Politalks.News/Rajasthan. करीब तीन साल के कार्यकाल के बाद गहलोत मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो गया है. सीएम गहलोत ने कहा है कि, ‘अब वो दोहरी ऊर्जा के साथ जनता की सेवा में जुटेंगे’. राजभवन में दिग्गजों की मौजूदगी में 11 कैबिनेट और 4 राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई. राज्यपाल कलराज मिश्र ने सबसे पहले वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी को शपथ दिलाई. इसके बाद एक के बाद एक मंत्रियों को शपथ दिलाई. शपथ के बाद महेश जोशी, रामलाल जाट, भजन लाल जाटव और ममता भूपेश ने सीएम गहलोत के पैर छूए. तो जाहिदा एक मात्र मंत्री थी जिन्होंने अंग्रेजी में शपथ ली. अब शपथ ग्रहण के बाद मंत्रियों को पोर्टफोलियो का सभी को इंतजार है. किस मंत्री को कौनसा विभाग मिलेगा इस पर सभी की नजरें हैं. सियासी गलियारों में अब दो चर्चाएं जारी है पहली ये की क्या राजस्थान कांग्रेस की सियासी कलह खत्म हो गई है? दूसरी यह कि पायलट की भूमिका क्या रहने वाली है आलाकमान उन्हें क्या जिम्मेदारी देंगे?
शपथग्रहण के बाद अब पोर्टफोलियो को इंतजार
राज्य सरकार के 11 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद अब इनके पोर्ट फोलियो पर सभी की नजरें हैं. मंत्रियों को विभागों का वितरण कभी भी किया जा सकता है. विभागों के बंटवारे को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने होमवर्क पूरा कर रखा है. सूत्रों की मान तो आलाकमान के स्तर पर भी इसकी मंजूरी ली जा चुकी हैं. सूत्रों के अनुसार विभागों का पुनर्वितरण बड़े पैमाने पर होगा. विद्युत, जलदाय एवं जनसेवा जैसे विभागों के मंत्री बदलेंगे. लेकिन शांति धारीवाल के विभागों में कोई परिवर्तन होने की संभावना नहीं है. वहीं गृह और वित्त विभाग भी सीएम गहलोत के पास बने रहेंगे.
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सीएम गहलोत ने फिर दोहराया- जनता ने बनाया मन फिर बनानी है कांग्रेस की सरकार
शपथग्रहण के बाद सीएम गहलोत ने कहा कि मंत्रिमंडल के वितरण के फैसले का सभी स्वागत कर रहे हैं. सोशल इंजीनियरिंग से सभी खुश हैं. अब सभी मंत्रियों को जिम्मेदारियां दी जाएंगी. जनता की अपेक्षाओं में खरे उतरने की कोशिश करेंगे’. सीएम गहलोत ने दोहराया कि, ‘इस बार फिर से कांग्रेस की सरकार बनानी है’. सीएम ने यह भी कहा कि अभी तो संसदीय सचिव बनेंगे, एडवाइजर बनेंगे, निगम-बोर्डों में नियुक्तियां होनी है सब काम चल रहा है’.
11 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्रियों ने ली शपथ
राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराई. कुल 15 मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की. इनमें 11 केबिनेट और 4 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई गई. राज्यपाल ने सबसे पहले वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी को कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई. दूसरे नंबर पर महेंद्रजीत सिंह मालवीय और तीसरे नंबर पर रामलाल जाट ने शपथ ली. रामलाल जाट सीएम के खास माने जाते हैं. चौथे नंबर महेश जोशी और पांचवें नंबर पर विश्वेंद्र सिंह ने शपथ ली. महेश जोशी को गहलोत का संकटमोचक माना जाता है. सियासी संकट के दौरान क्राइसिस मैनेजर के रूप में जोशी उभरे थे. छठे नंबर पर रमेश मीणा को शपथ दिलाई गई. सातवें नंबर पर ममता भूपेश को शपथ दिलाई. इसके बाद भजनलाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंदराम मेघवाल, शकुंतला रावत, बृजेंद्र ओला, मुरारी मीणा, राजेन्द्र गुढ़ा, जाहिदा खान को शपथ दिलाई.
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पायलट रहे आकर्षण का केन्द्र
शपथग्रहण समारोह में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी राजभवन पहुंचे. यहां वे सभी विधायक से गर्मजोशी के साथ मिले और हाथ मिलाए. शपथ समारोह में उनकी यह बॉडी लैंग्वेज काफी चर्चा में रही. जबकि इससे पहले पीसीसी में वे चुप रहे. यहां पायलट ने क्या उनका खेमा क्या गहलोत खेमा सभी से मिले. नए मंत्रियों, विधायकों, पार्टी पदाधिकारियों समेत दिग्गजों से मुलाकात की. युवा विधायकों ने पायलट को घेरे रखा. शपथ ग्रहण समारोह में पायलट को मुख्य मंच के सामने वाली सीट मिली. पायलट की बगल वाली सीट पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ बैठ थे. सियासी गलियारों में पायलट के इस गर्मजोशी से मुलाकात की चर्चाएं हो रही हैं.
जो मंत्री नहीं बने उन्हें एडजस्ट करेंगे- सीएम
इससे पहले पीसीसी में सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘जो मंत्री नहीं बन पाए हैं, उनकी भूमिका कम नहीं है. जो बच गए हैं उन्हें एडजस्ट करने की कोशिश करेंगे’. पायलट कैंप पर इशारों में निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि, राजनीति में जो धैर्य रखता है, उसे कभी न कभी मौका मिलता है. सब इस फैसले से खुश हैं. राजस्थान में बार-बार सरकार में बदलाव आता है, लेकिन इस बार हम सरकार रिपीट करके दिखाएंगे. पूरे कांग्रेसजन एकजुट रहेंगे. जिन्हें मौका मिला है, मैं उम्मीद करता हूं कि वे सोनिया गांधी को निराश नहीं करेंगे’.
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‘आलाकमान का फैसला मानना कांग्रेस की परंपरा’
शपथ ग्रहण से पहले प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि,’ आलाकमान का फैसला मानना कांग्रेस की परंपरा है. सुशासन देंगे तो सरकार वापस आएगी. कोरोना हो या कोई और चुनौती, सबका सरकार ने बखूबी मुकाबला किया. मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि जनता आएगी तो मंत्री जनता से बिना अपॉइंटमेंट मिलेंगे. जो मंत्री नहीं बन पाए हैं उनकी भूमिका कम नहीं है. जिन निर्दलीयों और बसपा से आए विधायकों ने संकट के समय सरकार का साथ दिया. उन लोगों को भूल नहीं सकता. सभी वर्गों की भागीदारी पुनर्गठन में सुनिश्चित की गई’.