आरएलपी ने की निकाय चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा, बेनीवाल ने भविष्य के लिए जिंदा रखी उम्मीदें

निकाय चुनाव नहीं लड़ने और इन चुनावों में बीजेपी का सहयोग करने की घोषणा करके बेनीवाल ने आगे भविष्य में होने वाले चुनावों में बीजेपी जैसी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन की उम्मीद जिंदा कर दी है

RLP on Local Body Elections
RLP on Local Body Elections

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में होने वाले निकाय चुनाव (Local Body Elections) में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है. नागौर सांसद और RLP के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल ने इस सम्बंध में ट्वीट करते हुए जानकारी दी है. हनुमान बेनीवाल ने कहा है कि यदि कोई प्रत्याशी अच्छा होगा, तो पार्टी कार्यकर्ताओं से रायशुमारी के बाद उसको समर्थन देने पर विचार किया जाएगा.

इसके बाद बेनीवाल ने एक अन्य ट्वीट करते हुए लिखा, कि राजस्थान ने वर्तमान में आरएलपी द्वारा निकाय चुनाव (Local Body Elections) के सम्बंध में लिया गया निर्णय पार्टी विधायकों की रायशुमारी के बाद लिया गया है. किसी प्रत्याशी के समर्थन आदि पर अंतिम निर्णय पार्टी स्तर से आधिकारिक बयान जारी करने पर ही माना जाएगा.

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बता दें, खींवसर उपचुनाव में आये नतीजों के बाद आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व मंत्री यूनुस खान पर उपचुनाव में अपने छोटे भाई और RLP प्रत्याशी नारायण बेनीवाल की खिलाफत करने और कांग्रेस के साथ मिलकर नारायण को हराने की साजिश रचने के गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत भाजपा आलाकमान से की थी. बेनीवाल के आरोपों के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बेनीवाल के बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी. पुनिया ने बेनीवाल को मर्यादित भाषा के इस्तेमाल करने की नसीहत देते हुए यहां तक कह दिया था कि बेनीवाल अपनी पार्टी पर ध्यान दें तो बेहतर होगा. इस घटनाक्रम के एक दिन बाद ही सतीश पूनिया ने आगामी निकाय चुनावों (Local Body Elections) में हनुमान बेनीवाल की पार्टी RLP से गठबंधन नहीं करने की घोषणा की थी.

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गौरतलब है कि पहले लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के साथ गठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ा था. लोकसभा चुनाव में नागौर से हनुमान बेनीवाल जीतकर सांसद बने जबकि खींवसर उपचुनाव में उन्हीं के भाई नारायण बेनीवाल ने जीत हासिल की है लेकिन उसके बाद से ही दोनों पार्टियों के बीच रार आनी शुरू हो गई. (Local Body Elections)

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जानकारों की मानें तो निकाय चुनाव में बीजेपी के RLP से गठबंधन नहीं करने की घोषणा के बाद अगर बेनीवाल निकाय चुनाव में बीजेपी के सामने अपने प्रत्याशी उतारते हैं तो इस गठबंधन के हमेशा के लिए टूटने पर मुहर भी लग जाएगी. जबकि निकाय चुनाव नहीं लड़ने और इन चुनावों (Local Body Elections) में बीजेपी का सहयोग करने की घोषणा करके बेनीवाल ने आगे भविष्य में होने वाले चुनावों में बीजेपी जैसी बड़ी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन की उम्मीद जिंदा कर दी है. साथ ही सांसद रहते हुए बेनीवाल केन्द्र की मोदी सरकार से अपने काम भी आसानी से निकलवा सकेंगे.

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