राजस्थान (Rajasthan) की खींवसर और मंडावा (Mandawa) सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है. 21 अक्टूबर चुनाव की तारीख घोषित होते ही दोनों सीटों पर राजनीतिक हलचल अचानक से से बहुत तेज हो गई है. अब सभी की नजरें उम्मीदवारों के नामों की घोषणा पर टिक गई हैं. टिकट के दावेदार उम्मीदवारों ने अपनी-अपनी पार्टी के शीर्ष नेताओं के पास लॉबिंग शुरू कर दी है. इसी कड़ी में खींवसर सीट के लिए रालोपा से सम्भावित उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल भी क्षेत्र में बहुत सक्रिय हो गए हैं.

पिछले तीन विधानसभा चुनावों में लगातार जीत की हैट्रिक लगा चुके हनुमान बेनीवाल के नागौर से लोकसभा सांसद चुने जाने से खींवसर सीट पर उपचुनाव होगा. राजस्थान में जाट लैंड मानी जाने वाली मंडावा और खींवसर सीटों पर होने वाले उपचुनाव में खींवसर सीट को हॉट सीट माना जा रहा है. लोकसभा में बना RLP और BJP का गठबंधन इस विधानसभा उपचुनाव में भी बना रहेगा या नहीं, इसको लेकर राजीनतिक क्षेत्रों में सबसे ज्यादा चर्चा है.

यह भी पढ़ें:- खींवसर और मंडावा विधानसभा उपचुनाव सत्तारुढ़ कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, उम्मीदवार सक्रिय

खींवसर सीट से RLP के उम्मीदवार के चुनावी मैदान में उतरने की पूरी संभावना है और RLP से उम्मीदवार सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ही तय करेंगे. ऐसे में स्थानीय हलकों में नारायण बेनीवाल को उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चाएं जबरदस्त हैं. हालांकि कई ओर भी उम्मीदवार खींवसर से विधायक बनने की मंशा पाले हुए हैं. बीजेपी के कई नेता और कार्यकर्ता इस बात पर अड़े हुए हैं कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जब आरएलपी के लिए पूरी सीट छोड़ दी तो अब खींवसर में आरएलपी को भाजपा के लिए सीट छोडऩी चाहिए.

Patanjali ads

बता दें, सोमवार को ही आरएलपी के राष्ट्रीय संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि उपचुनाव को लेकर उनकी पहले ही भाजपा नेताओं से बात हो चुकी है. राजस्थान की मंडावा सीट पर भाजपा और खींवसर सीट पर आरएलपी चुनाव लड़ेगी. हालांकि अंतिम निर्णय भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद लिया जाएगा. हनुमान बेनीवाल के इस बयान के बाद आरएलपी समर्थक नारायण बेनीवाल को खींवसर विधानसभा के नये विधायक के रूप में देख रहे हैं.

सांसद हुनमान बेनीवाल के छोटे भाई नारायण बेनीवाल (Narayan Beniwal) फिलहाल खींवसर क्षेत्र के क्रय-विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष हैं. नारायण बेनीवाल शुरू से ही अपने बड़े भाई के साथ हर चुनावी जंग में साथ खड़े रहे हैं. यूनिवर्सिटी के चुनाव से लेकर सभी विधानसभा और सांसद के चुनाव में नारायण बेनीवाल ने बड़े भाई का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है. हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद से ही आगामी विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर नारायण बेनीवाल क्षेत्र में सक्रिय हो गए थे.

चुनाव आयोग द्वारा उपचुनाव की घोषणा करने के बाद से नारायण बेनीवाल क्षेत्र में और अधिक सक्रिय हो गए हैं. हर बड़े राजनेता के तरह नारायण बेनीवाल भी क्षेत्र के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हैं. उन्होंने हर दिन की नई-नई पोस्ट डालकर क्षेत्र की जनता से जुड़ने की कवायद शुरू कर दी है. नारायण बेनीवाल के नाम पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है. यहां तक कि उनके समर्थक और जानकार उन्हें खींवसर से विधायक बनने की अग्रिम बधाइयां तक देने लग गए हैं.

हालांकि कांग्रेस ने भी अभी तक अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, लेकिन जानकारों के अनुसार खींवसर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरेन्द्र मिर्धा को टिकट दिया जाना लगभग तय माना जा रहा है. सूत्रों की मानें तो हरेन्द्र मिर्धा को दिल्ली बैठे आलाकमान सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट से भी हरि झण्डी मिल चुकी है. ऐसे में खींवसर सीट पर होने वाला उपचुनाव का ये चुनावी दंगल ओर भी रोमांचक होगा.

फिलहाल सभी की नज़रें इन खींवसर और मंडावा सीटों के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा पर टिकी हुई हैं. कौन सी पार्टी किसपर भरोसा जताते हुए उसे ‘जिताऊ’ उम्मीदवार मानकर चुनाव मैदान में उतारती है ये देखना दिलचस्प रहेगा. दोनों ही सीटें राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है.

Leave a Reply