एनकाउंटर पर गर्माई सियासत, उमा भारती ने ​गैंगस्टर को बताया ‘राक्षस’ तो कांग्रेस ने की PIL की तैयारी

सुबह 6:30 बजे कानपुर सीमा में घुसते ही हुआ मोस्ट वॉ​न्टेड विकास दुबे का एनकाउंटर, 5 लाख रुपये का इनाम था गैंगस्टर पर, गुरुवार सुबह एमपी के महाकाल मंदिर में किया था सरेंडर

Vikas Dubey Encounter
Vikas Dubey Encounter

पॉलिटॉक्स न्यूज. यूपी में गुनाहों का जीता जागता उदाहरण विकास दुबे आज एनकाउंटर में ढेर हो गया. इसके साथ ही देशभर में सियासी राजनीति और बयानबाजी शुरु हो गई. कांग्रेस ने विकास दुबे के तार एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से जोड़े हैं जबकि मिश्रा ने इसे यूपी पुलिस का साहसिक कारनामा बताया है. वहीं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने विकास दुबे को राक्षस कहकर संबोधित किया है. वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है. दिग्वियसिंह, प्रियंका गांधी, कमलनाथ और मायावती सहित कई नेताओं ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं. घटनाक्रम पर कुमार विश्वास भी चुटकी लेने से नहीं चूके. वहीं दिग्गी राजा ने प्रियंका गांधी को मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल लगाने की सलाह दी है.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के महाकाल मंदिर में सरेंडर करने के बाद यूपी पुलिस ने विकास दुबे को अपने कब्जे में लिया और यूपी के लिए निकली. कानपुर की सीमा में घुसते ही पुलिस की उस गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया जिसमें विकास दुबे बैठा था. गाड़ी पलटी और इसी मौके का फायदा उठाकर विकास दुबे पास बैठे पुलिसकर्मी की पिस्टल लेकर भागने लगा. टीम के फायर करने से विकास दुबे गंभीर घायल हो गया. उसे 3 गोली सीने पर और एक गोली सिर पर लगी. अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया.

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एनकाउंटर पर बयानबाजी की कड़ी की शुरुआत की एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने. दिग्गी राजा ने ट्वीट कर कहा, ‘जिसका शक था वह हो गया. विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा. पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?’

वहीं दिग्गी राजा ने कहा कि यह पता लगाना आवश्यक है विकास दुबे ने मध्यप्रदेश के उज्जैन महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्यप्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वो यहाँ उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?

इस बयान पर बीजेपी के अन्य नेताओं ने तो चुप्पी साधे रखी लेकिन एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस और दिग्विजय सिंह खाली बैठे हुए हैं. वे हर बात को लेकर बयान देने आ जाते हैं. उन्हें इससे मतलब नहीं है कि उसमें सच्चाई कितनी है. उनके पास इसके लिए कई सवाल हैं, लेकिन आम लोगों को देने के लिए उनके पास समय नहीं है.

मिश्रा ने कहा कि कल विकास दुबे को जिंदा पकड़ा था तो सवाल कर रहे थे. आज मर गया तो सवाल कर रहे हैं. उन्हें तो बैठे-बैठे ट्वीट करना ही आता है. बीजेपी नेता ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि जब आतंकी किसी को मारता है तो वे मातम नहीं मनाते, लेकिन उसके मरने पर मातम मनाते हैं.

एमपी पुलिस को बचाते हुए नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना काम किया. विकास दुबे को गिरफ्तार कर उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया. अफसोस और मातम उनके लिए है जो कल कह रहे थे कि ज़िंदा पकड़ लिया, आज कह रहे हैं कि कैसे मर गया.

 

वहीं दिग्विजय सिंह पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि दिग्विजय सिंह के ट्वीट कांग्रेस की मानसिकता दिखाते हैंं. वे कभी सेना पर सवाल उठाते हैं तो कभी पुलिस के जांबाजों पर सवाल उठाते हैं.

इधर, एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती ने देवेंद्र मिश्र जैसे ईमानदार डीएसपी एवं उनके साथ 8 पुलिस अधिकारी एवं सिपाहियों की निर्मम हत्या करने वाले राक्षस विकास दुबे को मार गिराने के लिए यूपी पुलिस को बधाई देते हुए कहा कि उसने भाग निकलने की चेष्टा की किंतु वह मार गिराया गया.

उमा भारती ने कहा कि अब तीन बातें रहस्य की परत में हैं-(1) वह उज्जैन तक कैसे पहुंचा? (2) वह महाकाल परिसर में कितनी देर रहा? (3) उसका चेहरा टीवी पर इतना दिखा कि उसे कोई भी पहचान लेता तो उसको पहचाने जाने में इतना समय कैसे लगा?

वहीं एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक के बाद एक करके 6 ट्वीट करते हुए पूरे घटनाक्रम पर सवालिया निशान लगाया है. कमलनाथ ने कहा कि भगवान महाकाल कभी किसी पापी को बख्शते नहीं लेकिन जिस तरह विकास दुबे का अंत हुआ, कई सवाल बाकी है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सावन मास के एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों के तबादले पर भी सवाल उठाए.

रूख करें यूपी की राजनीति का तो यहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए इसे राजनेता और अपराधियों का गठजोड़ बताया. प्रियंका ने कहा कि कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई है और सच सबके सामने आना चाहिए. साथ ही प्रियंका ने सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच कराने की मांग भी की.

इससे पहले भी प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?

प्रियंका गांधी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए दिग्गी राजा ने कहा कि मैं प्रियंका से पूर्णतः सहमत हूं. यूपी सरकार न्यायिक जरंच नहीं करायेगी. ऐसे में कांग्रेस को उच्चतम न्यायालय में तत्काल न्यायिक जांच के लिए PIL लगा देना चाहिए.

इधर, एनकाउंटर के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी घटनाक्रम पर सवाल उठाया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.

इससे पहले कल ही अखिलेश ने यादव ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद मोबाइल की डिटेल सार्वजनिक करने की मांग की थी.

बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस एनकाउंटर कांड की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग की है. मायावती ने कहा कि पुलिस व आपराधिक राजनीतिक तत्वों के गठजोड़ की भी सही शिनाख्त करके उन्हें भी सख्त सजा दिलाई जा सके. ऐसे कदमों से ही यूपी अपराध-मुक्त हो सकता है.

इस सियासी बयानबाजी में पूर्व आप नेता कुमार विश्वास ने भी चुटकी ले ली. डॉ. कुमार विश्वास ने इस एनकाउंटर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘फिल्मी पटकथाओं में तो वास्तविकता बची नहीं है पर वास्तविकताओं में खूब फ़िल्मी पटकथा बची हैं.’ ट्वीट द्वारा किया गया उनका ये इशारा किस तरफ है, यह लोग बखूबी जानते हैं.

https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1281435403166183424?s=20

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