दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने के बाद से ही पार्टियों में चुनाव की रणनीति से जुड़ी गतिविधियों में तेजी आ गयी है. दिल्ली आबकारी नीति में 17 महीने के बाद जेल से जमानत पर बाहर आए पार्टी में नंबर दो की हैसियत वाले मनीष सिसोदिया ने सीएम अरविंद केजरीवाल के बगैर ही आगामी विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है. अगले साल जनवरी की शुरूआत में दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं. पार्टी के मुखिया फिलहाल जेल में हैं. ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेता सिसोदिया के जेल से बाहर आते ही चुनाव की रणनीति से जुड़ी गतिविधियों पर काम शुरू कर दिया है.
इस संबंध में सिसोदिया ने रविवार को ही स्वयं के आवास पर दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर एक बड़ी बैठक की है. इस बैठक का एजेंडा दिल्ली विधानसभा चुनाव रहा. दिल्ली की सत्तारूढ़ ‘आम आदमी पार्टी’ ने एक बार फिर से यह साफ कर दिया है कि फिलहाल वो विधानसभा चुनाव को लेकर किसी गठबंधन पर विचार नहीं कर रही है. जहां बीते कई महीनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल में बंद हैं.
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आम आदमी पार्टी ने आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले वरिष्ठ आप नेता मनीष सिसोदिया ने अपने आवास पर एक बैठक बुलाई, जिसमें आप के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) डॉ. संदीप पाठक, अन्य राज्यसभा सांसदों, दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय एवं राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता सहित वरिष्ठ ‘आप’ नेताओं के साथ चर्चा हुई. इस दौरान आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई.
इस बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा कि 12 अगस्त को भी मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों और पार्षदों के साथ बैठक करेंगे. इस बैठक का उद्देश्य दिल्ली विधानसभा चुनाव होगा, जिसके बाद 14 अगस्त से पूरी दिल्ली में मनीष सिसोदिया जनता से मिलने के लिए पदयात्रा करेंगे. हालांकि, मनीष सिसोदिया का सरकार और संगठन में क्या रोल रहेगा. इस पर फैसला अरविन्द केजरीवाल तय करेंगे.
17 महीने बाद रिहा हुए मनीष सिसोदिया
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 17 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा हुए हैं. पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन अभी भी जेल में बंद हैं. ‘आप’ संयोजक एवं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के भी जेल में बंद होने से विधायक और वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी खुलकर विधानसभा चुनाव की रणनीति पर काम नहीं कर पा रहे थे. वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने के बाद पार्टी ने राहत की सांस महसूस की है. दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था के दम पर आम आदमी पार्टी को सत्ता वापसी कराने वाले मनीष सिसोदिया पर ही चुनावी रणनीतियों की जिम्मेदारी रहने वाली है. यही वजह है कि जेल से रिहा होने के दो दिन के भीतर ही उन्होंन चुनाव की रणनीति से जुड़ी गतिविधियों पर काम शुरू कर दिया है. हालांकि पार्टी को अभी भी अपने मुखिया का इंतजार है.