लॉकडाउन के बावजूद अम्बुजा सीमेंट प्लांट में काम कर रहे हजारों मजदूर, बेनीवाल ने जताया विरोध

लॉकडाउन में भी नागौर में निर्माणाधीन सीमेंट प्लांट में चला काम, काम का विरोध करने वाले 800 श्रमिकों पर राजकार्य में बाधा का केस हुआ दर्ज, हनुमान बेनीवाल ने मुख्य सचिव व कलेक्टर को पत्र लिखकर मांगी मामले की तथ्यात्मक जानकारी

हनुमान बेनीवाल
हनुमान बेनीवाल

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन में आवश्यक सामानों की आपूर्ति वाले उद्योगों को सुचारू करने की पिछले दिनों इजाजत दी गई थी. इसी बीच राजस्थान के नागौर से एक मामला सामने आया है जिसमें आवश्यक श्रेणी में नहीं आने के बाद भी अम्बुजा सीमेंट प्लांट में काम करने की अनुमति दे दी गई. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस पूरे मामले को लेकर मुख्य सचिव और नागौर कलेक्टर को पत्र लिखकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. सांसद बेनीवाल ने मुख्य सचिव और कलेक्टर से जवाब मांगा है कि लॉकडाउन में प्लांट में काम शुरू करने की मंजूरी कैसे दे दी गई. क्या प्लांट में कार्य करने की अनुमती देना आवश्यक्ष श्रेणी में आता है. इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने प्लांट में निर्माण कार्य शुरू करने के लिए जिला प्रशासन को दिया गया प्रार्थन पत्र तथा प्रशासन द्वारा दी गई अनुमती की प्रकिया प्रेषित करने की मांग की है.

नागौर सांसद व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने बताया कि नागौर जिले के मूंडवा में निर्माणाधीन अंबुजा सीमेंट प्लांट कंपनी को नागौर जिला कलेक्टर ने पिछले दिनों कोरोना के कहर के मध्य काम करने की अनुमति जारी की. इस प्लांट में 25 सौ से अधिक मजदूर तथा विभिन्न श्रेणी के कार्मिक, विभिन्न राज्यों से संबंध रखने वाले लोग यहां काम कर रहे हैं.

सांसद बेनीवाल ने बताया कि कोरोना की वजह से मजदूरों में भय बना हुआ है जिससे वो खुद के गांव जाना चाहते है थे. कंपनी प्रबंधन की हठधर्मिता उन्हें यहां काम करने के लिए मजबूर कर रही थी. इस दौरान प्लांट में कार्यरत 2500 मजदूरों ने काम करने का विरोध किया. कंपनी के प्रति मजदूरों का जो विरोधाभास प्रकट हुआ वह पूर्ण रूप से जायज था उसके बावजूद कंपनी प्रबंधन के लोगों ने चाल चलकर और स्थानीय पुलिस व प्रशासन के लोगों से सांठगांठ कर मजदूरों व पुलिस में विरोधाभास को बढ़ा दिया. इस दौरान पुलिस ने कंपनी में कार्यरत 800 मजदूरों पर राज कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज किया.

सांसद बेनीवाल ने कहा कि मुकदमा दर्ज होने के बाद मजदूरों पर दबाव बनाया गया कि जो-जो प्लांट में काम करेंगे और काम करने के लिए दूसरों को रोकेंगे उनके खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही नहीं होगी. सांसद बेनीवाल ने आगे गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ राज्य की सत्ता में आसीन कांग्रेस पार्टी मजदूरों के हितों की बात करती है वहीं दूसरी तरफ एक निजी कंपनी के फायदे के लिए 800 मजदूरों के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज करवाया जाना किस दृष्टि से जायज था ? सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि इससे ज्यादा दुःखद कुछ नहीं हो सकता क्योंकि मजदूरों और पुलिस में जो विरोधाभास हुआ है उसकी वजह कंपनी के प्रबंधन के लोग तथा सत्ता के वो दलाल है जिन्होंने जनहित की बजाय निजी फायदे को हमेशा प्राथमिकता दी.

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सांसद बेनीवाल ने आगे बताया कि इस पूरे मामले को लेकर मैंने नागौर के जिला कलेक्टर और राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. इसके साथ ही इस मामले को लेकर एमपी, बिहार व झारखंड से कई साथी लोकसभा सांसदों के फोन आए और उन्हें मैंने पूरा भरोसा दिलाया है कि मजदूर चाहे किसी भी राज्य का हो उसका अहित नहीं होने देंगे. सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि जिस प्रकार कंपनी ने हठधर्मिता करके सत्ता के दलालों के माध्यम से कोरोना के कहर में भी मानवता को तार-तार कर के काम को प्राथमिकता देना सर्वोच्च समझा उसको भी हम सबक सिखाएंगे. इस पूरे प्रकरण को लेकर मैं जल्द ही केंद्र सरकार के भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर जी से बात करूंगा.

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