कोरोना से लडाई में विफल गहलोत सरकार में सत्ता के दुरूपयोग के कारण पुलिस भी असुरक्षित- राज्यवर्धन

अब कोरोना ने ग्रामीण ईलाकों में पैर पसारने शुरू कर दिए है, बड़ी संख्या में आ रहे प्रवासियों के लिए गहलोत सरकार की कोई व्यवस्था नहीं, प्रदेश में लगातार बिगड़ती जा रही है कानून व्यवस्था

Rathore(1)
Rathore(1)

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में बढते कोरोना संक्रमण के साथ साथ राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी लगातार जारी है. कोरोना काल की शुरूआत से ही विपक्ष गहलोत सरकार पर जमकर हमलावर है. सोमवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड ने विभिन्न मुददों को लेकर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. सांसद राठौड़ ने पत्रकारों से आॅनलाइन रूबरू होते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. कोविड़ 19 की लड़ाई में लाॅकडाडन के समय सरकार ने अपनी जिम्मेदारी ठीक प्रकार से नहीं निभाई, जिसके कारण लाॅकडाउन कारगर नहीं रहा परिणामस्वरूप प्रदेश में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है. अब कोरोना ने ग्रामीण ईलाकों में भी अपने पांव पसारने शुरू कर दिए है. बड़ी संख्या में आ रहे प्रवासियों के लिए गहलोत सरकार की कोई व्यवस्था नहीं है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है.

हालही में चुरू जिले के राजगढ़ थानाधिकारी द्वारा की गई आत्महत्या का उदाहरण देते हुए सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कि जिस सरकार के शासन में पुलिस वालों पर इतना दबाव हो वहां आम जनता कैसे सुरक्षित रहेगी. प्रदेश में बलात्कार, चोरी, डकेती जैसी घटनाएं बढ़ती ही जा रही है. सरकार टिड्डी दल के सफाए में भी नाकाम रही, टिड्डियां जयपुर शहर में मुख्यमंत्री आवास तक पहुंच चुकी है. टिड्डियों केे आने की सूचना एवं मार्ग की जानकारी सरकार को पहले से ही थी अगर समय पर इसके सफाए की व्यवस्था की जाती तो किसानों की खड़ी फसलें चौपट नहीं होती. कोविड-19 के कारण पहले ही किसान बड़ा आर्थिक नुकसान झेल रहें है, ऐसे समय में टिड्डी दल के हमले से किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. केन्द्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है लेकिन गहलोत सरकार द्वारा किसी भी प्रकार के आर्थिक पैकेज की घोषणा नहीं करने से यह सरकार आर्थिक मोर्चे पर भी विफल रही है.

सांसद राठौड ने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रवासियों के लिए 3000 ट्रेनों का संचालन किया गया. लेकिन गहलोत सरकार प्रवासियों को लाने में भी कोताही बरत रही है. प्रदेश में प्रवासियों को लेकर मात्र 43 ट्रेने ही आई है जिससे प्रवासियों को अपने घरों तक पहुचने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार द्वारा प्रवासियों के रोजगार एवं क्वारंटिन की व्यवस्था भी ठीक प्रकार से नहीं की गई है. सांसद राठौड ने बताया कि पिछले दिनों सांसदों व विधायकों के साथ हुई मुख्यमंत्री की वीसी में उन्होंने यह सुझाव दिया था कि ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत प्रवासियों के माध्यम से जल संरक्षण और वृक्षा रोपण जैसे कार्य करवाए जाएं जिससे मानसून के समय में वर्षा जल का संरक्षण हो सके. इसके साथ ही रोजगार कार्यालय के समान कार्यालय खोला जाए जिससे कुशल प्रवासी कामगारों को उनकी योग्यता के अनुसार कार्य मिल सकें. कोरोना काल में राशन वितरण में भामाशाहों का बहुत योगदान रहा, सरकार इस कार्य में भी असफल रही और सरकार पर राशन वितरण में लगातार पक्षपात करने के आरोप लगे.

यह भी पढ़ें: किन वजहों से थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई ने की आत्महत्या, जानिए शुरु से अंत तक की कहानी

Patanjali ads

जयपुर ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड ने कहा कि डब्लूएचओ के अनुसार दूसरे विश्व युद्ध के बाद कोरोना महामारी के कारण दुनिया थम गई. दुनिया के सामने आज एक बड़ी चुनौती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने कोरोना की इस लडाई में जो शीघ्र और महत्वपूर्ण निर्णय लिए उनकी बदोलत यह तो निश्चित है कि भारत में जल्दी ही कोरोना हारेगा. वहीं आत्मनिर्भर भारत योजना के बारे में बताते हुए सांसद राठौड ने कहा कि इस योजना के तहत 130 करोड़ भारतवासियों को आत्मनिर्भर बनाने की नींव रखी गई है. पीएम मोदी के द्वारा देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात बहुत पहले से कही जा रही है इसी कडी में केंद्र सरकार के द्वारा आत्मनिर्भर केंद्र अभियान की शुरूआत की गई है.

केन्द्र के आर्थिक पैकेज पर बोलते हुए सांसद ने कहा केंद्र सरकार के द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज लांच किया गया है जो कि देश की जीडीपी का 10 प्रतिशत है. आर्थिक पैकेज को लांच करने के पीछे सरकार का एकमात्र उद्देश्य देश के ऐसे वर्ग को लाभ पहुंचाना है जो कोविड-19 के वजह से बहुत नुकसान उठा रहे हैं और बहुत परेशानी झेल रहे हैं. इस पैकेज के तहत सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों, श्रमिकों, मजदूरों, किसानों और छोटे व्यापारियों को अधिक लाभ मिलेगा. गरीब को अन्न और धन दोनों दिया जाएगा. बीपीएल के तहत आने वाले हर व्यक्ति को 5 किलो अतिरिक्त चावल या गेहूं अगले 3 महीने तक नि:शुल्क हर परिवार के हिसाब से दिया जाएगा.

Leave a Reply