चिंतन शिविर में खुलकर बोले समर्थक- वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री फेस बनाए बिना पार्टी की वापसी संभव नहीं

खुलकर सामने आई गुटबाजी, पार्टी की ऐसी दुर्गति को देखकर आम कार्यकर्ता चिंतित है, इस कुशासन से मुक्ति पाने के लिए वसुंधरा राजे ही एकमात्र विकल्प हैं जो पार्टी में नई जान डाल सकती हैं, कुछ लोग आज मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं, लेकिन मैं दावा करता हूं कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व के बगैर राज वापस नहीं आ सकता

Kota
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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश भाजपा में अंदरूनी गुटबाजी खुलकर सामने आना शुरू हो गई है. हाल ही में हाड़ौती सम्भाग के वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं ने संयुक्त प्रेस बयान जारी कर संगठन में व्यक्ति विशेष के खिलाफ अनदेखी के आरोप लगाते हुए निकाय और पंचायत चुनावों में पार्टी को मिली हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था. वहीं अब बीते रविवार को कोटा में वसुंधरा राजे के समर्थक नेताओं ने एक होटल में चिंतन शिविर आयोजित किया. इसमें अप्रैल महीने में वसुंधरा राजे की अगुवाई में हाड़ौती संभाग में गहलोत सरकार के खिलाफ रैली का शंखनाद का ऐलान किया गया है. इस रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और राज्यसभा सांसद ओम माथुर को आमंत्रित किया जाएगा, जिसके चलते रैली में हाड़ौती संभाग के 4 जिले कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ से 50 हजार कार्यकर्ताओं का जुटाने का लक्ष्य रखा है. रविवार को आयोजित हुआ यह चिंतन शिविर पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत और अन्य पूर्व विधायकों की पहल पर आयोजित हुआ.

आपको बता दें, प्रदेश के हाड़ोती संभाग को जनसंघ के जमाने से भाजपा का गढ़ माना जाता है. वसुंधरा राजे खेमे के भाजपा नेताओं का कहना है कि वर्तमान में कोटा संभाग में एक विशेष व्यक्ति के इशारे से पंचायत राज और नगर निकाय चुनाव में प्रभारी नियुक्त किए गए और टिकटों का बंटवारा किया गया. जिसका नतीजा यह रहा कि बीजेपी अपने गढ़ में कांग्रेस से चुनाव में मात खा गई. यही नहीं संभाग में बीजेपी पार्टी का सब जगह सूपड़ा साफ हो गया. असल में वसुंधरा राजे समर्थक इन नेताओं ने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां (व्यक्ति विशेष) के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

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हालांकि, भले ही अप्रैल में प्रस्तावित रैली प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ करने की बात कही जा रही हो, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि असल में यह वसुंधरा राजे का शक्ति प्रदर्शन है. चिंतन शिविर में 3 बार विधायक रह चुके और राजे गुट के माने जाने वाले भाजपा नेता भवानी सिंह राजावत ने हाल ही में हुए निगम चुनाव, पंचायत चुनाव व स्थानीय निकाय चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि, ”आलाकमान ने वसुंधरा राजे को दूर रखकर निगम चुनाव, पंचायत चुनाव व स्थानीय निकाय चुनाव करवाकर देख लिया और परिणाम भी भुगत रहा है. पार्टी की ऐसी दुर्गति को देखकर आम कार्यकर्ता चिंतित है. इस कुशासन से मुक्ति पाने के लिए वसुंधरा राजे ही एकमात्र विकल्प हैं जो पार्टी में नई जान डाल सकती हैं.”

भवानी सिंह राजावत ने कहा कि कांग्रेस राज को ढाई साल हो गए लेकिन प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. भाजपा शासन की पेयजल, सिंचाई व अन्य योजनायें ठप्प पड़ी हुई हैं, ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि वसुंधरा राजे को आगामी मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करके ही भाजपा चुनाव मैदान में उतरे तब ही कांग्रेस के कुशासन से जनता को मुक्ति मिल सकती है. राजावत ने आगे कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार की विफलताओं को लेकर आयोजित होने वाली रैली में गृह मंत्री अमित शाह और प्रभारी अरूण सिंह को भी आमंत्रित किया जाएगा. इनके अलावा बैठक में राजस्थान के किसी अन्य पदाधिकारी को बुलाने के सवाल पर भवानी सिंह राजावत ने कहा, जब अमित शाह और प्रदेश प्रभारी आएंगे तो प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को भी कार्यक्रम में आना चाहिए, उन्हें भी बैठक में बुलाएंगे. उनके अलावा किसे बुलाना है? इस पर अभी विचार करेंगे.

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कुछ लोग देख रहे हैं मुख्यमंत्री बनने का सपना
वहीं पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल ने अपने भाषण में कहा कि आजादी के बाद जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक की यात्रा में कोटा को अभेद्य दुर्ग माना जाता था. हमारे नेताओं ने खून-पसीने से सींचकर इस संगठन को इसलिए खड़ा नहीं किया कि त्याग, तपस्या और बलिदान पर टिका यह संगठन चंद हाथों की कठपुतली बन जाए. कुछ लोग आज मुख्यमंत्री बनने के सपने देख रहे हैं, लेकिन मैं दावा करता हूं कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व के बगैर राज वापस नहीं आ सकता.

वहीं, राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्याम शर्मा ने कहा कि पार्टी को लाखों कार्यकर्ताओं ने अपने पसीने के दम पर खड़ा किया है. आज व्यक्ति विशेष के इशारे पर संगठन में पदाधिकारी बनाना, चुनाव में प्रभारी बनाना, टिकट देना हो रहा है. यह तो शुरुआत है, अगर संतुलन नहीं बनाया गया और निष्पक्ष कार्यशैली नहीं रखी गई तो पार्टी को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

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शिविर में मौजूद रहे जन अभाव अभियोग निराकरण समिति के पूर्व अध्यक्ष श्रीकृष्ण पाटीदार ने कहा कि आलाकमान वसुंधरा राजे को दूर रखकर निगम चुनाव, पंचायत चुनाव व स्थानीय निकाय चुनाव करवाकर देख रहा है और परिणाम भुगत रहा है. पार्टी की ऐसी दुर्गति को देखकर कार्यकर्ता चिंतित हैं. कुशासन से मुक्ति पाने के लिए वसुंधरा राजे ही पार्टी में नई जान डाल सकती हैं. पाटीदार के कहा लगातार केंद्र में रहते हुए और राज्य की 2 बार मुख्यमंत्री रहते हुए वसुंधरा राजे ने राजस्थान की कायापलट कर दी. विकास के नए आयाम स्थापित कर दिए जनादेश यात्राओं की आंधी लाने वाली वसुंधरा राजे ने जनता की पीड़ा व दुख दर्द को अच्छी तरह समझा.

चिंतन शिविर में ये नेता रहे मौजूद
कोटा में बूंदी रोड स्थित एक होटल में आयोजित इस चिंतन शिविर का आयोजन भाजपा के पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत द्वारा किया गया. इसमें पूर्व विधायक विद्याशंकर नन्दवाना, पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा, बारां जिलाध्यक्ष जगदीश मीणा, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश सिकरवार, बूंदी के पूर्व जिलाध्यक्ष महीपत सिंह हाड़ा, कोटा के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश विजयवर्गीय, पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष प्रह्लाद पंवार, कई वर्तमान मण्डल अध्यक्ष, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच व प्रमुख नेता मौजूद रहे.

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