बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बड़ा फैसला लिया है. नीतीश ने तय किया है कि बिहार के बाहर उनकी पार्टी बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी. जम्मू कश्मीर, झारखंड, हरियाणा और दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों में जेडीयू अकेले मैदान में उतरेगी. हालांकि पार्टी बिहार में वह एनडीए का हिस्सा रहेगी और बीजेपी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ेगी.

आपको बता दें कि मोदी सरकार के कैबिनेट में जेडीयू के शामिल नहीं होने के बाद से ही सियासी गलियारों में यह हवा उड़ने लगी थी कि नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ सकते हैं. गौरतलब है कि मोदी के मंत्रिमंडल में जेडीयू को एक मंत्री पद का प्रस्ताव दिए जाने से नाराज नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार में भागीदारी से मना कर दिया था. उनका कहना था कि जो प्रस्ताव दिया गया था, वह स्वीकार्य नहीं था. नीतीश ने साफ किया कि जेडीयू भविष्य में भी मोदी सरकार की कैबिनेट का हिस्सा नहीं होगी.

इन तल्ख तेवरों के बीच नीतीश कुमार ने दो जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया, जिसमें सभी आठ मंत्री जेडीयू कोटे से बनाए गए, जबकि बीजेपी से किसी नेता को शामिल नहीं किया गया. हालांकि कैबिनेट विस्तार के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि जेडीयू कोटे से मंत्री पद खाली थे इसलिए उनको ही मंत्रिमंडल विस्तार में जगह दी गई. बीजेपी के साथ टकराव जैसा कोई मुद्दा नहीं है, सब कुछ ठीक है. वहीं, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई संशय नहीं है. नीतीश कुमार के साथ चर्चा हुई थी और मुख्यमंत्री ने खाली मंत्री पद भरने के लिए बीजेपी को ऑफर दिया था, लेकिन हम इस पर बाद में फैसला लेंगे.

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