पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे चरण की सोमवार को शुरूआत हुई. सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने प्रदेश के कई मुद्दों पर सरकार को घेरा. इसके साथ ही राजेन्द्र राठौड़ ने डिप्टी सीएम व पीसीसी चीफ सचिन पायलट की तारीफ करते हुए सीएम अशोक गहलोत पर जमकर निशाना साधा. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में 6 साल तक कांग्रेस की सरकार बनवाने के लिए सचिन पायलट ने संघर्ष किया और जब मुख्यमंत्री बनने की बारी आई तो मुख्यमंत्री बन गए अशोक गहलोत.
विधानसभा में उपनेता प्रतीपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने बहस के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि राजस्थान की जनता का अंदाज निराला है. प्रत्येक 5 वर्ष में सत्ता परिवर्तन करना जन आदत बन गई है. प्रदेश में सरकार के एक साल पूरा होते ही उसकी पटकथा लिखना प्रारंभ हो जाता है. इस बार सत्ता परिवर्तन की पटकथा लिखने वाले किरदार दूसरे थे और आज सत्ता के शिखर पर बैठने वाले किरदार दूसरे है.
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वहीं सचिन पायलट की तारीफ करते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि डिप्टी सीएम सचिन पायलट जो कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने 20 जनवरी को प्रदेशाध्यक्ष के सबसे लंबे कार्यकाल को पूरा किया है. राठौड़ ने बताया कि अपने 6 वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर सचिन पायलट ने कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता लाने के लिए उन्होंने लगातार संघर्ष किया तब जाकर कांग्रेस की सरकार बनी है. वहीं सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने कहा कि हमारे सदन के नेता अशोक गहलोत एक कार्यक्रम में कहते हैं कि राजस्थान के गांव, ढाणी, शहर और कस्बे में एक ही आवाज उठी थी कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने इसलिए मैं तीसरी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बना.
बहस के दौरान राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार के एक साल के कार्यकाल पूरा होने पर आयोजित हुए कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार के एक साल पूरा होने के जश्न में सरकार बदली-बदली नजर आई. सरकार के एक साल पूरा होने पर आयोजित कार्यक्रमों में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का चेहरा ना पोस्टर्स में था और ना ही होर्डिग्स में. राजेन्द्र राठौड़ ने सचिन पायलट को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने आर्टिकल में लिखे सामूहिक उत्तरदायित्व की अवधारणा का अपनी ही सरकार को बोध करवाया.
कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले दिनों हुई नवजात बच्चों की मौत का जिक्र करते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 35 दिन के अंदर वहां 112 बच्चों की मौत हुई. इस घटना से राजस्थान शर्मसार हुआ और देशभर की मीडिया की सुर्खियों में रहा. यह पूरा मामला जब दिल्ली आलाकमान के पास पहुंचा तो उप मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कमेटी बनी और उपमुख्यमंत्री अपने दो मंत्रियों को साथ कोटा पहुंचे. इस दौरान पायलट ने कहा कि जितने बच्चों की मौत हुई है, उसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने इस पर बयान दिया कि अस्पताल के अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार पीडब्ल्यूडी विभाग है. राठौड ने आगे कहा कि आखिर जिम्मेदारी किसकी है और यह सरकार जिम्मेदारी से क्यों भाग रही है.
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राजेन्द्र राठौड़ ने आगे गहलोत सरकार के मंत्रियों की आपस में और ब्यूरोक्रेसी के साथ तालमेल नहीं होने का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव की बात करें चाहे स्थानीय निकाय चुनाव में हाइब्रिड चुनाव प्रणाली लागू करने की, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने यूडीएच मिनिस्टर के अहंकार का मर्दन किया है. जब सरकार अपने एक वर्ष पूरे होने का जश्न मना रही थी तब पर्यटन मंत्री ने कहा ब्यूरोक्रेसी बेलगाम है, मनमानी नहीं रुकी तो जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी. खाद्य मंत्री रमेश मीणा ने कहा ब्यूरोक्रेट्स कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुन नहीं रहे है. खान मंत्री ट्विटर पर लिखते हैं मैंने महसूस किया सरकार बदल गई लेकिन ब्यूरोक्रेसी नहीं बदली, ब्यूरोक्रेसी का यह रवैया ठीक नहीं है.