मप्र को एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट की सौगात, सस्ती बिजली का हब बनेगा प्रदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए किया मंच को संबोधित, 10 हजार मेगावॉट की बिजली उत्पादित करेगा प्लांट, 2.97 रुपये/यूनिट होगी क्रय दर जो अब तक की सबसे कम

Riwa Solar Plant
Riwa Solar Plant

PoliTalks.News/MP. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश को एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट की सौगात भेंट की. रीवा में बने अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा प्लांट देश को समर्पित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इसके बाद मध्य प्रदेश साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा. इस प्लांट के बाद हमारे किसानों, मध्यम और गरीब परिवारों और आदिवासियों को फायदा होगा. प्लांट से 10 हजार मेगावॉट बिजली का उत्पादन शुरु होगा. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में ये एक बड़ा कदम है. शुक्रवार को हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विभिन्न सौर ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से मध्य प्रदेश भविष्य में 10,000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करेगा और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम योगदान देगा.

वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति में सूर्य का विशेष महत्व रहा है. उन्होंने एक संस्कृत के श्लोक से समझाया कि जो उपासना के योग्य सूर्य हैं, वे हमें पवित्र करें. सूर्य देव की इस ऊर्जा को आज पूरा देश महसूस कर रहा है. रीवा में ऐसा ही अहसास हो रहा है.

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सोलर एनर्जी 21वीं सदी में ऊर्जा का एक बड़ा माध्यम बनने जा रही है. ये श्योर, प्योर और सिक्योर है. श्योर इसलिए कि जब सभी संसाधन खत्म हो जाएंगे, सूर्य हमेशा चमकता रहेगा. प्योर इसलिए, क्योंकि इससे पर्यावरण पूरी तरह से सुरक्षित और साफ-सुथरा बना रहेगा. सिक्योर इसलिए कि इससे बिजली की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकेगा. जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं-आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, हमारी ऊर्जा की, बिजली की जरूरतें भी बढ़ रही हैं. ऐसे में बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है.

रीवा की पहचान सफेद बाघ से, अब ऊर्जा में नाम जुड़ा

पीएम मोदी ने कहा कि अब तक रीवा की पहचान सफेद बाघ से रही है. अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का नाम भी जुड़ गया है. रीवा का ये प्लांट इस पूरे क्षेत्र को ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा. इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा. इसके अलावा रीवा की ही तरह शाजापुर, नीमच और छतरपुर में भी बड़े सोलर पावर प्लांट पर काम चल रहा है.

भारत को पावर एक्सपोर्टर बनाना है पहला लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सोलर प्लांट ऐसी जमीन पर लगेगा, जो उपजाऊ नहीं है. ऐसे में मुझे पूरा विश्वास है कि मध्य प्रदेश के किसान साथी भी अतिरिक्त आय के इस साधन को अपनाने और भारत को पावर एक्सपोर्टर बनाने के इस व्यापक अभियान को जरूर सफल बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सोलर पावर की ताकत को हम तब तक पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे, जब तक हमारे पास देश में ही बेहतर सोलर पैनल, बेहतर बैटरी, उत्तम क्वालिटी की स्टोरेज कैपेसिटी न हो. अब इसी दिशा में तेज़ी से काम चल रहा है.

सोलर एनर्जी में हम दुनिया के टॉप-5 देशों में पहुंचे

प्रधानमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि हम सौर ऊर्जा के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में पहुंच गए हैं. इसमें भारत आत्मनिर्भर बन रहा है. जब हम आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, तब इकोनॉमी उसका एक सबसे जरूरी भाग है. दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात को लेकर पसोपेश में रहे हैं कि उद्योग बढ़ाएं कि पर्यावरण को लेकिन भारत ने ये दिखाया है कि इकोनॉमी और पर्यावरण एक-दूसरे के पर्याय हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि बिजली आधारित परिवर्तन के लिए नए रिसर्च होने लगी हैं. ऐसे अनेक प्रयास हैं, जो इंसान के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे हैं.

कोरोना और अपनी जिम्मेदारियों का जिक्र किया

पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कोरोना संकट, बचाव और घर से बाहर निकलते हुए जिम्मेदारियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि दो गज़ की दूरी, चेहरे पर मास्क और हाथ को 20 सेकंड तक साबुन से धोने सहित इन नियमों का हमें हमेशा पालन करना है. सरकार हो या समाज, संवेदना और सतर्कता इस मुश्किल चुनौती से निपटने के लिए हमारे सबसे बड़े प्रेरणास्रोत हैं. उन्होंने कहा कि आज जब आप मध्य प्रदेश को, पूरे देश को आगे बढ़ाने के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं तो अपनी जिम्मेदारी भी हमेशा याद रखिए.

750 मेगावाट की परियोजना, बिजली दर 2.97 रुपये/यूनिट

रीवा के गुढ़ में 1590 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थापित सौर ऊर्जा संयंत्र परियोजना 750 मेगावाट की है. यह दुनिया के सबसे बड़े सिंगल साइड सौर सयंत्रों में से एक है. इस सौर ऊर्जा प्लांट में कुल तीन इकाइयां है. प्रत्येक इकाई में 250 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है. परियोजना से पैदा हुई बिजली का 76 फीसदी हिस्सा प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी और 24 फीसदी दिल्ली मेट्रो को दिया जा रहा है. इस परियोजना में प्रति यूनिट की क्रय दर 2 रुपए 97 पैसे है जो अब तक की न्यूनतम दर है. सौर परियोजना को पर्यावरण की दृष्टि से देखें तो रीवा सौर परियोजना से हर साल 15.7 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उर्त्सजन को रोका जा रहा है, जो 2 करोड़ 60 लाख पेड़ों को लगाने के बराबर है.

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