पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में दिल्ली के AIIMS में निधन हो गया. मंगलवार रात नौ बजे सीने में दर्द की शिकायत के बाद सुषमा स्वराज को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. पांच वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम उनके इलाज के लिए लगाई गई थी. लेकिन सुषमा स्वराज को बचाया नहीं जा सका.

सुषमा स्वराज लंबे अर्से से बीमार चल रही थीं और उनका किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था. बीमारी की वजह से ही उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था. 2014 में सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय का प्रभार मिला था. बीजेपी के शासन के दौरान सुषमा दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही थीं. उन्हें दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था. इंदिरा गांधी के बाद सुषमा स्वराज दूसरी ऐसी महिला थीं, जिन्होंने विदेश मंत्री का पद संभाला था. बीते चार दशकों में वे 11 चुनाव लड़ीं, जिसमें तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़ीं और जीतीं, इसके अलावा सुषमा स्वराज सात बार सांसद रह चुकी थीं.

लम्बे समय से खराब स्वास्थ्य के चलते सुषमा स्वराज ने इस बार का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय किया था. सुषमा स्वराज की गिनती प्रखर नेताओं में होती थी. जब साल 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनी तब उनके राजनीतिक अनुभव को देखते हुए उन्हें विदेश मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी दी गई. निधन के कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अनुच्छेद 370 खत्म करने के फैसले पर ट्विट कर केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी थी.

पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन की खबर से पूरे राजनीतिक जगत में शोक की लहर है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित सभी पार्टियों के नेताओं ने सुषमा स्वराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उनके निधन की खबर मिलते ही बीजेपी के तमाम बड़े नेता AIIMS पहुंचे और सुषमा स्वराज के परिवार की सांत्वना दी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा कि वो लोगों के लिए प्रेरणा थीं. उन्होंने अपना जीवन लोगों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया. मोदी ने ट्वीट किया, ”भारतीय राजनीति में एक शानदार अध्याय समाप्त होता है. भारत एक उल्लेखनीय नेता के निधन पर शोक व्यक्त करता है, जिन्होंने अपना जीवन सार्वजनिक सेवा और गरीबों के जीवन को समर्पित किया. सुषमा स्वराज जी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत थीं.”

बता दें, सुषमा स्वराज के नाम कई कीर्तिमान हैं, जिसके लिये उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा. 1977 में जब वह 25 साल की थीं, तब वह भारत की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनी थीं. वह 1977 से 1979 तक सामाजिक कल्याण, श्रम और रोजगार जैसे 8 मंत्रालय मिले थे. जिसके बाद 27 साल की उम्र में 1979 में वह हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य अध्यक्ष बनी थीं. सुषमा स्वराज के नाम ही राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी की पहली महिला प्रवक्ता होने का गौरव प्राप्त था. इसके अलावा सुषमा स्वराज पहली महिला मुख्यमंत्री, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और विपक्ष की पहली महिला नेता थीं.

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