रा.सभा चुनाव: राजस्थान में मिली कांग्रेस की खुशी को छीन लिया हरियाणा ने, महाराष्ट्र में भी बीजेपी का खेला

नामांकन वापसी के अंतिम दिन 41 सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचन के बाद शुक्रवार को देश के 4 राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान संपन्न हुए, राजस्थान में जहां सीएम गहलोत का जादू चल गया तो वहीं हरियाणा में कांग्रेस के साथ बड़ा खेला हो गया, वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना को भी लगा बड़ा झटका

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Politalks.News/RajysabhaElection. लगभग एक महीने से जारी राज्यसभा चुनाव का सियासी घमासान आज ख़त्म हो गया है. 15 राज्यों की कुल 57 राज्यसभा सीटों पर होने वाले चुनावों के लिए नामांकन वापसी के अंतिम दिन 41 सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचन के बाद शुक्रवार को देश के 4 राज्यों की 16 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान संपन्न हुए. सबसे बड़ी बात राज्यसभा चुनाव के आज के परिणाम कांग्रेस के लिए थोड़े खुशी थोड़े गम देने वाले रहे. राजस्थान में जहां कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का सियासी जादू एक बार फिर चल गया तो वहीं हरियाणा में भी लंबे इंतजार के बाद देर रात कांग्रेस के साथ बड़ा खेला हो गया. निर्दलीय प्रत्याशी ने कांग्रेस उम्मीदवार को हरा दिया. बात करें महाराष्ट्र की तो छठी सीट के लिए अंतिम समय तक पेंच फंसा रहा लेकिन कुछ निर्दलियों और पार्टी समर्थित विधायकों की क्रॉस वोटिंग के कारण शिवसेना का महज एक ही प्रत्याशी जीत हासिल कर सका. तो वहीं कर्नाटक राज्यसभा चुनाव में जेडीएस का हाथ खाली रहा. आपको बता दें, राजस्थान और कर्नाटक में कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस वोटिंग देखने को मिली जबकि हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी के पक्ष में.

हालांकि, राज्यसभा में चुनाव में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर बीजेपी का प्रतिनिधिमंडल शाम को निर्वाचन आयोग पहुंचा और हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी ने चुनाव को रोकने की मांग की. देर रात दोनों ही राज्यों में 1.30 बजे बाद मतगणना हुई और दोनों ही राज्यों के परिणाम बीजेपी के पक्ष में आए. हरियाणा में जहां  कांग्रेस क्रॉस वोटिंग और वोट निरस्तीकरण का शिकार हुई तो ठीक ऐसा कुछ नजारा महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ हुआ. शिवसेना केवल अपने एक प्रत्याशी को जीत दिला पाई. इससे पहले जिसके चलते दोनों राज्यों में मतगणना में बहुत ज्यादा देरी हुई. मोदी सरकार में मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत सहित भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में भारत के चुनाव आयोग ऑफिस पहुंचा था. चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमने मांग की है कि मतदान में गोपनीयता के टूटे नियमों के आधार पर इस चुनाव को अमान्य घोषित किया जाए. महाराष्ट्र और हरियाणा में राज्य सभा चुनावों के संबंध में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज ECI के साथ मुलाकात की. हमारी पार्टी ने विशिष्ट राज्यों में भी शिकायतें दर्ज़ कराई हैं.

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हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और बीबी बत्रा के वोट को रद्द करने की मांग की. शर्मा ने कहा है कि इन्होंने चुनाव नियम 1961 के तहत वोटों की गोपनियता का उल्लंघन किया है. वहीं महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव के लिए मतगणना में शुक्रवार शाम को देरी हुई, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के तीन विधायकों की ओर से नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए डाले गए मतों को लेकर आपत्ति जताई. महाराष्ट्र प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा, ‘कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड, यशोमती ठाकुर और शिवसेना विधायक सुहास कांडे ने मतदान के लिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया. हमने निर्वाचन आयोग के समक्ष अपील की है कि उनके वोटों को अमान्य ठहराया जाए. हालांकि दोनों जगहों पर देरी से मतगणना हुई और परिणाम घोषित किए गए.

सबसे पहले बात करें राजस्थान की तो यहां शुक्रवार को राज्यसभा की 4 सीटों के लिए मतदान हुआ. कांग्रेस के तीन प्रत्याशी रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवाड़ी ने आसानी से जीत हासिल कर ली है और बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी को भी जीत मिल चुकी है. वहीं अपनी जीत को आस्वस्त दिख रहे निर्दलीय प्रत्याशी और एस्सेल ग्रुप के चैयरमेन डॉ सुभाष चंद्रा को हार का सामना करना पड़ा. हालांकि चंद्रा को बीजेपी का समर्थन प्राप्त था लेकिन वे निर्दलीय विधायकों को अपने साथ नहीं ला पाए. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की करीबी एवं धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाहा ने कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में अपना वोट डाला. जिसके बाद से ही ये साफ हो गया था कि कांग्रेस की जीत पक्की है.

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कुशवाहा के अलावा बीजेपी विधायक सिद्धि कुमारी से भी वोट डालने में गड़बड़ी हुई. भाजपा की सूची के अनुसार सिद्धि कुमारी को डॉ सुभाष चंद्रा के समर्थन में अपना वोट डालना था लेकिन उन्होंने पार्टी प्रत्याशी घनश्याम तिवाड़ी के पक्ष में वोट डाला. आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी पहले दिन से ही अपनी जीत को लेकर आस्वस्त थी. तो वहीं हॉर्स ट्रेडिंग की कवायदों के चलते दोनों ही दलों ने अपने अपने विधायकों को बाड़ेबंदी में भी रखा. मतदान से पहले तक निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायक सरकार से नाराज चल रहे थे. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर जादू की छड़ी चलाते हुए सभी विधायकों को अपने पक्ष में लिया बल्कि पार्टी के राज्यसभा प्रत्याशियों को जीत भी दिलाई.

राजस्थान की तरह हरियाणा में भी कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के कयास लगाए जा रहे थे. देर रात एक बार तो कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन की जीत की घोषणा भी हो चुकी थी लेकिन एक कांग्रेसी विधायक का वोट निरस्त होने के कारण वहां बड़ा खेला हो गया और निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा को ने जीत दर्ज कर ली. देर रात 1.30 बजे बाद आए इन परिणामों ने कांग्रेस को झटका दे दिया. सूत्रों का कहना है आलाकमान से नाराज चल रहे कुलदीप बिश्नोई ने क्रॉस वोटिंग की थी. मतदान के समय कयास लगाए जा रहे थे कि बिश्नोई शुक्रवार देर शाम तक राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राहुल गांधी ने उन्हें दोपहर का समय दिया था लेकिन कारणवश वो भी मीटिंग कैंसल हो गई. बीजेपी के कृष्ण लाल पंवार और बड़ा खेला करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी कार्तिकेय शर्मा ने राज्यसभा चुनाव में जीत दर्ज की है.

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महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए मतदान हुआ. शिवसेना और बीजेपी के बीच छठी सीट के लिए जमकर टक्कर हुई लेकिन आखिर में शिवसेना औंधे मुंह जा गिरी. हरियाणा के साथ साथ महाराष्ट्र का परिणाम भी देर रात जारी हुआ. शिवसेना ने जहां अपने दो विधायकों को मैदान में उतारा था तो वहीं एनसीपी ने एक और कांग्रेस ने भी एक प्रत्याशी को मैदान में उतारा था. हालांकि सूबे की सरकार को समर्थन दे रही AIMIM ने कांग्रेस प्रत्याशी को वोट डालने की घोषणा अल सुबह ही कर दी थी. कांग्रेस एनसीपी और शिवसेना के जहां एक एक उम्मीदवार ने जीत दर्ज की तो वहीं बीजेपी के तीनों  वहीं बीजेपी के तीनों प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की. महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी से सरकार से नाराज चल  रहे कुछ निर्दलीय और पार्टी समर्थित विधायकों के कारण ही शिवसेना के दूसरे प्रत्याशी संजय पंवार को हार का मूंह देखना पड़ा. शिवसेना की तरफ से संजय राउत, एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस की तरफ से इमरान प्रतापगढ़ी और बीजेपी की तरफ से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और डॉ अनिल बोंडे और धनंजय महादिक ने जीत हासिल की है.

कर्नाटक में भी राज्यसभा का मुकाबला काफी रोचक रहा. राज्यसभा की 4 सीटों पर मतदान के दौरान क्रॉस वोटिंग भी हुई. जेडीएस के विधायकों ने कांग्रेस प्रत्याशी मंसूर अली खान के समर्थन में अपना वोट डाला. नामांकन से पूर्व यहां चारों उम्मीदवार आसानी से जीत हासिल कर रहे थे लेकिन कांग्रेस ने मंसूर अली खान के रूप में अपना दूसरा प्रत्याशी उतार कर पेंच फंसा दिया. क्रॉस वोटिंग को लेकर जेडीएस ने कांग्रेस पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाया है. भाजपा की तरफ से जहां केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, कन्नड़ फिल्म अभिनेता जग्गेश और लहर सिंह के साथ कांग्रेस प्रत्याशी जयराम रमेश को जीत हासिल हुई है.

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