GujaratAssemblyElections. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस फोटो में मेघा पाटकर (Megha Pathkar) के कंधे पर हाथ रखकर कुछ कह रहे हैं. जब से ये तस्वीर सामने आई है, बीजेपी के नेताओं ने इस फोटो को ही गुजरात के चुनावी माहौल से जोड़ दिया है, जिसके बाद यहां सियासत उबाल लेने लगी है. हालांकि इस फोटो में ऐसा कुछ खास नहीं है लेकिन मेघा पाटकर का ये फोटो गुजरात का चुनावी माहौल पहले से गर्म करने का काम कर रहा है. अब मेघा पाटकर और राहुल गांधी की इस जुगलबंदी को ‘गुजरात और गुजराती विरोधी’ कहकर प्रचारित किया जा रहा है. जबकि दबे स्वरों में कांग्रेस के कुछ नेता इसे गुजरात में कांग्रेस की राह मुश्किल होने की बात भी कह रहे हैं.
आखिर इस फोटो पर इतना बवाल क्यों और आखिर कौन है ये मेघा पाटकर? इस सवाल का जवाब सभी खोज रहे हैं. आखिर ऐसा क्या है कि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और प्रदेश के मेगा प्रचार अभियान शुरू कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं. गुजरात के वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तो ट्वीट कर कांग्रेस और राहुल गांधी को गुजरात का दुश्मन तक बता दिया.
Congress and Rahul Gandhi have time and again shown their animosity towards Gujarat and Gujaratis. By giving Medha Patkar a central place in his Yatra, Rahul Gandhi shows that he stands with those elements who denied water to Gujaratis for decades. Gujarat will not tolerate this. https://t.co/94jJBz4spP
— Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) November 18, 2022
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दरअसल, मेघा पाटकर एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. मेघा पाटकर ने नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के जरिए गुजरात की सरदार सरोवर परियोजना के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था. पीएम मोदी ने इस परियोजना को गुजरात की विकास की कहानी बताया था, जिसमें मेघा पाटकर ने रोड़ा अटकाया था. अब जब से मेघा पाटकर के साथ राहुल गांधी के साथ सामने आई है, पीएम मोदी ने मेघा को इस परियोजना में देरी की वजह बताते हुए गुजरात के विरोध का एक चेहरा बता दिया.
वैसे देखा जाए तो जन्मजात गुजराती लोगों के लिए मेघा पाटकर एक बुरा चेहरा है. खासतौर पर यहां का युवा वर्ग, जिसने पिछले 30 सालों से गुजरात में नरेंद्र मोदी की सरकार और अब पीएम मोदी के नेतृत्व में केवल और केवल बीजेपी सरकार को देखा है. जैसा पीएम मोदी ने उन्हें बताया, समझाया, गुजरात की युवा जनता ने ऐसा ही समझा. इसी तरह कथित तौर पर गुजरात के विकास की राह बनाने वाली सरदार सरोवर परियोजना की धुर विरोधी मेघा पाटकर को गुजरात के विकास की दुश्मन ही माना है. ऐसे में मेघा पाटकर का राहुल गांधी से मिलना भी कांग्रेस के विरोध में जा सकता है.
सनद ये भी रहे कि गुजरात में हिन्दुत्व एक बड़ा मुद्दा रहा है. लगातार चार सत्ता संभाल चुके नरेंद्र मोदी ने हमेशा ही हिन्दुत्व के पक्षधर रहे हैं. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सॉफ्ट हिन्दुत्व का रुख रखा, इसका लाभ सीधा तौर पर कांग्रेस को मिला और उन्होंने विस चुनावों में 77 सीटें हासिल कर दी. अभी राहुल गांधी ने वीर सावरकर का मुद्दा छेड़कर हिन्दुत्व पर फिर से एक प्रहार किया है. उनके इस बयान पर बीजेपी के साथ महाराष्ट्र में शिवसेना द्वारा भी जमकर विरोध हो रहा है.
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हालांकि, राहुल गांधी पहले ही फॉक्सकॉन-वेदांत और टाटा-एयरबस जैसी परियोजनाओं को गुजरात ले जाने की आलोचना कर चुके हैं. अब जब से राहुल गांधी की तस्वीर मेघा पाटकर के साथ सामने आई है, बीजेपी को फिर से एक बार मौका मिल गया है. अब ऐसे में चुनावी माहौल में कांग्रेस को काफी दिक्कत भी हो रही है.
गुजरात के चुनावी माहौल में बीजेपी के तमाम नेता कांग्रेस और राहुल गांधी को गुजरात विरोधी के तौर पर पेश कर रही है. ऐसे में सवाल यह कि गुजरात चुनावों के दौरान ऐसा रुख अपनाकर कहीं कांग्रेस ने कहीं कोई गलती तो नहीं कर दी है.
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