बिहार में पीके के ज्यादा सीटों वाले बयान पर मोदी का करारा जवाब, कहा- पेशेवर राजनीति करने वाले गठबंधन धर्म के खिलाफ काम कर रहे हैं

सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर तंज कसते हुए कहा कि वे एक पेशेवर चुनावी डाटा जुटाने वाली और नारा गढ़ने वाली कंपनी को चलाने वाले व्यक्ति हैं, जो राजनीति में आ गए हैं

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि प्रशांत जो कुछ बोल रहे हैं वो गठबंधन धर्म के खिलाफ है. सुशील मोदी ने पीके पर तंज कसते हुए कहा कि वे एक पेशेवर चुनावी डाटा जुटाने वाली और नारा गढ़ने वाली कंपनी को चलाने वाले व्यक्ति हैं, जो राजनीति में आ गए हैं. जहां तक बात रही सीटों के तालमेल पर निर्णय की, तो सही समय आने पर दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व इस पर विचार करेगा.

उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सोमवार शाम एक ट्वीट करते हुए प्रशांत किशोर पर पलटवार किया, “2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है. सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा, कोई समस्या नहीं है. लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनीति में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोधी गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं.” उन्होंने कहा कि ”एक लाभकारी धंधे में लगा व्यक्ति पहले अपनी सेवाओं के लिए बाजार तैयार करने में लगता है, देशहित की चिंता बाद में करता है. बीजेपी और जेडीयू का गठबन्धन मजबूत है.”

डिप्टी सीएम मोदी ने आगे कहा, “बीजेपी और जेडीयू के बीच चंद वर्षों को छोड़ कर आपसी विश्वास का दो दशक पुराना और जांचा-परखा रिश्ता है. बिहार के विकास, कानून के शासन, महिला सशक्तीकरण, दलितों-पिछड़ों के साथ न्याय, बाल विवाह एवं दहेजप्रथा पर रोक, नशा मुक्ति तथा पर्यावरण रक्षा के लिए जल-जीवन-हरियाली जैसे अभियान पर एनडीए और जदयू पूरी तरह एकजुट भी है.” वहीं नागरिकता कानून (CAA) को लेकर पीके पर निशाना साधते हुए सुशील मोदी ने कहा कि, “इसमें जिनकी कंपनी को मोटी कमाई दिखती है, वे राजनीतिक चोला ओढ़कर अपना धंधा चमकाने में लगे हैं. जनता ऐसे लोगों को पहचानती है.”

क्या कहा था प्रशांत किशोर ने…

बता दें, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और NRC पर लगातार केन्द्र सरकार की आलोचना करते आ रहे प्रशांत किशोर ने रविवार को बिहार में जेडीयू-बीजेपी के बीच सीटों के बंटवारे पर बयान देते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी को सीटों के बंटवारे को लेकर JDU के प्रस्ताव पर जरूर विचार करना चाहिए. जेडीयू को आगामी चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘अगर हम 2010 के विधानसभा चुनाव को देखें जिसमें जदयू और भाजपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था तो यह अनुपात 1:1.4 था. अगर इसमें इस बार मामूली बदलाव भी हो, तो भी यह नहीं हो सकता कि दोनों दल समान सीटों पर चुनाव लड़ें.’

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जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा, ‘जदयू अपेक्षाकृत बड़ी पार्टी है जिसके करीब 70 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास करीब 50 ही विधायक हैं. इसके अलावा, विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार को राजग का चेहरा बनाकर लड़ा जाना है.’ वहीं दोनों दलों के इस साल लोकसभा चुनाव में समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ने की बात पर पीके ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे अनुसार लोकसभा चुनाव का फार्मूला विधानसभा चुनाव में दोहराया नहीं जा सकता.’

वहीं बिहार भाजपा के वरिष्ठ फायरब्रांड नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रशांत किशोर के बयान को दरकिनार करते हुए कहा कि वह जेडीयू में केवल नीतीश कुमार के बयान को ही आधिकारिक मानते हैं.

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