रामपुर उपचुनाव में हुई जिन्ना की एंट्री तो नावेद मियां ने आजम खान को बताया सबसे बड़ा डरपोक व कायर

रामपुर उपचुनाव चुनाव प्रचार के दौरान आजम खान ने एक बार फिर जिन्ना के जिन्न को सियासी बोतल से बाहर निकाल दिया और कहा कि मुसलमानों का डर दिखाकर बापू को तैयार किया गया बंटवारे के लिए तो वहीं हिजड़ों से नवाबों की तुलना करके खुद आजम अब वहां के नवाब खानदान के निशाने पर आ गए, रामपुर के नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने जमकर आजम खान को लिया आड़े हाथ

नवाब के निशाने पर आजम
नवाब के निशाने पर आजम

Politalks.News/Rampur/Loksabha By-Election. उत्तरप्रदेश की दो लोकसभा सीटों रामपुर और आजमगढ़ पर होने वाले उपचुनावों के चलते सियासत तेज हो गई है. 23 जून को होने वाले उपचुनाव के जैसे जैसे दिन नजदीक आते जा रहे हैं नेताओं के बीच सियासी बयानबाज़ी तीखी हो चली है. आजमगढ़ के मुकाबले रामपुर सीट पर लोगों की निगाह ज्यादा गढ़ी हुई हैं क्यों कि यह सीट सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान का गढ़ मानी जाती है. आजम खान खुद पूरे क्षेत्र में घूम घूमकर पार्टी के प्रचार में लगे हुए हैं. इसी कड़ी में रामपुर उपचुनाव चुनाव प्रचार के दौरान एक तरफ जहां आजम खान ने एक बार फिर जिन्ना के जिन्न को सियासी बोतल से बाहर निकाल दिया तो वहीं हिजड़ों से नवाबों की तुलना करके खुद आजम अब वहां के नवाब खानदान के निशाने पर आ गए हैं. रामपुर के नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने जमकर आजम खान को आड़े हाथ लिया है.

पहले बात करें रामपुर उपचुनाव में जिन्ना की एंट्री की तो चुनाव प्रचार के दौरान सपा नेता आजम खान ने जहां देश के बंटवारे के लिए जिन्ना को जिम्मेदार ठहराया तो दूसरी तरफ कहा कि महात्मा गांधी ने डर की वजह से बंटवारे का फैसला लिया. विधायक आजम खान ने कहा कि जो लोग सबसे बड़ी गद्दी पर बैठे हैं, उन लोगों ने मुसलमानों का डर दिखाकर बापू को तैयार किया. आजम ने कहा कि पाकिस्तान बनाने का नारा देने वाले जिन्ना थे. लेकिन मुस्लिम हिन्दुस्तान का बंटवारा नहीं चाहते थे. मौलाना आजाद लास्ट टाइम तक भारत पाकिस्तान बंटवारे से इनकार करते रहे.

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यही नहीं आजम खान ने आगे कहा कि बापू बंटवारे के लिए तैयार हो जाएंगे, यह किसी ने सोचा नहीं था. लेकिन जब बापू ही तैयार हो गए तो सभी की हिम्मत टूट गई. बापू को तैयार कराने वाले हिंदुस्तान की सबसे बड़ी गद्दी पर बैठे थे. अगर उस समय हिन्दुस्तान बंटा न होता तो पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के कुछ हिस्सा और कुछ हिस्से जो औरंगजेब ने जीते थे. यहां तक की रंगुन तक हिन्दुस्तान था. आजम ने कहा कि अखण्ड भारत का नारा देने वालों वो हिन्दुस्तान दो जो औरंगज़ेब का हिन्दुस्तान था. सपा विधायक आजम खान ने आगे कहा कि पूरी मुगल सल्तनत को गाली दो क्योंकि मुगल सल्तनत न तो खलीफा की सल्तनत थी न ही इस्लामिक हुकूमत थी. आजम खान ने कहा कि औरंगज़ेब का हिन्दुस्तान वापस करो.

इसके अलावा एक अन्य जनसभा में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने नवाब परिवार को लेकर विवादित बयान दे दिया, जिसके चलते खुद आजम खान नवाब खानदान के निशाने पर आ गए. आजम ने कहा कि जो नवाब खानदान हैं, उनकी जो नस्लें हैं, उनको इतने वोट भी नहीं मिले होंगे, जितने कि रामपुर में किन्नर हैं. आजम खान के इस बयान पर रामपुर के नवाब काजिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने पलटवार किया है. नावेद मियां कहा कि हिजड़ों की तो गिनती वही बेहतर जानते हैं, जिनका उनसे संबंध रहता है. मुझे तो पता नहीं रामपुर में कितने हिजड़े हैं.

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यही नहीं नावेद मियां ने बड़ा पलटवार करते हुए कहा कि आजम खान सबसे बड़ा डरपोक, कायर और बुजदिल आदमी है. जब वो सत्ता में नहीं होते उनकी हिम्मत नहीं कि सत्ता के विरोध में या विपक्ष में कुछ कर सकें तो किसी न किसी पर भड़ास निकलनी हैं. जो वो बोल रहे हैं, उसकी यही वजह है. मियां ने कहा कि रामपुर में 2012-2017 के बीच मुसलमानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि उस दौर में गरीब मुसलमानों की जमीनों को छीना गया. उनको जबरदस्ती थानों में बैठाया गया. उन पर जुल्म-ज्यादती की गई. जिस पर जौहर यूनिवर्सिटी का मुकदमा चल रहा है.

आगे नावेद मियां ने कहा कि 2012 से 2017 के बीच योगी की सरकार में न कोई मस्जिद, न मदरसा टूटा और न ही किसी की जमीन जबरदस्ती ली गई. उन्होंने कहा कि रामपुर में सबसे ज्यादा नुकसान आजम खान ने करवाया. काजिम अली खान ने कहा कि नवाबों को आजम खां के किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. उनके बुरा कहने से हम बुरे नहीं हो जाएंगे. जिनके दामन पर 90 मुकदमों का दाग हो, उन्हें दूसरों पर अंगुली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.

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नवाब काजिम अली खान ने कहा कि हमारे दादा नवाब राजा अली खान थे, जिन्होंने ये रियासत मर्ज की. रामपुर की पहली रियासत जो हिंदुस्तान में मर्ज हुई. जिसकी वजह से प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू यहां पर गांधी जी की अस्थियां यहां लेकर आए, जो गांधी समाधि पर रखी हैं. नावेद मियां ने कहा कि गांधी जी की अस्थिया या तो राजघाट पर हैं या रामपुर में हैं. उन्होंने कहा कि ये नूर महल है, जो राजनीति में आजम को हमेशा चुनौती देता है.

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