एक दिन बाद देश 78वां स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहा होगा. इससे पहले राजधानी दिल्ली में झंडा फहराने पर विवाद शुरू हो गया है. एक ओर दिल्ली के उप राज्यपाल और स्थानीय प्रशासन इसे एक विवाद बताया रहा है, वहीं सत्ताधारी आम आदमी पार्टी इसे राजनीति से प्रेरित बता रही है. दरअसल दिल्ली में सरकार के मुख्यमंत्री को झंडा फहराना चाहिए लेकिन सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में हैं. ऐसे में उन्होंने मंत्री आतिशी को झंडा फहराने को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी जिसे ठुकराते हुए उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए दिल्ली के गृह मंत्री कैलाश गहलोत को चुना है. इसके बाद आप सरकार के नेताओं की ओर से बयानबाजी शुरू हो गयी है.
इनसे लोकतंत्र-संविधान की अपेक्षा करना बेमानी
हाल में जेल से बाहर आए दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने घटनाक्रम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि स्वतंत्रता दिवस जैसे पावन अवसर पर राजनीति हो रही है. सिसोदिया ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस इतना महान अवसर है. उसके बारे में अगर दिल्ली के सिटिंग सीएम ने चिट्ठी लिखी है, तो LG ऑफ़िस को DG ऑफ़िस को फोन करना चाहिए था और पूछना चाहिए था कि सीएम ने कोई चिट्ठी लिखी है क्या? लेकिन इन्हें स्वतंत्रता दिवस से क्या लेना देना, देश से क्या लेना देना.
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सिसोदिया यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि चुनी हुई सरकार के मुख्यमंत्री या मंत्री को ही झंडा फहराना चाहिए. मुझे नहीं लगता कि इसमें कहीं कोई दिक्कत है, लेकिन मौजूदा उपराज्यपाल और उनके मुखिया से लोकतंत्र और संविधान की अपेक्षा करना बेमानी है. इनसे केवल तानाशाही की ही अपेक्षा की जा सकती है और वो काम वे कर रहे हैं.
मंत्री आतिशी ने भी लगाए आरोप
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की चिट्ठी के बाद भी स्थानीय प्रशासन द्वारा झंडारोहण की इजाजत न देने पर सरकार में मंत्री आतिशी ने आरोप लगाया था कि उन्हें झंडा फहराने से रोका जा रहा है. आतिशी को झंडा फहराने पर उप राज्यपाल ने रोक लगाई है. इस पर आतिशी ने कहा कि उनका कहना था कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार छीना जा रहा है. आतिशी ने हमला बोलते हुए कहा कि एलजी स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराना चाहते हैं लेकिन राष्ट्रीय ध्वज फहराना चुनी सरकार का अधिकार है.
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सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि 15 अगस्त का हमारे लिए बहुत खास है. हम देश की आजादी का जश्न मनाने और आम लोगों की आवाज को बुलंदकर करने को लेकर तिरंगा झंडा फहराते हैं. 1947 से पहले देश गुलामी की जंजीर में जकड़ा था. अंग्रेज अपनी मर्जी से यहां पर शासन चलाया करते थे. आज दिल्ली की चुनी हुई सरकार को झंडा फहराने के अधिकार से वंचिन किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि दिल्ली में कोई नए वायसराय आ गए हैं.
केजरीवाल ने पत्र लिखा और आदेश दिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से जेल से ये आदेश दिया गया है कि कि मंत्री आतिशी ही झंडा फहराएंगी. तिहाड़ जेल में सीएम अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने ये सूचना दी थी कि आतिशी झंडा फहराएंगी. हालांकि LG ने आतिशी के नाम पर मंजूरी नहीं दी और इस काम के लिए कैलाश गहलोत को चुना गया है.
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वहीं आतिशी के अनुसार, ‘दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस पर चुनी सरकार और सीएम को झंडा फहराने का हक होता है. मगर सीएम अभी न्यायिक हिरासत में हैं, ऐसे में उन्होंने मंत्री होने के नाते मुझे झंडा फहराने का मौका दिया. इसके लिए सीएम अरविंद केजरीवाल ने पत्र लिखा और आदेश दिया कि 15 अगस्त को मंत्री होने के नाते मैं झंडा फहराऊं. अधिकारियों ने इस आदेश को मानने से मना कर दिया है.’ अब देखना ये है कि आम आदमी पार्टी उप राज्यपाल के आदेश के खिलाफ जाती है या बयानबाजी तक ही सीमित रह जाती है.