Politalks.News/Rajasthan/RajysabhaElection. 10 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए नामांकन की प्रक्रिया आज समाप्त हो चुकी है. बात करें राजस्थान की तो यहां 4 सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव का घमासान और भी रोचक हो चला है. कांग्रेस ने जहां तीन प्रत्याशियों रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है, तो वहीं बीजेपी ने वरिष्ठ भाजपा नेता घनश्याम तिवाड़ी को अपना प्रत्याशी बनाया है और साथ में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में एस्सेल ग्रुप के चैयरमेन डॉ सुभाष चंद्रा को समर्थन देने की बात कही है. राज्यसभा के इन सभी प्रत्याशियों ने आज आखिरी दिन अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. इसी बीच डॉ सुभाष चंद्रा के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरने के बाद से राज्यसभा चुनाव का ये मुकाबला बड़ा ही रोचक होता नजर आ रहा है. नामांकन दाखिल करने के बाद सभी सियासी दिग्गजों ने पत्रकारों से बात भी की.
सबसे पहले अगर बात की जाए प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की तो बहुमत के आधार पर पार्टी ने तीन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. हालांकि रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवाड़ी कांग्रेस के तीनों ही प्रत्याशियों के राजस्थान से बाहर के होने चलते पार्टी में कुछ विरोध के स्वर भी उठे लेकिन बताया जा रहा है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी सियासी जादूगरी से उन्हें भी शांत करा लिया है. बता दें, मंगलवार को नामांकन दाखिल करने से पहले कांग्रेस के तीनों प्रत्याशियों ने प्रथम पूज्य मोती डूंगरी गणेश जी महाराज के दर्शन किये और आशीर्वाद लिया. इसके बाद तीनों प्रत्याशी सीधे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उनका स्वागत किया.
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कांग्रेस कार्यालय से तीनों ही प्रत्याशी सीएम गहलोत और सचिन पायलट के साथ राजस्थान विधानसभा पहुंचे और अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल करने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बात करते हुए विक्ट्री साइन दिखाया और कहा कि, ‘निश्चित ही कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार जीत हासिल करेंगे. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘तीनों उम्मीदवारों ने नामांकन कर दिया है और तीनों ही चुनाव जीतेंगे.’ बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘बीजेपी ने जो खेल खेला है उसमें उन्हें जीत नहीं मिलेगी. सुभाष चंद्रा को क्या सोचकर मैदान में उतारा है बीजेपी ने? सुबह कह दिया कि यह बीजेपी के उम्मीदवार हैं, बाद में कह दिया कि यह निर्दलीय उम्मीदवार है और उन्हें हमारा समर्थन रहेगा. मुझे याद है कि 15 साल पहले भी यही खेल खेला था, उम्मीदवार ने वादा किया था हमसे कि मेरे पास में एक्स्ट्रा वोट हैं, वोट जुटा नहीं पाया उमीदवार तो बीजेपी ने कह दिया हम अपना समर्थन वापस लेते हैं.
सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘इस बार भी बीजेपी ने सुभाष चंद्रा को खड़ा कर दिया है और इनको पता है कि पूरा वोट नहीं है इनके पास में, उसके बावजूद भी ये क्या हॉर्स ट्रेडिंग करेंगे यहां पर? फिर माहौल खराब करेंगे प्रदेश के अंदर, तो ये कब तक प्रदेश को बिगाड़ना चाहते हैं ये लोग? लेकिन मैं इन लोगों से कहना चाहता हूँ कि, हमारा कोई भी विधायक बिकने वाला नहीं हैं, इनकी पूरी पोल खुल जाएगी और आने वाले वक़्त में बीजेपी की बहुत स्थिति खराब होने वाली है.’ वहीं डॉ सुभाष चंद्रा के बयान कि, ‘मेरे साथ निर्दलीय संपर्क में हैं’, पर पलटवार करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘वो तमाम बीजेपी के नेता जो मुख्यमंत्री बने फिरते हैं, इनमें प्रतिस्पर्धा है कि कौन ऊपर अपने नंबर बढ़वाए, इसलिए इस प्रकार से इन्होंने जो फैसला करवाया है हाईकमान से, इनको मैं समझता हूं कि महंगा पड़ेगा.’
वहीं बीजेपी द्वारा की जाने वाली बाड़ेबंदी को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘बाड़ेबंदी तो आजकल सभी पार्टियां करती हैं. बाड़ेबंदी का मतलब होता है कि एमएलए खुद ही कहते हैं कि रोज-रोज टेलीफोन आते हैं हमारे पास में, हमें कई तरह से दबाया जाता है, लालच देने का प्रयास किया जाता है, हम खुद चाहते हैं कि साथ रहें, तो ये कम से कम जो बीजेपी वाले जो रोज तंग करते हैं, कम से कम उनसे छुटकारा मिल जाएगा हम लोगों को तो.’ सूत्रों की मानें तो कांग्रेस 3 जून से उदयपुर की उसी होटल में अपने विधायकों की बाड़ाबंदी करेगी जिस होटल में हाल ही में चिंतन शिविर का आयोजन किया गया था. वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि, ‘हमारे तीनों राज्यसभा के उम्मीदवार जीतकर जायेगे , हमारी सरकार को निर्दलीय विधायक को मिलाकर 125 विधायकों का समर्थन है.’
बात करें भाजपा की तो राज्यसभा चुनाव के रण में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी ने मंगलवार को शुभ मुहूर्त में अपना नामांकन दाखिल किया. खास बात यह रही कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे घनस्याम तिवाड़ी के प्रस्तावक रूप में नजर आई. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी इस मौके पर वहां मौजूद रहे. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर चुके एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन डॉ सुभाष चंद्रा की बीजेपी नेताओं के साथ हुई मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी रही. सुबह तक ये कयास लगाए जा रहे थे कि सुभाष चंद्रा बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार होंगे लेकिन उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन भरा. हालांकि बीजेपी ने उन्हें समर्थन देने की भी बात कही.
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नामांकन दाखिल करने के बाद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि, ‘भाजपा विचारनिष्ठ और ध्येयनिष्ठ पार्टी है और मौजूदा समय में देश में ध्येयनिष्ठ और अध्येयनिष्ठ लोगों के बीच चल रही लड़ाई चल रही है. देशभर और राजस्थान में सभी ध्येयनिष्ठ लोग एकजुट हो रहे हैं.’ वहीं नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए डॉ सुभाष चंद्रा ने कहा कि, ‘आप सबको मेरा प्रणाम, पिछली बार मैं हरियाणा से राज्यसभा का सदस्य चुनकर गया था, इस बार मुझे पैतृक भूमि से मौका मिला है. राजस्थान मेरे लिए नया नहीं है क्योंकि मैं मूल रूप से राजस्थान के फतेहपुर का रहने वाला हूं. मैंने निर्दलीय विधायकों से पूछ कर ही नामांकन दाखिल किया है और कई निर्दलीय विधायक मेरे संपर्क में है. मैं राज्य की आवाज पुरजोर तरीके से सदन में रखूंगा साथ ही मैं बीजेपी के सभी विधायकों को धन्यवाद भी देना चाहता हूं.’
अब बात की जाए सियासी गणित की तो 10 जून को राज्यसभा की 4 सीटों के लिए वोटिंग होगी. कांग्रेस को अपने तीनों विधायकों को जिताने के लिए 41-41-41 वोटों की जरुरत होगी. कांग्रेस के खुद के 108 विधायक हैं और सहयोगी दलों और निर्दलीयों के समर्थन को मिलाकर 126 विधायक कांग्रेस के साथ हैं. तो वहीं तीनों प्रत्याशियों को जीतने के लिए चाहिए 123 वोट. वहीं भाजपा के पास कुल 71 वोट हैं. ऐसे में बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी को 41 वोट मिलने के बाद 30 वोट बचेंगे. तिवाड़ी तो आसानी से जीत हासिल कर लेंगे लेकिन सुभाष चंद्रा को जीतने के लिए 11 वोट और चाहिए होंगे. हालांकि चंद्रा का दावा है कि कई निर्दलीय विधायक उनके संपर्क में है. बता दें कि दोनों ही सियासी दल कांग्रेस और बीजेपी जल्द ही विधायकों की बाड़ेबंदी करने वाली है.