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चारा घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू यादव को रांची हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. देवघर कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने को आधार बनाकर लालू की तरफ से जमानत याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए रांची हाईकोर्ट ने लालू यादव को 50 हजार के बेल बांड और 5 लाख जुर्माना अदा करने की शर्त पर जमानत दी. साथ ही कोर्ट ने लालू को पासपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया है.

चारा घोटाला के चार मामलों के सजा-याफ्ता लालू प्रसाद की जमानत पर हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने लालू की जमानत याचिका पर फैसला सुनाया. फिलहाल दो मामलों में सजा होने की वजह से लालू को अभी जेल में ही रहना होगा.

बता दें कि 29 मई को रांची की एक विशेष अदालत ने करोड़ों रुपये के चारा घोटाला मामले में 16 आरोपियों को दोषी ठहराया था और उन्हें तीन से चार वर्षों की सजा सुनाई. लालू यादव ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी. इस मामले में 5 जुलाई को सुनवाई हुई थी जिसे 12 जुलाई तक के लिए टाल दिया था. लालू यादव चारा घोटाला मामले में रांची की एक जेल में बंद हैं. उन्‍हें 68ए और 38ए मामले में जमानत का इंतजार है.

बता दें, एस.एन. मिश्रा की विशेष सीबीआई अदालत ने चाईबासा ट्रेजरी से फर्जीवाड़ा करके 37 करोड़ रुपये निकालने के मामले में 16 लोगों को दोषी ठहराया था. अदालत ने इनमें से 11 लोगों को तीन साल और पांच अन्य को चार वर्षों की सजा सुनाई थी. चारा घोटाले के 64ए, देवघर कोषागार मामले में लालू 25 माह की सजा काट चुके हैं.

इधर CBI की ओर से केंद्रीय जांच एजेंसी के वकील ने लालू प्रसाद की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लालू का बेल रिजेक्‍ट कर दिया है. ऐसे में हाई कोर्ट को आधी सजा के बिना पर जमानत नहीं देना चाहिए. जिस पर लालू के वकील ने तर्क दिया कि लालू ने सुप्रीम कोर्ट से आधी सजा के नाम पर नहीं मेरिट के आधार पर जमानत मांगी थी.

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