राहुल गांधी ने खोला PM मोदी और अडाणी की दोस्ती का राज! बताया कैसे मिलते हैं सरकारी कॉन्ट्रेक्ट्स

2014 में दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में अडाणी 609 नंबर पर थे, पता नहीं जादू हुआ और यह दूसरे नंबर पर आ गए, भारत सरकार ने CBI-ED पर दबाव डालकर GVK से लेकर अडाणी को दिलवाया एयरपोर्ट, नियम बदलकर अडानी को दिए गए 6 एयरपोर्ट, मैं दूंगा सबूत भी- राहुल गांधी

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Rahul Gandhi on Adani & PM Modi. संसद में जारी मोदी 2.0 सरकार के आखिरी पूर्णकालिक बजट सत्र में मंगलवार का दिन भी जबरदस्त हंगामेदार रहा. कन्याकुमारी से कश्मीर तक की भारत जोड़ो यात्रा ऐतिहासिक सफलता से गदगद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में बोलते हुए अडाणी ग्रुप के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कई गंभीर आरोप लगाए. राहुल ने बजट सत्र में अपने भाषण की शुरुआत जहां भारत जोड़ो यात्रा से की तो वहीं भाषण के अंत में अडाणी का नाम लेकर पीएम मोदी पर जबरदस्त निशाना साधा. राहुल गांधी ने संसद में अपने भारत जोड़ो यात्रा से जुड़े अनुभव साझा करते हुए कहा कि लोगों ने हमें अपने समस्याएं बताईं और यह सवाल भी किया कि अडाणी इतने कम समय में इतने सारे व्यापार कैसे करने लगे हैं. उनका पीएम नरेंद्र मोदी से रिश्ता क्या है.

आपको बता दें कि दुनिया के टॉप 10 सबसे धनी व्यक्तियों में शामिल रह चुके भारत के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर राहुल गांधी पहले से सरकार पर हमलावर रहते हैं. ऐसे में इस बार मौका भी था और दस्तूर भी, तो राहुल गांधी ने मौके का फायदा उठाते हुए लोकसभा में पोस्टर भी लहराए और गौतम अडानी को लेकर सरकार से कई सवाल भी किए. वहीं लोकसभा स्पीकर बार-बार उनसे कहते रहे कि संयम बरते. आखिर स्पीकर बिरला ने राहुल को चेतावनी देते हुए कहा कि आप मोदी अडाणी के पोस्टर लहराओगे तो वो अशोक गहलोत और अडाणी के पोस्टर दिखाएंगे. इससे पहले अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति अभिभाषण में बहुत सारी योजनाएं बोली गईं, लेकिन अग्निवीर के बारे में सिर्फ एक बार बोला गया. इसी तरह अभिभाषण में बेरोजगारी और महंगाई का शब्द ही नहीं था. जनता कुछ कह रही है, लेकिन राष्ट्रपति अभिभाषण में कुछ नहीं है. इस दौरान राहुल ने विदेश नीति को लेकर भी मोदी बसरकार पर हमला बोला.

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अपनी भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार की अग्निवीर योजना पर हमला बोला. राहुल ने कहा कि यात्रा में युवाओं ने हमसे कहा हमें पहले सर्विस और पेंशन मिलती थी, लेकिन अब हमें 4 साल के बाद निकाल दिया जाएगा, वरिष्ठ अफसरों ने कहा कि हमें लगता है अग्नीवीर योजना हमसे नहीं बल्कि RSS की ओर से आई है और इसे आर्मी पर थोपा गया है. साथ ही राहुल ने आगे कहा कि आज पैदल यात्रा करने की परंपरा खत्म हो गई है. शुरुआत में चलते वक्त हम लोगों की आवाज़ सुन रहे थे मगर हमारे दिल में यह भी था कि हम भी अपनी बात रखें. हमने हजारों लोगों से बात की, बुजुर्गों से और महिलाओं से बात की और फिर इस प्रकार से यात्रा हमसे हमसे बात करने लगी.

आगे गौतम अडाणी पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा के दौरान केरल, तमिलनाडु और पूरे हिंदुस्तान में सभी जगह एक नाम सुनने को मिला और वह था सिर्फ अडानी. इस नाम के बारे में जब लोग मुझसे बोलते थे तो दो-तीन सवाल पूछते थे, यह जो अडानी हैं वह किसी भी बिजनेस में घुस जाता है और सफलता प्राप्त करता है, यह कैसे हो रहा है. युवा भी मुझसे पूछते थे कि हम भी जानना चाहता हैं कि यह कैसे इतने सक्सेस हो रहे हैं. इसके बाद वह पूछ रहे थे कि यह अडानी है. वह 8 से 10 बिजनेस में काम करते हैं. सीमेंट, पोर्ट, एनर्जी और बहुत से लोग पूछते थे कि अडानी का नेटवर्थ जो 2014 से 2022 इतना ज्यादा कैसे आगे बढे. 8 बिलियन से 108 में कैसे पहुंच गए. 2014 में यह 609वें नंबर पर थे. हिमाचल में सेब की बात होती है अडानी जी, कश्मीर में सेब की बात होती है अडानी जी, एयपोर्ट की बात होती है अडानी जी, सडक पर चल रहे है तो अडानी जी, यह इतने बिजनेस में कैसे घुस गए और कैसे सफल हो जाते हैं और इसके साथ ही इनका हिंदुस्तान के पीएम के साथ क्या रिश्ता है.

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आगे राहुल गांधी ने कहा कि मैंने सोचा की आज के राष्ट्रपति के अभिभाषण में पीएम मोदी और गौतम अडाणी के रिश्ते के बारे में मैं थोड़ा बता देता हूं. दोनों का रिश्ता शुरू हुआ बहुत समय पहले, जब मोदी जी गुजरात के सीएम थे. दोनों कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे. वह मोदी को गुजरात के बारे में आइडिया देते थे. उन्होंने कहा कि अगर आप बिजनेस मैन को साथ लोगे तो आप वाइब्रेंट गुजरात कर सकते हैं और इससे प्रदेश आगे बढेगा. तभी से खेल शुरू हुआ. 2014 में मोदी जी दिल्ली आते हैं और असली खेल वहीं से शुरू होता है. 2016 में वह 609 नंबर पर थे और कुछ ही सालों में दूसरे नंबर पर थे.

राहुल गांधी ने कहा कि कुछ साल पहले सरकार ने हिंदुस्तान के एयरपोर्ट को डवलेप करने के लिए नियमों को बदल दिया. उस समय रूल था कि जिस किसी को एयरपोर्ट बनाने का अनुभव नहीं है, वह एयरपोर्ट नहीं बना सकता. अगर कोई एयरपोर्ट बिजनेस में था तो वह एयरपोर्ट नहीं ले सकता था. इस नियम को हिंदुस्तान की सरकार ने बदला. नियम किसने बनाया यह महत्वपूर्ण नहीं इसको बदला किसने यह महत्वपूर्ण है. उस समय मीडिया में इसके बारे में चर्चा हुई थी और अडाणी जी को 6 एयरपोर्ट दिए गए थे. इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके बाद भारत का सबसे ज्यादा प्रोफिट में चलने वाले एयरपोर्ट को ईडी का दबाव बनाकर अडाणी के हाथों में दे दिया है. अडाणी हिंदुस्तान के 24 फीसदी एयरपोर्ट ट्रैफिक को अपने यहां से निकालते हैं.

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यही नहीं राहुल गांधी ने आगे कहा कि सबसे मजे की बात यह है कि अडानी को विदेशों में भी कांट्रैक्ट मिल जाता है. इनके पास 4 डिफेंस की कंपनी है. पीएम इजरायल जाते हैं और पैदल चलते है लेकिन पीछे से जादू से जहाजों का मैंटिनेंस, ऑर्म और हथियार का बिजनेस अडानी को मिल जाते हैं. डिफेंस इलेक्ट्रोनिक का काम करने वाली कंपनी को अडानी जी के हवाले कर दिया है. एयरपोर्ट का 30 फीसदी अदाणी के पास चला गया. हिंदुस्तान और इजरायल का हथियारों वाला बिजनेस 90 फीसदी उठा कर ले गए.

राहुल गांधी के भाषण की बड़ी बातें

  • 2014 में दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में अडाणी 609 नंबर पर थे, पता नहीं जादू हुआ और यह दूसरे नंबर पर आ गए. लोगों ने पूछा आखिर यह सफलता कैसे हुई?और इनका भारत के PM के साथ क्या रिश्ता है?मैं बताता हूं कि यह रिश्ता काफी साल पहले शुरू हुआ जब नरेंद्र मोदी CM थे.
  • अडाणी के लिए एयरपोर्ट के नियमों में बदलाव किए गए, नियमों को बदला गया और नियम किसने बदले यह ज़रुरी बात है. यह नियम था कि अगर कोई एयरपोर्ट के व्यवसाय में नहीं है तो वे इन एयरपोर्ट को नहीं ले सकता है. इस नियम को भारत सरकार ने अडाणी के लिए बदला.
  • भारत सरकार ने CBI-ED पर दबाव डालकर एजेंसी का प्रयोग करते हुए GVK से लेकर एयरपोर्ट को अडानी सरकार को दिलवाया गया. नियम बदलकर अडानी को 6 एयरपोर्ट दिए गए. मैं इसके सबूत भी दे दूंगा. ड्रोन सेक्टर में भी अडानी का कोई अनुभव नहीं था.
  • अडानी ने BJP को 20 साल में कितने पैसे दिए? पहले मोदी अडाणी के जहाज में जाते थे अब अडाणी मोदी के जहाज में जाते हैं. पीएम मोदी और अडाणी एक साथ काम करे हैं.
  • कुछ दिन पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई उसमें लिखा था अडाणी की भारत के बाहर शेल कंपनी है, सवाल है कि शेल कंपनी किसकी है? हजारों करोड़ रुपया शेल कंपनी भारत में भेज रही है यह किसका पैसा है? क्या यह काम अडाणी फ्री में कर रहा है?
  • प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और जादू से SBI एक बिलियन डॉलर का लोन अडाणी को देता है. प्रधानमंत्री फिर बांग्लादेश गए और 1500 मेगावाट बिजली का ठेका अडानी को चला जाता है. LIC का पैसा अडानी की कंपनी में क्यों डाला गया?

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