सहारनपुर के देवबंद में आयोजित महागठबंधन की चुनावी रैली में बसपा प्रमुख मायावती के ‘मुस्लिम बयान’ को लेकर चुनाव आयोग सख्त नजर आ रहा है. उन्होंने इस संबंध में जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. चुनाव आयोग ने कहा है कि मायावती के इस बयान पर कई शिकायतें मिली थी, जिसके बाद आयोग ने यह कदम उठाया है. दरअसल देवबंद में सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन की पहली चुनावी रैली में रविवार को मायावती ने मुस्लिम मतदाताओं का आह्वान करते हुए कहा था, ‘भाजपा को कांग्रेस नहीं हरा सकती. उसे सिर्फ महागठबंधन हरा सकता है. लिहाजा मुस्लिम मतदाता कांग्रेस को वोट देकर उसे ज़ाया करने के बजाय महागठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में एक तरफा मतदान करें.’ मायावती के इस बयान पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है.

राठौड़ का कहना है कि मायावती द्वारा मुसलमानों से एक राजनीतिक दल को वोट न देने की अपील करना धार्मिक उन्माद फैलाने वाला है. साथ ही यह चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन भी है, लिहाजा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. वहीं दूसरी ओर मायावती का ऐसा बयान ध्रुवीकरण को भी बढ़ावा दे सकता है जिसका नुकसान महागठबंधन को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उठाना पड़ सकता है क्योंकि मुस्लिमों से एकतरफा वोट की अपील पर हिंदू वोटरों पर इसका उल्टा असर हो सकता है.

इस चुनावी रैली में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘हमारी सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं. हमारे जवान मर रहे हैं बीजेपी की ज़िम्मेदारी है. ये महापरिवर्तन का चुनाव है. ये दूरियों को मिटाने का चुनाव है. हमें नफ़रत की दीवार गिरानी है. उन्होंने कहा कि जो कांग्रेस है वही बीजेपी है, जो बीजेपी है वही कांग्रेस है. कांग्रेस परिवर्तन नहीं चाहती वो अपनी पार्टी बनाना चाहती है. आपको देखना होगा कि कौन परिवर्तन लाएगा.’

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