Politalks.News/Maharashtra/Politics. महाराष्ट्र (Maharashtra) में बगावत करके भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने आज विधानसभा में हुए फाइनल मुकाबले में भी जीत हासिल कर ली है. सोमवार को विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट में जैसी उम्मीद थी, वैसा ही हुआ कि शिंदे सरकार ने विश्वास मत आसानी से जीत लिया. शिंदे सरकार को 164 विधायकों का समर्थन मिला जबकि विपक्ष में 99 ही वोट पड़े. इस तरह बीते 15 दिनों से सूबे में जारी सत्ता के संग्राम का पटाक्षेप भले ही हो गया, लेकिन सियासी बयानबाजी और तंज कसाई अभी भी अपने चरम पर है. महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) पर विधानसभा में भाषण के दौरान जमकर निशाना साधा. तो वहीं एकनाथ शिंदे ने भी अजीत पवार के कारण एमवीए गठबंधन के समय मुख्यमंत्री नहीं बन पाने का बड़ा खुलासा किया.
मुझे कान में बोल देते शिंदे तो मैं बनवा देता CM
महाराष्ट्र विधानसभा में नई सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान अजित पवार ने शिंदे पर तंज कसते हुए कहा कि अगर एकनाथ शिंदे ने उनसे कान में आकर बोला होता की आप उद्धव जी को बोलकर मुझे मुख्यमंत्री बनाओ तो वो खुद बात करके उन्हें कुर्सी पर बैठा देते. यही नहीं पवार ने आगे कहा कि सीएम पद के लिए जैसे ही एकनाथ शिंदे के नाम की घोषणा हुई तब भाजपा वाले रो रहे थे. यहां तक कि बीजेपी नेता गिरीश महाजन का रोना तो अब भी बंद नहीं हुआ है. सच में उन्हें बहुत बुरा लगा है. पवार ने तंज कसते हुए कहा कि पर अब क्या करेंगे बेचारे.
फडणवीस के भाषण में अब वो बात कहां
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस पर तंज कसते हुए अजीत पवार ने आगे कहा कि अब देवेंद्र फडणवीस के भाषण में वो जोश दिखाई नहीं पड़ता, जो पहले मुख्यमंत्री और विरोधी पक्ष नेता के रूप में दिखाई पड़ता था. अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस से यह सवाल भी पूछा कि एकनाथ शिंदे इतने ही अच्छे थे, तो उन्हें अपनी सरकार के समय सिर्फ एक ही विभाग क्यों दिया था? फडणवीस पर निशाना साधते हुए अजित पवार ने आगे कहा कि देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने ढाई साल में तीन पदों पर काम किया है. पहले वह मुख्यमंत्री बने फिर राज्य के विरोधी पक्ष नेता और अब उपमुख्यमंत्री के रूप में काम काज कर रहे हैं.
40 विधायकों के समर्थन वाला बना जाता है CM
इसके साथ ही अजित पवार ने मौजूदा शिंदे सरकार पर भी तंज कसते हुए कहा कि 106 विधायकों की ताकत वाली पार्टी अपना सीएम नहीं बना पाती जबकि 40 विधायकों के समर्थन वाला व्यक्ति राज्य का मुख्यमंत्री बन जाता है, यह हास्यास्पद है. यही नहीं अजित पवार ने एनसीपी और खुद के ऊपर लगाए गए तमाम आरोपों का भी आज जवाब दिया. पवार ने कहा कि शिवसेना समेत कांग्रेस के नेताओं की तरफ से मुझ पर यह आरोप लगाया गया कि मंत्री रहते मैंने उनके विधायकों को फंड नहीं दिया, यह आरोप बिल्कुल गलत है. मैंने सभी विधायकों की विधायक निधि को भी बढ़ाया.
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इतिहास गवाह है बागी हार जाते हैं अगला चुनाव
बड़े दिनों बाद मूड में बोलने खड़े हुए एनसीपी नेता अजित पवार ने शिवसेना से बगावत करने वाले सभी विधायकों को याद दिलाते हुए यह चेतावनी भी दी कि अगला चुनाव जीतना मुश्किल होगा. पवार ने कहा कि इसके पहले भी कई बार शिवसेना में बगावत हो चुकी है. उन्होंने खुद अपनी ही पार्टी के नेता छगन भुजबल का उदाहरण दिया. पवार ने कहा कि जब छगन भुजबल शिवसेना से बगावत की थी, तो उनके साथ कई नेता भी बाहर निकले थे. लेकिन उसके बाद हुए चुनाव में यह सभी हार गए थे. पवार ने कहा कि शिवसेना का इतिहास रहा है कि बागी अगले चुनाव में अपनी जीत दर्ज नहीं कर पाते हैं.
जब भावुक हुए एकनाथ शिंदे
वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत हासिल करने के बाद अपने परिवार को याद करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज भावुक हो गए. शिंदे ने कहा कि, ‘जब मैं ठाणे में शिवसेना पार्षद के रूप में काम कर रहा था, मैंने अपने 2 बच्चों को खो दिया और सोचा कि सब कुछ खत्म हो गया है … मैं टूट गया था लेकिन आनंद दीघे साहब ने मुझे राजनीति में बने रहने के लिए मना लिया.’
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मैंने सीएम पद पर कभी नहीं डाली नजर
इसी के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे ने खुलासा करते हुए कहा कि पहले मुझे महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मुख्यमंत्री बनाया जाना था लेकिन बाद में अजीत दादा (अजीत पवार) या किसी ने कहा कि मुझे सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए. मुझे कोई दिक्कत नहीं हुई और मैंने उद्धव जी से कहा कि आगे बढ़ो और मैं उनके साथ हूं. मैंने उस पद (सीएम) पर कभी नजर नहीं डाली.
हम ही हैं शिवसैनिक
एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि हम शिवसैनिक हैं और हमेशा बालासाहेब और आनंद दिघे के शिवसैनिक रहेंगे. मैं आप सभी याद दिलाना चाहता हूं कि वहां कौन था जिसने बालासाहेब के वोटिंग पर छह साल का प्रतिबंध लगाया था. शिंदे ने आगे कहा, मैं देवेंद्र फडणवीस जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे (पिछली सरकार में) मंत्री के रूप में काम करने का मौका दिया और मैं समृद्धि महामार्ग परियोजना पर काम कर सका.