कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहलगाम हमले पर पूर्व में दिए अपने बयान पर यू टर्न लेते हुए सफाई दी है. सिद्धारमैया ने पूर्व में कहा था कि हम पाकिस्तान से युद्ध के पक्ष में नहीं है. उन्होंने ये बयान 26 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद दिया था. विवाद बढ़ता देख अब उन्होंने अपने इस बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं करना चाहिए, मैंने बस इतना कहा कि युद्ध समाधान नहीं है. कांग्रेस ने सिद्धारमैया के बयान से किनारा किया है. कांग्रेस नेता एचआर श्रीनाथ ने कहा कि यह एक व्यक्तिगत बयान है. उनका बयान पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. वहीं बीजेपी ने सिद्धारमैया के पूर्ववर्ती बयान पर कर्नाटक सीएम का घेराव करते हुए उन्हें ‘पाकिस्तान रत्न’ कहकर बुलाया है.
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दरअसल, सिद्धारमैया के युद्ध के पक्ष में नहीं होने के बयान को पाकिस्तानी मीडिया ने कवर किया और अपने प्राइम शो में उनके बयान को बड़े स्तर पर टेलीकास्ट किया. उन्हें ‘भारत के भीतर से युद्ध के खिलाफ आवाज’ बताया. इस पर कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने जियो न्यूज बुलेटिन की एक क्लिप शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- सीमा पार से वजार-ए-आला सिद्धारमैया के लिए बहुत-बहुत बधाई!
वहीं कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने सिद्धारमैया को ‘पाकिस्तान रत्न’ बताया. उन्होंने कहा- सीएम सिद्धारमैया आप अपने बचकाने और बेतुके बयानों के कारण रातों-रात पाकिस्तान में विश्व प्रसिद्ध हो गए हैं.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने भी सिद्धारमैया के बयान की आलोचना की. उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब हमें एकजुट होने की जरूरत है, सिद्धारमैया के बयान बेहद निंदनीय और बचकाने हैं.
उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया को वास्तविकता समझनी चाहिए और ऐसे समय में ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए, जब पूरा देश एकजुट है. यह मुख्यमंत्री के तौर पर उनके पद के लिए ठीक नहीं है. मैं इसकी निंदा करता हूं. उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए और अपने तौर-तरीके सुधारने चाहिए.
सीएम की पूर्व बयान पर सफाई
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने पहलगाम हमले पर दिए अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि हमें पाकिस्तान के साथ युद्ध नहीं करना चाहिए, मैंने बस इतना कहा कि युद्ध समाधान नहीं है. जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों को सुरक्षा दी जानी चाहिए थी. इसकी जिम्मेदारी किसकी है? मैंने कहा है कि इसमें विफलता हुई है. यह खुफिया तंत्र की विफलता है. भारत सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं की. जहां तक युद्ध का सवाल है, अगर यह बहुत जरूरी ही होगा तो हमें युद्ध करना ही होगा.’ हालांकि प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस संवेदनशील मुद्दे पर दिए बयान पर सफाई दे दी है लेकिन विपक्ष में बैठी बीजेपी इस मामले को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है. इस बयानबाजी पर अभी कड़ी जंग होना शेष है.