पहलगाम हमला: पड़ौसी देश पर आक्रामक है भारत का रूख, सेना को मिली पूरी छूट

पहले पीएम आवास और बाद में गृह मंत्रालय में हाई लेवल मीटिंग्स का दौर शुरू, केंद्रीय मंत्री पहुंचे आरएसएस मुखिया मोहन भागवत से मिलने, उरी जैसी घटनाक्रम की संभावना 

pm modi takes a high lavel meeting in pmo
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पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पड़ौसी देश के खिलाफ आक्रामक रूख अपनाने का पूरा मन बना लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सेना के तीनों दलों को आतंकवाद से निपटने के लिए खुली छूट दे दी है. एक न्यूज ऐजेंसी के मुताबिक, पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय सेना द्वारा तय करने की बात कही है. प्रधानमंत्री मोदी ने यह बात तीनों सेनाओं के प्रमुख, NSA अजीत डोभाल, CDS अनिल चौहान के साथ हाई लेवल मीटिंग में कही. इसके ठीक बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने करीब 9 देशों के विदेश मंत्रियों से फोन पर इस संबंध में बातचीत की है. आज सुबह प्रधानमंत्री आवास पर केबिनेट कमेटी आन सिक्योरिटी की बैठक होनी है. माना जा रहा है कि भारत बहुत जल्दी उरी जैसा कोई निर्णय ले सकता है.

इससे पहले पीएम मोदी ने तीनों सेनाओं के प्रमुख से कहा, ‘आतंकवाद को करारा झटका देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है. हमें भारतीय सशस्त्र बलों की पेशेवर क्षमताओं पर पूरा विश्वास है. आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय सेना तय करे.’ यह बैठक डेढ़ घंटे से ज्यादा चली. पीएम हाउस में चली इस हाई लेवल मीटिंग में पीएम मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे.

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इसके तुरंत बाद गृह मंत्रालय में गृहमंत्री अमित शाह ने एक हाई लेवल बैठक ली जिसमें उनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सशस्त्र सीमा बल के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग के आधे घंटे बाद गृहमंत्री अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पीएम आवास पहुंचे.

बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम की बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसके बाद भारत ने पाक के खिलाफ कई तरह के निर्णय लिए हैं.

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