ANM व GNM के 9 हजार पदों पर भर्ती के आदेश, प्रदेशभर में 400 ओपीडी मोबाइल वैन होंगी संचालित

इलाज करने से मना करने पर निजी अस्पतालों की खैर नहीं, केन्द्र से मांग सभी राज्यों को मिले प्रोत्साहन पैकेज, राज्यों की सलाह के साथ फैसले ले केंद्र सरकार, सुझाव पर ध्यान दिया जाता तो नहीं बनता संदेह का वातावरण, लॉकडाउन के उल्लंघन पर अब तक 7738 गिरफ्तार, 288 राशन डीलरों के लाइसेंस निलंबित

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में बढते कोरोना संक्रमण के कारण सामान्य एवम अन्य बीमारियों के आम रोगियों के सामने भी समस्या उत्पन्न हो गई है. प्रदेश में बढ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से प्राइवेट चिकित्सक अब आम मरीजों को भी परामर्श देने में कतरा रहे है. ऐसे में आम मरीजों की परेशानी को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 महामारी के कारण आम रोगियों को परेशानी का सामना नहीं करना पडे़, इसके लिए प्रदेशभर में बुधवार से 400 ओपीडी मोबाइल वैन संचालित की जाएंगी. ये मोबाइल वैन उपखण्ड मुख्यालयों के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर उपलब्ध होंगी और गांव-कस्बे तक पहुंचकर मरीजों को सामान्य बीमारियों का उपचार उपलब्ध करवाएंगी. किसी को गंभीर बीमारी होने की जानकारी मिलती है तो इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी जाएगी, ताकि रोगी को तुरंत उचित इलाज मिल सके. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं.

मंगलवार को हुई ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि निजी अस्पतालों में कोरोना के कारण नियमित रोगियों को समुचित उपचार सुविधा उपलब्ध नहीं होने की शिकायतें सामने आई हैं. सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है और कई अस्पतालों को नोटिस भी दिया है. सीएम गहलोत ने हिदायत देते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि निजी अस्पताल संकट की इस घड़ी में अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं, अन्यथा सरकार सख्ती से कार्रवाई करेगी. किसी भी निजी अस्पताल से किसी मरीज को बिना इलाज वापस लौटाने की शिकायत नहीं आए.

9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति जल्द

इसके साथ ही प्रदेश में एएनएम और जीएनएम के पदों पर बहुप्रतीक्षित नियुक्तियों की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना की जंग लंबे समय तक जारी रह सकती है. ऐसे में राज्य सरकार संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं आने देगी. इस बीमारी से लड़ाई के लिए चिकित्साकर्मियों की कमी नहीं रहे, इसके लिए करीब 9 हजार एएनएम एवं जीएनएम के पदों पर नियुक्ति के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. जल्द ही एएनएम एवं जीएनएम की नियुक्ति होगी. सीएम गहलोत ने आगे बताया कि 12 हजार पदों पर होने वाली यह भर्ती न्यायालय में उलझ गई थी. अब सरकार ने 3674 न्यायिक प्रकरणों को छोड़कर शेष पदों पर नियुक्ति का निर्णय लिया है.

सभी राज्यों को मिले प्रोत्साहन पैकेज

प्रेसवार्ता के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आर्थिक मंदी एवं कोरोना के कारण सभी राज्यों की अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. ऐसे में भारत सरकार को सभी राज्यों को प्रोत्साहन पैकेज देना चाहिए. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह जी की सरकार के समय सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी का 3 प्रतिशत प्रोत्साहन पैकेज दिया गया था. यूएसए ने कोरोना से पैदा हालातों को देखते हुए जीडीपी का 10 प्रतिशत तथा फ्रांस, जर्मनी एवं यूके ने जीडीपी का 15 प्रतिशत पैकेज दिया है, जबकि भारत सरकार ने केवल 0.8 प्रतिशत पैकेज दिया है, जो नाकाफी है. इसे बढ़ाया जाना चाहिए ताकि राज्यों को इस संकट से बाहर आने में मदद मिल सके.

राज्यों की सलाह के साथ फैसले ले केंद्र सरकार

केन्द्र सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों पर सुझाव देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि भारत में संघीय ढांचे की व्यवस्था के तहत केंद्र सरकार राज्यों की सलाह के आधार पर निर्णय ले. यदि कोई भी निर्णय आनन-फानन में लिया जाता है तो पूरे देश को परेशानी का सामना करना पड़ता है. सीएम गहलोत ने आगे केंद्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि अगर देश में 3 मई से या जब भी लॉकडाउन खुलता है, उसकी तैयारी राज्यों की सलाह के साथ केंद्र सरकार को अभी से करनी चाहिए ताकि देशभर में सुनियोजित ढंग से आर्थिक गतिविधियां शुरू हो सकें.

दूसरे देशों की तरह जांच का दायरा बढ़ाना बेहद जरूरी

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के लिए जरूरी है कि टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए. भारत सरकार इस पर गंभीरता से विचार करे. इस समय देश में प्रति दस लाख व्यक्तियों पर मात्र 291 टेस्ट हो रहे हैं, जबकि इतनी आबादी पर यूएई में 77 हजार, यूएसए में 12 हजार तथा स्पेन में 20 हजार तक जांचें हो रही हैं. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी कोशिश है कि न केवल जांचों की संख्या बढ़े बल्कि रिपोर्ट भी समय पर आए. इसके लिए हमारा जोर अधिक से अधिक पीसीआर किट प्राप्त करने पर है. इसके लिए हमने आईसीएमआर को न्यूक्लियर एक्सटेंशन किट की आपूर्ति बढ़ाने को कहा है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने बताया कि जांचों की बैकलॉग खत्म करने के लिए हमने 4 हजार नमूने दिल्ली भेजे थे, जिनमें से 3800 की रिपोर्ट आ गई है. इनमें 80 पॉजीटिव आए हैं.

सुझाव पर ध्यान दिया जाता तो नहीं बनता संदेह का वातावरण

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में समय लगता है. इसी कारण हमने रैपिड टेस्ट पर जोर दिया था. मैंने प्रधानमंत्री जी के साथ वीडियो कांफ्रेंस में अनुरोध किया था कि पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, रैपिड एवं पीसीआर टेस्ट किट आदि की केन्द्रीयकृत खरीद हो, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. अब रैपिड टेस्ट के नतीजों पर देशभर में जो संदेह का वातावरण बना है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. उस समय हमारे सुझावों को मान लिया जाता तो आज आईसीएमआर को रैपिड टेस्ट स्थगित करने की नौबत नहीं आती.

लॉकडाउन के उल्लंघन पर अब तक 7738 गिरफ्तार

सीएम गहलोत ने कहा कि मॉडिफाइड लॉकडाउन का यह मतलब नहीं कि लोग घरों से बाहर निकल जाएं. घरों से निकलने पर सख्त कार्रवाई होगी. आमजन पूरे आत्मानुशासन के साथ लॉकडाउन का पालन करें. इस दौरना सीएम गहलोत ने बताया कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर प्रदेशभर में 7 हजार 738 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. करीब 1 लाख 73 हजार वाहनों का चालान कर 2 करोड़ 59 लाख का जुर्माना वसूला गया है और 94 हजार वाहन जब्त किए गए हैं. इसी तरह निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर 1652 एवं सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं देने वाले 144 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

288 राशन डीलरों के लाइसेंस निलंबित

खाद्य साम्रगी में हो रही कालाबाजारी को रोकने के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि आवश्यक सामग्री की कालाबाजारी की कहीं भी शिकायत मिलती है, तो कड़ी कार्रवाई होगी. सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन नहीं करने और निरीक्षण में अनियमितता पर अब तक 94 एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही 288 से अधिक राशन की दुकानों के लाइसेंस निलम्बित किए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान आमजन को सही दर पर सामान उपलब्ध करवाने के लिए सरकार पूरे प्रयास कर रही है. मास्क, हैंड सेनेटाइजर, किराना सामान की एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलने वाले प्रतिष्ठानों के खिलाफ तीन हजार से अधिक निरीक्षण कर करीब 316 केस दर्ज किए हैं.

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अन्य राज्य भी स्टूडेंट्स को ले जाने को तैयार

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि कोटा में अध्ययनरत अन्य राज्यों के कोचिंग स्टूडेंट्स को उनके घर पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं. आज बिहार और बंगाल को छोड़कर अन्य राज्य इसके लिए तैयार हो गए हैं. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द ये बच्चे संकट के इस समय में अपने घर पहुंच सकें. इसके लिए हम हरसम्भव सहयोग प्रदान करेंगे.

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