Sachin Pilot’s big statement in Jaipur: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने आज अपनी ही गहलोत सरकार को अल्टीमेटम दिया है. पायलट ने कहा कि अगर 15 दिन में पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार की उच्च स्तरीय जांच, पेपरलीक मामले में छात्रों को मुआवजा और RPSC को भंग नहीं किया गया तो पूरे प्रदेश में बड़ा आंदोलन होगा. दरअसल आज जयपुर में सचिन पायलट अपनी जनसंघर्ष पदयात्रा की समापन जनसभा में सीएम गहलोत और अपनी ही सरकार पर जमकर बरसे. पायलट की 11 मई को अजमेर से शुरू हुई जनसंघर्ष पदयात्रा का आज जयपुर में समापन था और इस दौरान एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया था. जनसभा को संबोधित करते हुए सचिन पायलट सीएम गहलोत, वसुंधरा राजे और अपनी ही सरकार पर जमकर बरसे. वहीं पायलट ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मैं किसी पद पर रहूं या न रहूं, राजस्थान की जनता की सेवा करता रहूंगा, मैं डरने वाला नहीं हूं, दबने वाला नहीं हूं, आपके लिए लड़ा हूं और लड़ता रहूंगा. पायलट ने अपनी जनसभा में क्या कुछ कहा पढ़िए इस खास रिपोर्ट में.
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की जनसंघर्ष पदयात्रा सोमवार को जयपुर में पूरी हुई. पदयात्रा की समापन जनसभा में सचिन पायलट ने सीएम गहलोत को चेतावनी देते हुए कहा कि इस महीने के आखिर तक यदि तीनों मांगें नहीं मानी गईं तो पूरे प्रदेश में हम आंदोलन करेंगे. पायलट ने कहा की अभी तक हम गांधीवादी तरीके से अपनी बात रख रहे थे, बात नहीं मानी तो गांव-ढाणी, शहरों में बड़ा आंदोलन होगा. न्याय करवाएंगे, हम लोगों के पास कुछ नहीं है, हम तो पैर में जूता डालकर निकल पड़े थे.
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पायलट ने आगे कहा कि मैं किसी पद पर रहूं, या नहीं रहूं, मैं राजस्थान की जनता की सेवा आखरी सांस तक करता रहूंगा. मैं डरने वाला नहीं हूं, मैं घबराने वाला नहीं हूं, मैं दिलवाला हूं और लड़ता रहूंगा. पायलट ने कहा कि अगर कोई उनसे प्यार से मांगेगा तो हाथ काट कर दे देंगे लेकिन अगर कोई झुकाकर मांगेगा तो कुछ देने वाले नहीं है. मैं नौजवानों के छालों की कसम खाकर कहता हूं कि मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं, मैं आपके साथ खड़ा हूं और हमेशा खड़ा रहूंगा. पायलट ने आगे अपनी ही सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या राजनीति सिर्फ सत्ता और पद पर बैठने के लिए है? क्या नौजवान दर-दर भटकता रहे और हम केवल सत्ता का सुख लेंगे, यह संभव नहीं है जो भी कुर्बानी देनी होगी मैं देने को तैयार हूं.
सचिन पायलट ने गहलोत सरकार से मांग करते हुए कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि पेपर लीक मामले में जितने भी बच्चे प्रभावित हुए हैं उन सब को सरकार उनके खर्च का आर्थिक मुआवजा दे. पायलट ने अपनी दूसरी मांग रखते हुए कहा कि आरपीएससी इतनी बड़ी संस्था है. उसके लिए धारणा बनी हुई है कि वहां जुगाड़ चलता है. आरपीएससी में नियुक्तियां राजनीतिक दृष्टिकोण से की जाती हैं. ऐसे में दूसरी मांग मैं सरकार से करता हूं कि नौजवानों का विश्वास कायम करने के लिए आरपीएससी को भंग किया जाए.
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वहीं पायलट ने अपने बयान में आगे कहा कि सभी नेताओं ने वसुंधरा राजे सरकार पर आरोप लगाए. फिर हमारी सरकार बनी लेकिन साढ़े चार साल हो गये लेकिन वसुंधरा सरकार पर लगे आरोप की जांच नहीं हुई. मैंने खूब चिट्ठियां लिखी. एक दिन का अनशन किया. कुछ नहीं हुआ. फिर मैंने सोचा कि इस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता के बीच जाना होगा. मैंने 11 मई को अजमेर से यात्रा शुरू की. सचिन पायलट ने कहा कि हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं है. ये भ्रष्टाचार के खिलाफ है. ये कहां की नीति है कि अपनी पार्टी के लोगों को बदनाम और बीजेपी के लोगों का गुणगान किया जा रहा है. मेरी इस जन संघर्ष यात्रा का उद्देश्य भ्रष्टाचार की जांच को करना है.
इसके साथ ही 2013 की हार को याद दिलाते हुए पायलट ने कहा कि साल 2013 में हमारी सिर्फ 21 सीट रह गईं थी, तब मुझे अध्यक्ष बनाया गया हमने साल 2018 तक खूब संघर्ष किया. सभी नेताओं ने वसुंधरा राजे सरकार पर आरोप लगाए. फिर हमारी सरकार बनी, लेकिन साढ़े चार साल हो गये लेकिन वसुंधरा सरकार पर लगे आरोप की जांच नहीं हुई. पायलट ने कहा कि मैंने खूब चिट्ठियां लिखीं एक दिन का अनशन किया, कुछ नहीं हुआ, फिर मैंने सोचा कि इस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जनता के बीच जाना होगा. 11 मई को अजमेर से यात्रा शुरू की, गर्मी जबरदस्त है, लोगों ने कहा कि पीड़ा होगी.
बता दें, जयपुर में पायलट की यात्रा के समापन में रखी गई, जनसभा में हजारों समर्थकों के अलावा पायलट गुट के 15 विधायक पहुंचे थे. इस दौरान वनमंत्री हेमाराम चौधरी, मंत्री राजेंद्र गुढा ने सभा में मंच पर मौजूद रहे. वहीं पायलट के साथ आज मंच पर पूर्व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह भी पहुंचे जिन पर हर किसी की नजरें टिकी रहीं. इसके साथ ही पायलट के साथ मंच पर राकेश पारीक, खिलाड़ीलाल बैरवा, गिर्राज मलिंगा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, जीआर खटाना, वेद प्रकाश सोलंकी, सुरेश मोदी, मुकेश भाकर और रामनिवास गावड़िया भी मौजूद रहे.