अगले हफ्ते तक प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (Congress) की नई टीम बना लेंगी. प्रदेश में पांच विधानसभा सीटों पर उप चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार घोषित होने के साथ ही प्रियंका गांधी को पूरे उत्तर प्रदेश (UttarPradesh) का प्रभार सौंपने की तैयारी कांग्रेस की रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव है. पिछले तीन महीने से प्रियंका प्रदेश में सक्रिय हैं. वह लगातार कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठकें कर रही हैं.

पिछला लोकसभा चुनाव बुरी तरह हारने के बाद कांग्रेस के सामने उत्तर प्रदेश में अपना अस्तित्व बचाने की चुनौती है. अब तक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार है. मंगलवार को उन्होंने पूरे प्रदेश के पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्दी ही उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपा जा सकता है. इसके बात प्रियंका अपने हिसाब से पार्टी का कायाकल्प करेंगी.

इससे पहले तक ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी थे. पार्टी के हारने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद कांग्रेस की तरफ से जल्दी ही प्रियंका गांधी वाड्रा को औपचारिक रूप से 2022 तक पूरे उत्तर प्रदेश की प्रभारी घोषित किए जाने की संभावना है. उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होंगे. प्रियंका तैयारियों में जुट गई हैं. प्रदेश के अनेक कांग्रेस नेता मांग कर चुके हैं कि प्रियंका को उप्र में मुख्यमंत्री पद की दावेदार घोषित करते हुए उनके नाम पर पार्टी को चुनाव लड़ना चाहिए.

समझा जाता है कि प्रियंका मुख्यमंत्री पद की दावेदार तो नहीं बनेंगी, लेकिन पार्टी का पुनर्गठऩ उनके हिसाब से होगा. उत्तर प्रदेश में एक हफ्ते में नई प्रदेश कांग्रेस समिति की घोषणा हो सकती है. यह युवा नेताओं की टीम होगी और ज्यादातर पदाधिकारियों की औसत उम्र 38-40 वर्ष से अधिक नहीं होगी. नई टीम में सभी नए चेहरे होंगे. उन लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी, जो अब तक पार्टी में किसी प्रशासनिक पद पर नहीं रहे हों.

बड़ी खबर: राजस्थान कांग्रेस में एक व्यक्ति एक पद की मांग तेज

एक कांग्रेस नेता ने बताया कि पिछले तीन महीने से कांग्रेस के सचिव जुबैर खान, बाजीराव खाडे, सचिन नाइक और अन्य नेता जून से ही प्रियंका के निर्देश पर प्रदेश के दौरे कर चुके हैं. उन्होंने पूरे प्रदेश में पार्टी की मौजूदा स्थिति को लेकर रिपोर्ट तैयार कर ली है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन किया जाएगा. इसमें संगठनात्मक परिवर्तन प्रभारी अजय कुमार लल्लू की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी. लल्लू को कांग्रेस की पूर्वी उप्र इकाई का अध्यक्ष बनाए जाने की पूरी संभावना है.

नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी में दलितों, पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधियों और महिलाओं की संख्या ज्यादा रहेगी. पार्टी ने यह फैसला किया है हर जिला कमेटी में उपाध्यक्ष पद पर महिला की नियुक्ति की जाएगी. नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी का आकार भी काफी छोटा होगा. पिछली प्रदेश कांग्रेस कमेटी में 60 से ज्यादा सदस्य थे. नई कमेटी में करीब 40 सदस्य रहेंगे. पहले प्रदेश सचिवों की संख्या 50 से ज्यादा थी. अब करीब एक दर्जन सचिव ही नियुक्त किए जाएंगे.

कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि नई कमेटी में ऐसे लोगों को महत्व दिया जाएगा, जो जुझारू हों और सड़क पर आंदोलन करने की क्षमता रखते हों. पिछले साल सितंबर में करीब सौ सामाजिक कार्यकर्ता, जिनमें ज्यादातर वामपंथी झुकाव वाले हैं, राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे. नई कमेटी में इन लोगों को भी महत्व दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की इस कवायद से वरिष्ठ नेताओं को निराशा का सामना कर रहा है, क्योंकि नई कमेटी के गठन में उनसे कोई सलाह-मशविरा नहीं किया जा रहा है. पार्टी की बैठकों में वरिष्ठ नेता अपना असंतोष व्यक्त कर रहे हैं. इस समय कांग्रेस में संदीप सिंह को काफी महत्व मिल रहा है, जो प्रियंका के नजदीकी हैं जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता हैं.

Leave a Reply