भी चीन के इरादों को भांपते हुए अपने सैन्य बलों को तैनात किया, साथ ही तीनों सेनाओं को भी अलर्ट पर रखा गया है.

हालांकि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथसिंह ने अभी हाल ही में बयान दिया था कि सीमा विवाद सुलझाने के लिए बड़े स्तर पर बातचीत जारी है. लेकिन चीनी सैनिकों की ओर से हर दिन कुछ न कुछ ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं, जिससे तनाव लगातार बढ़ रहा है.

नेपाल भी बना रहा बॉर्डर पर सैन्य चौंकियां

चीन के साथ नजदीकियां बढ़ने के बाद नेपाल की ओर से भी ऐसा कुछ किया जा रहा है, जिससे भारत और नेपाल के बीच रिश्तों में भारी गिरावट आ रही है. दोनों देशों के बीच के मधुर संबंध न सिर्फ खराब हो रहे हैं बल्कि दुश्मनी का भाव बढ़ता जा रहा है. नेपाल में इन दिनों वहां के नेताओं द्वारा भारत विरोधी लहर चलाई जा रही है, जिसे नेपाल राष्ट्रवाद का नाम दिया गया है. यानि नेपाल में राष्ट्रवाद का मतलब भारत का विरोध करना हो गया है. नेपाल की संसद ने लिपुलेख और कालापानी स्थानों को नेपाल का क्षेत्र घोषित करते हुए अभी हाल ही में एक नया नक्शा जारी किया है. इन दोनों स्थानों पर भारत की सेनाएं लंबे समय सैन्य चैक पोस्टों पर तैनात है.

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इसी बीच एक नई खबर ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है. नेपाल सरकार की ओर से कहा गया है कि वो भारत और नेपाल बॉर्डर पर 100 सैन्य चौंकियां स्थापित कर रहा है, जबकि भारत और नेपाल बॉर्डर पर कभी भी ऐसा नहीं हुआ. इन चौंकियों पर नेपाली सेना की आर्म फोर्स तैनात की जाएंगी.

सैनिकों के शहीद होने के बाद शुरू हुई मिटिंग

लद्दाख में चीनी सेना के साथ भारतीय सैनिकों की हुई झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान के शहीद होने के बाद दोनों देशों के मिलिट्री अधिकारियों के बीच बैठक हो रही है, ताकि मामले को शांत किया जा सके. इस बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हाई लेवल मीटिंग की है. इस दौरान चीन सीमा पर मौजूदा स्थिति को लेकर चर्चा की गई है.

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चीन बोला- एक तरफा कार्रवाई से बचे भारत

गलवन घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीन ने भारत से एकतरफा कार्रवाई करने या तनाव बढ़ाने से बचने को कहा है. लद्दाख इलाके में यह 1962 के बाद ऐसा पहला मौका है जब सैनिक शहीद हुए हैं. गलवन घाटी में हिंसक झड़प के बाद चीन ने भारत से एक तरफा कार्रवाई करने या तनाव बढ़ाने से बचने को कहा है. चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से यह टिप्पणी की गई है. चीन अधिकारियों ने भारत पर अपने क्षेत्र में घुसपैठ का भी आरोप लगाया है.

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