नए संसद भवन पर लगे अशोक स्तंभ को लेकर उठे सवाल, कांग्रेस ने बताया राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान तो..

नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा के शीर्ष पर स्थापित होने वाले इस नए विशालकाय अशोक स्तम्भ को लेकर गरमाई सियासत, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने उठाए सवाल तो आप सांसद संजय सिंह ने साधा केंद्र पर निशाना, बोले कपिल मिश्रा- संजय सिंह जी, भगवंत मान जी वाली दवाई पीकर ट्वीट मत किया कीजिये, आप झेल नहीं पाते

राष्ट्रीय प्रतीक पर सियासी बवाल
राष्ट्रीय प्रतीक पर सियासी बवाल

Politalks.News/Bharat/AshokStambh. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के शीर्ष पर स्थापित होने वाले राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया. लेकिन पीएम मोदी द्वारा किए गए राष्ट्रीय प्रतीक के अनावरण की फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ ही इसकी बनावट को लेकर विवाद शुरू हो गया है. जानकारों ने इस नए अशोक स्तंभ के चारों शेरों में में उस तरह की सुघड़ता, पूर्णता और आकर्षण का अभाव बताया है जो मूल सारनाथ के अशोक स्तंभ के शेरों में है. इस मुद्दे ने देश के सोशल मीडिया के साथ-साथ विपक्ष में एक नई बहस छेड़ दी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसे भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का एक बेशर्म अपमान बताया तो वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी इसको लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा है.

आपको बता दें, नए संसद भवन सेंट्रल विस्टा के शीर्ष पर स्थापित होने वाले इस नए विशालकाय अशोक स्तम्भ के अनावरण के मौके पर पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह भी उपस्थित रहे. इस नए राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ का कुल वजन 9500 किलोग्राम है और ये कांस्य से बना है. इसकी ऊंचाई 6.5 मीटर है, इसे न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग के सेंट्रल फ़ोयर के शीर्ष पर कास्ट किया गया है. इस अशोक स्तम्भ को सपोर्ट देने के लिए करीब 6500 किलोग्राम वजन वाले स्टील की प्लेट फ़ॉर्म का निर्माण किया गया है. बता दें, चार शेरों वाला यह अशोक स्तंभ हमारे देश का राष्ट्रीय प्रतीक जो देश की हर राजकीय इमारत, कागज, सेना, पुलिस आदि की वर्दी का अनिवार्य अंग है. इस प्रकार, अशोक स्तंभ का चार शेरों वाला स्तंभ भारत के राष्ट्रीय चिह्न के रूप में पुरे विश्व में विख्यात है.

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लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अनावरित नए विशालकाय अशोक स्तम्भ की बनावट पर सवाल उठने लगे हैं. जानकारों का कहना है कि, सोमवार को जिस राष्ट्रीय चिह्न के नाम पर चार शेरों वाले राष्ट्रीय प्रतीक का प्रधानमंत्री जी ने उद्धघाटन किया है, उस मूर्ति के, शेरों के भाव और अशोक स्तंभ सारनाथ के शेरों के भाव से स्पष्ट रूप से अलग दिख रहे हैं. नई संसद के शिखर पर रखी गई मूर्ति के शेरों के शरीर भी मूल स्तंभ के शेरों से अलग और बेडौल बने हुए हैं, साथ ही उनके मुंह अधिक खुले हैं.

कुछ जानकारों का तो ये भी कहना है कि नई मूर्ति में वह सुघड़ता, पूर्णता और आकर्षण का अभाव है जो मूल सारनाथ स्तंभ के शेरों में है. अब इस पुरे मामले के सामने आने के बाद देश की सियासत और भी ज्यादा गरमा गई है. सोशल मीडिया पर लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, ‘सारनाथ में अशोक के स्तंभ पर शेरों के चरित्र और प्रकृति को पूरी तरह से बदलना भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का एक बेशर्म अपमान है.’ वहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया सामने आई है.

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आप नेता संजय सिंह ने अपनी इस ट्वीट पोस्ट के साथ एक अविषेक गोयल नाम के यूजर के ट्वीट को शेयर करते हुए लिखा ‘मैं 130 करोड़ भारतवासियों से पूछना चाहता हूँ राष्ट्रीय चिन्ह बदलने वालों को “राष्ट्र विरोधी”बोलना चाहिये की नही बोलना चाहिये.’ बता दें ट्वीटर यूजर अविषेक गोयल ने अशोक स्तम्भ की पुरानी और नई फोटो शेयर करते हुए लिखा कि, आप स्वतः ही निष्कर्ष निकालें…. नीचे हमारे राष्ट्रीय चिन्ह की 2 तस्वीरें हैं 👇🏻 एक में सिंह जिम्मेदार शासक की तरह गंभीर मुद्रा में दिख रहा है और दूसरे में सिर्फ आदमखोर शासक की भूमिका मे खौफ फैलाने जैसा…

अब संजय सिंह के इस ट्वीट पर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने निशाना साधा है. संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘संजय सिंह जी, भगवंत मान जी वाली दवाई पीकर ट्वीट मत किया कीजिये, आप झेल नहीं पाते. अशोक चिन्ह के शेर को आदमखोर कह कर आप केवल खुद की बची खुची इज्जत का केजरीवाल बनवा रहे हो.’

https://twitter.com/KapilMishra_IND/status/1546546687451078656?s=20&t=ZZ0xCkY7yGyF80JEYogfdQ

वहीं काली विवाद को लेकर चर्चा में रहने वाली TMC नेता महुआ मोइत्रा की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘सच कहा जाए, सत्यमेव जयते से सिंघमेव जयते में संक्रमण लंबे समय से आत्मा में पूरा हुआ है.’ वहीं मोइत्रा ने अपने अगले ट्वीट में संघ पर निशाना साधते हुए कहा कि, क्षमा करें, मेरा मतलब था कि सत्यमेव जयते से संघीमेव जयते में संक्रमण पूरा हो गया है. आइए शेरों को शामिल न करें.’

 

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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अशोक स्तम्भ का उद्धघाटन करने पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने निशाना साधा था. ओवैस ने पीएम मोदी के अशोक स्तम्भ के उद्धघाटन करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि, ‘संविधान- संसद, सरकार और न्यायपालिका की शक्तियों को अलग करता है. सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री को नए संसद भवन के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक का अनावरण नहीं करना चाहिए था. लोकसभा का अध्यक्ष लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है, जो सरकार के अधीन नहीं है. प्रधानमंत्री ने सभी संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है.’

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