महाविकास अघाड़ी सरकार की डगमगाई गाड़ी, ‘बुरा न मानो होली है’ के साथ राउत का कांग्रेस पर निशाना

शिवसेना को यह नहीं भूलना चाहिए कि महाविकास आघाड़ी सरकार कांग्रेस के समर्थन से ही बनी है, वे शरद पवार की वकालत न करें- नाना पटोले, आसमान में उड़ने की मनाही नहीं है... बस शर्त इतनी है कि जमीन को नजर अंदाज न करें- संजय राउत

nana patole on sanjay raut
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Politalks.News/MaharashtraPolitics. महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. हाल ही में शिवसेना सांसद संजय राउत द्वारा शरद पवार को यूपीए चेयरपर्सन बनाए जाने की वकालत करने के बाद कांग्रेस को शिवसेना और एनसीपी की नजदीकी खटकने लगी है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सजंय राउत पर पलटवार करते हुए कहा कि- ‘शिवसेना को यह नहीं भूलना चाहिए कि महाविकास आघाड़ी सरकार कांग्रेस के समर्थन से ही बनी है, वे शरद पवार की वकालत न करें.’

अब हर बात में हाजिर जवाब शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत कैसे चुप रह सकते थे, राउत ने भी एक ट्वीट करते हुए लिखा है कि- ‘बुरा न मानो होली है’ आसमान में उड़ने की मनाही नहीं है… बस शर्त इतनी है कि जमीन को नजर अंदाज न करें..!! हालांकि इस ट्वीट से यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि राउत ने किसपर हमला बोला है, सियासी घटनाक्रम को देखते हुए राजनीतिक गलियारों में इसे कांग्रेस के ऊपर पलटवार माना जा रहा है.

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यही नहीं इससे पहले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के चेयरमैन पद के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की लॉबिंग कर रहे शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत को आईना दिखाते हुए नाना पटोले ने शरद पवार का प्रवक्ता तक बता दिया था. वहीं इसके बाद पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की पुत्री विधायक प्रणिती शिंदे ने भी राउत पर निशाना साधा है. इससे चर्चा शुरू हो गई है कि संजय राउत के पवार ‘प्रेम’ के चलते महाविकास आघाड़ी सरकार की गाड़ी डगमगा सकती है.

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय लिखने के बाद नेशनल चैनल आज तक के कार्यक्रम में संजय राउत पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन बनाने के लिए खुलकर बोल चुके हैं. राउत ने खुलकर कहा कि यूपीए लकवाग्रस्त हो गया है, इसलिए शरद पवार को गठबंधन का प्रमुख बनाया जाना चाहिए. कांग्रेस की नाराजगी की परवाह किए बिना राउत ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोग यूपीए-2 की तैयारी कर रहे हैं. इसलिए अगर विपक्ष को भाजपा से लड़ना है तो शरद पवार को यूपीए का चेयरमैन नियुक्त करना चाहिए. यही नहीं, राउत ने यह भी कहा कि यूपीए के बारे में बोलने के लिए यूपीए में होना जरूरी नहीं है. यूपीए राष्ट्रीय विषय है, इसलिए राज्यस्तरीय नेता इस बारे में ज्यादा ज्ञान न दें.

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