देश की जनता जानना चाहती है कि चीन मुददे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी चुप क्यों हैं- मुख्यमंत्री गहलोत

अमित शाह जी सिर्फ इस जुगाड में लगे रहते है कि किस तरह देश में कांग्रेस की सरकारों को गिराया जाए. राहुल गांधी कुछ कहते हैं तो अमित शाह चुप नहीं रहते - सीएम गहलोत

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. भारत-चीन सीमा पर पिछले दिनों हुई झडप में 20 सैनिकों के शहीद हो जाने के बाद से मोदी सरकार कांग्रेस के निशाने पर है. इस मुददों को लेकर कांग्रेस नेता अनेकों बार पीएम मोदी और अमित शाह पर निशाना साध चुके हैं. रविवार को एआईसीसी के निर्देशानुसार कांग्रेस शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री ने शाम 6 बजे भारत-चीन मुद्दे पर पत्रकारों से रूबरू हुए. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पत्रकारों से रूबरू होते हुए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा और चीन से हुए विवाद को देशवासियों के सामने स्पष्टता से रखने की मांग की. बता दें इससे पहले बीते शुक्रवार 26 जून को कांग्रेस ने देश भर में शहीदों को सलाम दिवस मनाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी थी इसके साथ सोशल मीडिया पर स्पीक फॉर आवर जवान नाम से डिजीटल चलाकर भी मोदी सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की थी.

रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वीसी के माध्यम से पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी जब 2014 में प्रधानमंत्री बने तो सभी पडौसी देशों के प्रमुखों को शपथ ग्रहण में बुलाया अच्छी शुरूआत की. फिर क्या कारण रहा इतने कम समय में पडौसी देश हमारे खिलाफ हो गए?. नेपाल जो हिंदू राष्ट्र कहलाता था वो आज पूरी तरह चीन के प्रवाह में है. नेपाल भी आज हमारी जमीन पर कब्जा कर रहा है. मोदी जी ने अपनी लोकप्रियता को सबके सामने रखा वो नेपाल और पाकिस्तान भी गए. क्या कारण रहा कि आज सभी पडौसी देश हमारे खिलाफ हो गए?

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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि चीन का इतिहास सभी को मालूम है जब से हम आजाद हुए है. 1962 के बाद से जब भी ऐसी स्थिति आई चाहे पाकिस्तान के साथ युद्ध हुआ तो चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया. आज समझ से परे है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस प्रकार के रिश्ते चीन के साथ रखे. पीएम मोदी की प्रधानमंत्री रहते हुए चीन के प्रमुखों के साथ में 18 बार मुलाकात हुई है. अहमदाबाद में झूला भी झूले थे तब बॉर्डर पर झडप चल रही थी उसी समय मोदी जी को समझ जाना चाहिए था कि चीन की मंशा क्या है. मोदी जी चीन की मंशा को समझ नही पाए. मोदी जी बार बार चीन जाते रहे. हालही में जो बार्डर पर हुआ है उसका क्या कारण हो सकता है यह प्रधानमंत्री जी को देश को बताना चाहिए.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि पीएम मोदी ने पिछले दिनों हुई सर्वदलिय बैठक में कहा कि चीन हमारी सीमा में आया ही नहीं है ना हमारी किसी चौकी पर कब्जा है. मोदी जी का यह बयान बहुत बडा ब्लंडर था. मोदी जी ऐसे पहले प्रधानमंत्री है देश के जिनके बयान का चीन में स्वागत हुआ है. चीन के मीडिया ने भी पीएम मोदी के बयान का स्वागत किया. चीन जो चाहता था उसको हमारे प्रधानमंत्री जी ने सर्टिफिकेट दे दिया. कांग्रेस मांग करती है कि पीएम मोदी को अभी भी स्थिति देश के सामने स्पष्ट करनी चाहिए. पीएम मोदी को अपने बयान को वापस लेना चाहिए. आज भी देश चाहता है कि एलएसी की स्थिति क्या है उसे पीएम मोदी को बताना चाहिए. देशवासियों का जानने का हक है.

सीएम गहलोत ने कहा कि बॉर्डर पर कभी भी कोई झडप हुई है तो पूरा देश एकजुट रहा है. क्या कारण है कि इस बार जो स्थिति बनी है. 15 जून को घटी इस घटना के बाद आज तक देशवासियों को मालूम नहीं है कि वास्तव में कितने सैनिक मारे गए, कितने घायल हुए, कितने क्षेत्रफल पर कब्जा किया हुआ है. इस तरह की स्थिति बनने से देश में चिंता का माहौल बनता है. क्या प्रधानमंत्री जी की नैतिक जिम्मेदारी नहीं है कि देशवासियों को विश्वास में ले. इस तरह की जब भी स्थिति बनी है देश एकजुट रहा है. देश की सभी विपक्षी पार्टियां बिना किसी शर्त के प्रधानमंत्री जी के साथ है. देशवासियों को हक है पूछने का कि सीमा पर आज वास्तव में स्थिति क्या है.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि आज देश की स्थिति 1962 जैसी नहीं है. 1962 में हमारे पास कोई हथियार नहीं थे. उस समय ना तो तोपें थी ना बंदूके थी उस समय भी हमारे वीर सैनिकों ने साहस दिखाया. युद्ध के समय देशवासियों का सैनिकों के प्रति जज्बा होता है. आज एनडीए सरकार समझ नहीं पा रही है कि देश में जो हालात बन गए है. देशवासियों में आक्रोश है. क्या कारण है कि चीन की इतनी हिम्मत हो गई. 1967 की लडाई में 40 भारतीय सैनिक मारे गए थे और 400 सैनिक चीन के मारे गए थे. इस बार प्रधानमंत्री मोदी जी देश को सब कुछ स्पष्ठ बता क्यों नहीं रहे है यह कांग्रेस पूछना चाहती है.

सीएम गहलोत ने कहा कि 70 साल में मोदी जी कहते है कि कांग्रेस ने क्या किया. आज देश के पास अत्याधुनिक सैन्य बल है वो दुनिया के सुपर पावर के मुकाबले की है. 1974 में इंदिरा गांधी ने पोखरण में एटोमेटिव बम का निरीक्षण किया था. पाकिस्तान को सबक सिखाकर दो टुकडे कर दिए थे. इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान से लोहा लिया और जो स्थिति बनी पाकिस्तान की वो दुनिया जानती है. आज 70 सालों में हम आधुनिक हथियारों से लैस है. इस सबके बावजूद पीएम मोदी गलवान वैली की वास्तविक स्थिति बताने में क्यों हिचक रहे है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह देश को बता क्यों नहीं पा रहे है यह समझ से परे है. आज हमारी अर्थव्यवस्था बहुत बुरे हालात में है. चीन ने क्या सोचकर यह हरकत की है इसका पीएमओ और विदेश मंत्रालय में विश्लेशन होना चाहिए कि बिना किसी बात के इतनी बडी घटना क्यों हो गई. हम एक तरफ कोरोना से जूझ रहे है. लॉकडाउन ने देश को बर्बाद कर दिया. देश की आर्थिक व्यवस्था ठप्प हो गई है.

गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अमित शाह जी सिर्फ इस जुगाड में लगे रहते है कि किस तरह देश में कांग्रेस की सरकारों को गिराया जाए. राहुल गांधी कुछ कहते हैं तो अमित शाह चुप नहीं रहते, अमित शाह जी को तो बोलना ही पडता है. राहुल गांधी कुछ बोलते है तो वो इस सोच में रहते है कि इसका जवाब कैसे दूं. प्रधानमंत्री जी अपने वक्तव्य में चीन शब्द का इस्तेमाल तक नहीं करते है. ऐसा क्यों विपक्ष का काम है देश की आवाज को उठाना, कांग्रेस इसमें कभी पीछे नहीं हटेगी. देश के हालात गंभीर है इसको गंभीरता से लेना चाहिए. विपक्ष की भावनाओं को समझना चाहिए. पीएम मोदी को राहुल गांधी के सवालों का जवाब देना चाहिए. विपक्ष की जिम्मेदारी होती है जनता कि भावनाओं के अनुसार सवाल उठाना.

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