Politalks.News/Budget2022-23. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने आज आम बजट 2022-23 (Budget 2022-23) लोकसभा में पेश किया. अपने 90 मिनट की स्पीच के दौरान वित्तमंत्री ने कई बड़ी घोषणाएं भी की, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार द्वारा पेश किये गए इस आम बजट में आम जनता को कुछ नहीं मिला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जहां इस बजट को देश के विकास का बजट बताया है तो वहीं विपक्षी दल इस बजट पर लगातार सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बजट को केंद्र सरकार Zer0 सम बजट बताया तो वहीं पूर्व वित्तमंत्री एवं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram) ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘भारत में अमीर और ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं, और गरीब और ज्यादा गरीब.’
वायनाड सांसद एवं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आम बजट पेश होने के बाद केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा और ट्वीट करते हुए लिखा ‘मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है. मध्य वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है.’ वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने इस बजट को मात्र लॉलीपॉप बताया. कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि, ‘आरबीआई की जगह आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये ऐलान किया कि क्रिप्टोकरेंसी अब देश में वैध होगी. ये सबकुछ जो किया गया है वो देश के काफी अमीर लोगों के कहने पर किया गया है. जो की भारत के 99.99% लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है.’
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पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आगे कहा कि, ‘जब से देश में भाजपा की सरकार आई है तब से भारत में अमीर और ज्यादा अमीर होते जा रहे हैं. आज देश के कुल 142 अमीर लोगों की बात की जाये तो उनकी आय में कई गुना का इजाफा हुआ है. सरकार को मिलने वाला कुल पैसा 42 लाख करोड़ है और इन सभी अमीरों ने अपनी संपत्ति में लगभग 30 लाख करोड़ की बढ़ोतरी की है, अब वो वक्त दूर नहीं है जब वो सरकार को मिलने वाले कुल पैसे से आगे निकल जाएंगे.’ आम जनता के मुद्दों को उठाते हुए पी चिदंबरम ने कहा कि, ‘भारत की अर्थव्यवस्था अब तक महामारी के पहले वाले स्तर पर नहीं पहुंच पाई है. दो सालों में 84 फीसदी परिवारों की आय को जोरदार झटका लगा है. प्रति व्यक्ति आय बढ़ने की बजाय कम हो रही है. आज देश में मोदी सरकार द्वारा करीब 4.6 करोड़ लोगों को भीषण गरीबी में धकेल दिया गया है.’
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वहीं दूसरी ओर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां 25 सालों के विकास का जिक्र करते हुए इस बजट को अमृतकाल का नाम दिया तो चिदंबरम ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि, ‘मुझे हैरानी हुई कि वित्त मंत्री अगले 25 सालों की रूपरेखा तैयार कर रही थीं. सरकार ये मानती है की फिलहाल किसी मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है और वर्तमान में रह रहे लोगों को अमृतकाल के उदय होने तक शांति से बैठकर इंतजार करने को कहा जा सकता है. यह भारत के लोगों, खासतौर पर गरीबों और वंचितों का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है.’
वहीं बता करें चुनावी राज्य उत्तरप्रदेश की तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम बजट को लेकर कहा कि ये बजट ‘आत्मनिर्भर भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने वाले बजट का हम स्वागत करते हैं. समाज के प्रत्येक तबके किसानों, युवाओं, महिलाओं के लिए एक प्रगतिशील बजट प्रस्तुत करने के लिए मैं प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं.’ वहीं सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘काम-कारोबार सब हुआ चौपट…ऐतिहासिक मंदी, लाखों की नौकरी कर गयी चट…आम जनता की आमदनी गयी घट…बेकारी-बीमारी में बैंकों में जमा निकली सारी बचत…अब लोगों की जेब काटने के लिए आया भाजपा का एक और बजट… उप्र से भाजपा के दुखदायी युग का अंत शुरू हो रहा है! यूपी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा.’
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तो वहीं कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने इस बजट को गीला पटाखा बताया. थरूर ने कहा कि, ‘इस बजट से मैं बहुत नाराज हूं, क्योंकि ये बजट एक गीला पटाखा जैसा है. डेढ़ घंटे के भाषण में वित्तमंत्री के कुछ नहीं था. डिफेंस सेक्टर पर कुछ नहीं बताया. महंगाई पर सरकार की तरफ से कोई लगाम नहीं है. इतने बड़े भाषण में आम जनता के लिए कुछ नहीं था.’ वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘बेरोजगारी और महंगाई से कुचले जा रहे आम लोगों के लिए बजट शून्य है. सरकार बड़े शब्दों में खो गई है, जिसका कोई मतलब नहीं है – एक पेगासस स्पिन बजट.’