गहलोत सरकार का एक ओर चौंकाने वाला फैसला, जयपुर, कोटा और जोधपुर में अब होंगे दो-दो निगम और महापौर

अब जयपुर, कोटा और जोधपुर में नगर निकाय के चुनाव नवम्बर में नहीं होंगे, जबकि शेष बाकी शहरों में नवंबर में ही होंगे निकाय चुनाव

Heads of Bodies
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पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में होने वाले निकाय चुनावों को लेकर पिछले चार दिन में एक के बाद एक तीन बड़े फैसले लेकर सबको चौंका दिया है. पहले प्रत्यक्ष चुनाव के फैसले पर यू टर्न लेते हुए अप्रत्यक्ष चुनाव का फैसला, फिर हाईब्रिड फैसले द्वारा पार्षद का चुनाव लडे बिना या हारे हुए प्रत्याशी का सीधे मेयर या नगर अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया. अब राज्य सरकार ने एक और चौंकाने वाला निर्णय लेते हुए जयपुर, कोटा और जोधपुर में दो-दो नगर निगम और दो-दो महापौर की घोषणा कर दी है. इनमें जयपुर में पहला हेरिटेज निगम कहलाएगा, जबकि दूसरा ग्रेटर जयपुर नगर निगम कहलाया जायेगा.

ऐसे में अब नवम्बर के महीने जयपुर, कोटा और जोधपुर में नगर निकाय के चुनाव नहीं होंगे, जबकि शेष बाकी शहरों में नवंबर में ही निकाय चुनाव होंगे. अब तीनों शहरों के छह नगर निगम क्षेत्रों में फिर से वार्डों की सीमा का परिसीमन होगा. मिली जानकारी के अनुसार जयपुर में हेरिटेज निगम में 100 वार्ड और ग्रेटर जयपुर निगम में 150 वार्ड होंगे. हेरिटेज निगम में जयपुर परकोटे का हिस्सा आएगा और शेष हिस्सा ग्रेटर निगम का रहेगा. वहीं, जोधपुर में दो नगर निगम बनाए जाएंगे, जिनको 80-80 वार्डों में विभाजित किया जाएगा.

राजस्थान सरकार में स्वायत्त शासन मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉफ्रेंस में इस संबंध में घोषणा करते हुए सभी को चौंका दिया. मंत्री धारीवाल ने कहा कि गत जून और अगस्त माह में जयपुर, जोधपुर और कोटा में परिसीमन कर वार्ड बढ़ाये गए थे. प्रदेश सरकार ने उस नोटिफिकेशन को विसर्जित कर दिया है, अब जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा.

जयपुर, कोटा और जोधपुर नगर निगमों की सम्भावित स्थिति : –

जयपुर: यहां अब दो नवगठित नगर निगम इस तरह होंगे जिसमे पहला नवगठित नगर निगम, जयपुर हेरिटेज होगा, इसमें सिविल लाईंस, आदर्श नगर, किशनपोल, हवालमहल व आमेर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 100 वार्ड होंगे. वहीं, दूसरा नगर निगम ग्रेटर जयपुर होगा, इसमें विद्याधर नगर, झोटवाड़ा, सांगानेर, बगरू व मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 150 वार्ड होंगे.

कोटा: यहां अब दो नवगठित नगर निगम इस प्रकार होंगे जिसमें पहला नगर निगम कोटा उत्तर का होगा, इसमें दो विधानसभा क्षेत्र कोटा उत्तर और लाडपुरा क्षेत्र के कुल 70 वार्ड सम्मलित वार्ड होंगे. इसी तरह, नगर निगम कोटा दक्षिण में कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र, लाडपुरा क्षेत्र और रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 80 वार्ड सम्मिलित होंगे.

जोधपुर: यहां अब दो नवगठित नगर निगम की स्थिति इस प्रकार होगी, जिसमें पहला नगर निगम जोधपुर उत्तर होगा, इसमें सरदारपुरा, जोधपुर शहर और सूरसागर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले 80 वार्ड सम्मिलित होंगे. वहीं दूसरा नगर निगम जोधपुर दक्षिण होगा, इसमें सरदारपुरा, जोधपुर शहर और सूरसागर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में आने वाले 80 वार्ड सम्मिलित होंगे.

20 अक्टूबर को निकलेगी 196 निकाय प्रमुखों की लॉटरी

प्रदेश के 196 निकाय प्रमुखों की लॉटरी अब 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे स्वायत्त शासन भवन में निकाली जाएगी. इनमें जयपुर,कोटा और जोधपुर के लिए भी लॉटरी निकाली जाएगी. इन तीनों शहरों में दो-दो मेयरों के लिए लॉटरी निकाली जायेगी, जिसमें लॉटरी के माध्यम से आरक्षण तय किया जायेगा.

स्वायत्त शासन मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने अपने निवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार के इस फैसले के घोषणा करते हुए कहा कि इन तीनों शहरों में जनसंख्या 10 लाख से ज्यादा हो गई है. ऐसे में वार्ड बढ़ा होने से पार्षद अपने क्षेत्र में विकास के कार्य को बेहतर तरीके से नहीं करवा पाते थे, अब सफाई के कार्यों के साथ सभी काम आसानी से होंगे जिससे जनता को सीधा फायदा मिलेगा.

गहलोत सरकार के इस फैसले को बीजेपी ने जनता के साथ विश्वासघात बताया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने सरकार द्वारा वार्डो का पुनः सीमांकन करने और हाईब्रिड माॅडल लागू करने के फैसले की कड़ी निन्दा करते हुए इसे जनता के साथ विश्वासघात बताया है. कांग्रेस की बदनियती का जवाब जनता निकाय चुनाव में जरूर देगी. वहीं पूर्व महापौर अशोक लाहोटी ने इसे कांग्रेस सरकार का जल्दबाजी और बौखलाहट में लिया गया फैसला बताया है. इन फैसलों से निकाय चुनावों पर कोई खास असर नहीं होगा.

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