राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदिता हद से पार हो गई है. प्रदेश कांग्रेस पार्टी की मीडिया चेयरपर्सन अर्चना शर्मा ने भाजपा की वरिष्ठ नेत्री व राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा के पूर्व भाजपा सरकार में मंत्री रहे कालीचरण सर्राफ के साथ व्यक्तिगत सम्बन्धों को लेकर उनके चरित्र पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस पर भाजपा नेत्री सुमन शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली, जिनके खुद के घर कांच के होते है उन्हें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेकने चाहिए.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष व मीडिया चेयरपर्सन अर्चना शर्मा ने सोमवार को पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ व भाजपा नेत्री सुमन शर्मा पर हमला बोलते हुए कहा कि विधायक कालीचरण सर्राफ की महिला नेत्री सुमन शर्मा को साथ रखने की क्या मजबूरी है ये समझ से परे है, वर्षों से उनके परिजन भी इस बात को लेकर प्रताड़ित हैं. दोनों भाजपा नेताओं को संदेश देते हुए अर्चना शर्मा ने कहा की आपके इस गठजोड़ से ना तो आपके परिजन खुश हैं और ना ही आपकी पार्टी के लोग, आपको लेकर कई विचित्र से बातें भी आती रहती है, इस पर आप आत्मचिंतन करें.

इसके साथ ही अर्चना शर्मा ने कालीचरण सर्राफ पर अपराधियों को प्रश्रय देने और शराब माफियाओं को संरक्षण देने के आरोप लगाते हुए कहा कि कालीचरण सर्राफ और सुमन शर्मा सुर्खियों में बने रहने के लिए अनर्गल बयानबाजी करते हैं थानों के घेराव करते हैं जो मानसिक स्थिति खोने का भी परिचायक है. हमारी जनसुनवाई से घबरा कर वो लोग इस तरह के प्रलाप करते हैं और इसी के चलते वो लगातार हमारे जनता से जुड़े अच्छे कामों को रोकने का प्रयास करते हैं.

बता दें, राजधानी के मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक व पूर्व मंत्री कालीचरण सर्राफ और मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से ही कांग्रेस प्रत्याशी रहीं अर्चना शर्मा के बीच आये दिन चलने वाला राजनीतिक विवाद जग जाहिर है. लेकिन अब इस विवाद में राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा भी आ गयी हैं और अब ये विवाद राजनीति से परे हटकर व्यक्तिगत होता जा रहा है.

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अर्चना शर्मा द्वारा के आरोपों पर राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि अर्चना शर्मा के बयान से मुझे ऐसा लगता है जैसे सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को जाती है. उनकी पार्टी के लोग उनको बंटी-बबली क्यों कहते हैं, उन्होंने हमारी निजता ओर हमला किया तो मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि आनन्द सांडिल्य कौन है, उनके परिवार की क्या स्थिति है इसकी कभी उन्होंने चिंता की. अपनी गिरेबाँ में झांक कर देखें ये राजनीति का अच्छा चेहरा नहीं है. जिनके खुद के घर कांच के होते हैं वह दूसरों के घरों पर पत्थर ना ही फेंके तो ही ठीक है. साथ ही सुमन शर्मा ने यह भी कहा कि उन्हें कांग्रेस के किसी नेता से चरित्र प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही सुमन शर्मा ने कांग्रेस नेत्री की ओर से दिए गए बयान को उनकी निजता पर हमला बताया.

गौरतलब है कि कांग्रेस नेत्री अर्चना शर्मा व विधायक कालीचरण सर्राफ के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की लड़ाई है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के नाते अर्चना शर्मा मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में जनसुनवाई करती हैं. इस क्षेत्र से दोनों नेताओं के बीच की लड़ाई हर थोड़े दिनों में उजागर होती रहती है कुछ दिनों पूर्व ही मालवीय नगर के एक पार्क में ओपन जिम को हटाने को लेकर दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला देखने को मिला था.

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