शिवराज सरकार पर कमलनाथ का पहला निशाना- एक तरफ़ कोरोना वायरस को लेकर सुरक्षा व सावधानी के लिये लिये गये तमाम निर्णय, प्रदेश में भी लॉक डाउन, कर्फ़्यू जैसे निर्णय, वहीं दूसरी तरफ शिवराज सरकार द्वारा निर्णयों का उल्लंघन कर कर्फ़्यू में भी विधानसभा सभा का सत्र बुलाने का देर रात में लिया गया निर्णय, है समझ से परे, विश्वास मत हासिल करने के लिये समय था, फिर आख़िर इतनी जल्दबाज़ी क्यों? कोरोना से बचाव के लिये यह दोहरे मापदंड क्यों? जनता के लिये नियमों के पालन की सख़्ती व ख़ुद उल्लंघन पर उल्लंघन? अभी तो एक दिन ही हुआ है, कहेंगे कुछ करेंगे कुछ….