Politalks.News/Rajasthan. चार राज्यों में चुनाव जीतने के बाद भाजपा (BJP) अब राजस्थान में ‘मिशन- 2023’ की तैयारियों में जुट गई है. इसी कड़ी में मरुस्थलीय प्रदेश के ट्राइबल बेल्ट में बीजेपी ने खुद को मजबूत करने के लिए शनिवार को सवाई माधोपुर में ST प्रभुद्धजन सम्मेलन बुलाया. सम्मेलन में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) ने कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘इंडियन नेशनल कांग्रेस सिर्फ नाम है, इंडियन नहीं है. कांग्रेस सिर्फ भाई-बहन की पार्टी है’. नड्डा ने इस दौरान प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Sarkar) पर भी जमकर निशाना साधा. नड्डा ने कहा कि, ‘राजस्थान में कांग्रेस के नेता पुलिस को धमकाते हैं. कांग्रेस नेता का एसएचओ को धमकाने का वीडियो वायरल हुआ लेकिन सीएम गहलोत ने कोई कार्रवाई नहीं की है’. वहीं भरतपुर संभाग (Bharatpur Division) के इस सम्मेलन से दिग्गजों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही.
‘राजस्थान के लोग कांग्रेस से मुक्ति चाहते हैं तो विधानसभा 2023 में भाजपा को वोट दें’- नड्डा
सम्मेलन में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि, ‘राजस्थान के लोग कांग्रेस से मुक्ति चाहते हैं तो विधानसभा 2023 में भाजपा को वोट दें’. प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि, ‘कांग्रेस के नेता पुलिस को धमकाते हैं. एक विधायक का हाल ही में SHO को धमकाने का ऑडियो सामने आया था. अगर राजस्थान के लोग इससे मुक्ति चाहते हैं तो विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत दिलाएं’.
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‘आदिवासियों को मुख्यधारा में शामिल करना हमारी जिम्मेदारी’
सम्मेलन में विश्वास जताते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि, ‘जब मैं कहता हूं सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास, सबका प्रयास तो बिना आदिवासी भाइयों के यह संभव नहीं. उन्हें मुख्यधारा में शामिल करते हुए आगे बढाना हमारी ज़िम्मेदारी है.
‘कांग्रेस एक भाई और बहन की पार्टी’
ST प्रबुद्धजन सम्मेलन में सम्बोधन के दौरान जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर जोरदार निशाना साधते हुए कहा कि, ‘इसमें ‘भारतीय’, ‘राष्ट्रीय’ या ‘कांग्रेस’ कुछ भी नहीं है, यह एक परिवार और एक भाई और बहन की पार्टी बन गई है. देश में अन्य वंशवादी राजनीतिक दल हैं जैसे उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की तेदेपा, और राकांपा और शिवसेना महाराष्ट्र में, शुरुआत में ये क्षेत्रीय दल बन जाते हैं और बाद में वंशवादी दलों में बदल जाते हैं’.
‘परिवारवादी पार्टी लोकतंत्र के लिए खतरा‘
जेपी नड्डा ने आगे कहा कि, ‘भाजपा के पास सबसे अधिक अनुयायी हैं और हम आगे बढ़ेंगे लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि ये दल देश के लोकतंत्र के लिए खतरा हैं. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. भाजपा भारत की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जो विचारधारा पर आधारित है, भाजपा के नेतृत्व में संसद अच्छी चल रही है’.
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पूनियां ने की किरोड़ी की जमकर तारीफ
सवाईमाधोपुर में हुए सम्मेलन को भाजपा के प्रदेश प्रभारी महासचिव अरुण सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां और भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी संबोधित किया. इस मौके पर सतीश पूनियां ने जनहित के मुद्दों पर धरना प्रदर्शन कर सरकार को झुकाने पर किरोड़ीलाल मीणा की जमकर तारीफ की.
नड्डा का हुआ जोरदार स्वागत
इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज सवाई माधोपुर पहुंचे. कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर नड्डा का स्वागत किया. यहां से राष्ट्रीय अध्यक्ष का काफिला जुलूस की रूप में होटल टाइग्रेस पहुंचा. प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, राजस्था प्रभारी अरुण सिंह, सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया, दौसा सांसद जसकौर मीणा, राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा, भाजपा के जिलाध्यक्ष भरत लाल मथूरिया ने उनका स्वागत किया.
दिग्गजों की अनुपस्थिति बनी चर्चा का विषय
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे से दिग्गजों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी रही. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ समेत कई दिग्गजों की नड्डा के दौरे से अनुपस्थित रहे. वहीं कुछ सियासी जानकर इसे सियासी गुटबाजी से जोड़कर भी देख रहे हैं. कहा जा रहा है कि आज के नड्डा के दौरे से भाजपा की खींचतान खुलकर चौड़े धाड़े सामने आ गई है. सियासी जानकारों का कहना है कि 2023 में सीएम फेस को लेकर गुटबाजी मिटाना ही आलाकमान की सबसे बड़ी टेंशन हैं.
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पूर्व राजस्थान में खोया वजूद पाने की कवायद!
दूसरी तरफ पार्टी का पूर्वी राजस्थान में खोए वजूद को वापस पाना भी बड़ी चुनौती है. सवाई माधोपुर जिले में एसटी सम्मेलन का आयोजन कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने की कवायद की पहली सीढ़ी माना जा रहा है. आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्वी राजस्थान में करारी हार का सामना करना पड़ा था. पूर्वी राजस्थान के 5 जिलों करौली, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, दौसा और भरतपुर में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था. इस क्षेत्र की 24 सीटों में से मात्र एक सीट पर भाजपा का परचम लहराया था. जबकि कांग्रेस ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी.