Politalks.News/Rajasthan. चूरू में आज उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ द्वारा प्रदेश सरकार के खिलाफ निकाली गई आक्रोश रैली में जनसैलाब उमड़ पड़ा. राजेन्द्र राठौड़ के निवास से शुरू हुई आक्रोश रैली में हजारों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. कांग्रेस सरकार के कुशासन के खिलाफ हल्ला बोल करते हुए राठौड़ के नेतृत्व हजारों कार्यकर्तओं और समर्थकों ने बढ़ती हुई विद्युत दरों, किसानों और युवाओं के साथ वादाखिलाफी, लचर कानून व्यवस्था सहित राज्य सरकार की विभिन्न जनविरोधी नीतियों के खिलाफ रैली निकाली और जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इन दौरान राजेन्द्र राठौड़ ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए मांगें पूरी नहीं होने पर बेमियादी पड़ाव डालने का ऐलान किया. राठौड़ की आक्रोश रैली में उमड़े जनसैलाब की चर्चा जयपुर से दिल्ली तक हो रही है.
जनता गहलोत सरकार को सत्ता से हटाने का बना चुकी है मन- राठौड़
आक्रोश रैली के बाद हुई सभा को संबोधित करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘महज 0.5 फीसदी अधिक वोट लेकर सत्ता में आसीन हुई गहलोत सरकार की विदाई के लिए प्रत्येक नागरिक लालायित है. आज चूरू जिले के विभिन्न गांवों-ढाणियों से बड़ी संख्या में पधारे लोगों में राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश दिख रहा है और आमजन सरकार को सत्ता से उखाड़ने का पूरी तरह मन बना चुका है. हल्ला बोल कार्यक्रम में दिख रहा जनाक्रोश तो महज ट्रेलर है, पूरी फिल्म तो अभी बाकी है‘.
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‘इतिहास के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री साबित हुए गहलोत’
भाजपाई दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस की आंतरिक कलह को निशाना बनाते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस सरकार का जन्म ही अंतर्विरोध के साथ हुआ है. दुर्भाग्य है कि सरकार के मुखिया अशोक गहलोत राजस्थान की जनता की सुध लेने की बजाय पूरे समय अपने असंतुष्ट विधायकों को शांत करने एवं सरकार बचाने में लगे रहे और उन्हें होटलों की शरण लेनी पड़ी’. मंत्रिमंडल पुनर्गठन और सीएम सलाहकारों की नियुक्ति पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने कहा कि, ‘राजस्थान के इतिहास में पहली बार है जब मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद मुख्यमंत्री को 6 सलाहकारों को नियुक्त करने की जरूरत पड़ी यानी कि सरकार के मुखिया इतिहास के सबसे कमजोर मुख्यमंत्री के रूप में साबित हुए हैं’.
‘देश की सबसे महंगी बिजली राजस्थान में, बिजली खरीद में हो रहा भ्रष्टाचार’
बिजली संकट और बढ़ते बिलों को लेकर दिग्गज भाजपाई नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘देश में सबसे महंगी बिजली राजस्थान में है और राज्य में बिजली खरीद में भ्रष्टाचार हो रहा है. क्योंकि सरकार सस्ती बिजली मिलने के बावजूद निजी विद्युत कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए महंगी दरों पर बिजली खरीदकर अपनी तिजोरी भर रही है. वहीं फ्यूल सरचार्ज, स्थायी शुल्क और अन्य विभिन्न तरह के सरचार्ज के नाम पर विद्युत उपभोक्ताओं पर अनावश्यक भार लादा जा रहा है. बिजली वितरण कम्पनियों को समय पर बकाया भुगतान नहीं कराए जाने से प्रदेश में उत्पन्न हुए कोयले संकट के लिए भी गहलोत सरकार जिम्मेदार है. इतना ही नहीं चूरू जिले में किसानों द्वारा डिमांड राशि भरने के बाद भी प्रशासन द्वारा विद्युत कनेक्शन नहीं दिया जा रहा है’.
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‘कांग्रेस का जनघोषणा पत्र ढकोसला और झूठ का पुलिंदा’
कांग्रेस सरकार के जनघोषणा पत्र के वादों को ढकोसला बताते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने आगे कहा कि, ‘किसान, युवा व महिला से कई वादे किये लेकिन सारे वादे ढकोसले साबित हो रहे हैं. संपूर्ण कर्जमाफी नहीं होने से किसान आज स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहा है. यूरिया व डीएपी के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइन में किसान भाई-बहन घंटों खड़े रहने को मजबूर है. इतना ही नहीं किसानों से प्रीमियम लेकर व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा एवं सहकार जीवन सुरक्षा बीमा करने वाली राज्य की प्रमुख इंश्योरेंस कंपनी ने भी अनुबंध खत्म कर दिया है यानी कि किसान की दुर्घटना या सामान्य मृत्यु दोनों स्थितियों में किसी प्रकार का बीमा कवर किसानों के परिवार को नहीं मिल पायेगा’. राठौड़ ने बताया कि, ‘सरकार ने जनघोषणा पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने, भर्ती प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा करने जैसे अनेकों घोषणाएं की थी जो 3 साल से कागजों में ही है. सरकार का जनघोषणा पत्र झूठ का पुलिंदा साबित हुआ है. अगले माह दिसंबर में राज्य सरकार का 3 वर्षीय कार्यकाल पूरा होने वाला है लेकिन अब तक के शासन में किसान, नौजवान, दलित, मजदूर व महिला सहित ऐसा कोई वर्ग नहीं बचा है जो राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों से त्रस्त ना हुआ हो’ .
‘प्रदेश में महफूज नहीं है बहन-बेटियां’
कानून व्यवस्था को लेकर गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए विधायक राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान वर्ष 2019 के बाद 2020 में फिर से देश में पहले पायदान पर है यानी राज्य में बहन-बेटियां बिल्कुल भी महफूज नहीं है. वहीं दलित अत्याचारों में राजस्थान का देश में तीसरे स्थान पर होने से स्पष्ट है कि प्रदेश में दलित वर्ग पर अत्याचार की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है’.
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”प्रशासन मजाक के संग’, नहीं हो रहे हैं जनता के काम’
वहीं प्रशासन शहरों/ गांवों के संग अभियान को फेल बताते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान ‘प्रशासन मजाक के संग’ बनकर रह गया है जिसमें आमजन से जुड़ा इक्का-दुक्का कार्य भी बमुश्किल से हो रहे हैं. दुर्भाग्य है कि सरकारी कैंप में अधिकारी आमजन से पट्टों की एवज में घूस मांग रहे है, पाली जिले के जैतारण में 40 हजार रुपये की घूस मांगने का मामला इसका ताजा उदाहरण है’.