भाजपा का अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ जोड़ने का अभियान जोरों पर है. लोकसभा चुनाव के पहले से ही भाजपा ने विभिन्न पार्टियों के नेताओं को अपने पाले में लाने का अभियान शुरू कर दिया था. इसके तहत कर्नाटक की सरकार गिरी. गोवा में कांग्रेस के 10 विधायक भाजपा में आए. राज्यसभा सांसदों के भी अपनी पार्टियों को छोड़कर भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी है. अब सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन चामलिंग की पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए. इसके साथ ही भाजपा सिक्किम की प्रमुख विपक्षी पार्टी बन गई है.

मंगलवार को दिल्ली में एसडीएफ के विधायकों ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और महासचिव राम माधव की मौजूदगी नें भाजपा में शामिल होने की घोषणा की. राम माधव भाजपा के पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी हैं. इन विधायकों में दोरजी शेरिंग लेप्चा, डीआर थापा, कर्मा सोनेम लेप्चा, केबी राय, टीटी भूटिया, फरमती तमांग, पिंटा नामग्याल लेप्चा, राम कुमारी थापा शामिल हैं.

इस मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए राम माधव ने कहा कि सिक्किम में एसडीएफ के कुल 13 विधायक थे, जिनमें से 10 विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि सिक्किम में भाजपा सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी. सिक्किम में एसडीएफ करीब 25 साल सत्ता में रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में एसडीएफ फिर से सरकार नहीं बना सकी और सत्ता से बाहर हो गई. पवन चामलिंग किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड बना चुके हैं.

सिक्किम में 32 विधानसभा सीटें हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में इनमें से 17 सीटें सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चे ने जीती और सरकार बनाई. एसडीएफ के 13 विधायक जीते थे, जिनमें से दस मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी. अब सिक्किम विधानसभा में भाजपा की 10 सीटें हो गई हैं और एसडीएफ के पास सिर्फ तीन सीटें बची हैं. राज्य में तीन सीटों पर उपचुनाव होना बाकी है.

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