गहलोत चाहते हैं तो घुसा दें बीजेपी ऑफिस में पुलिस, लेकिन…- सीएम के बयान पर पूनियां का पलटवार

दिल्ली में दिए सीएम अशोक गहलोत के प्रदेश भाजपा दफ्तर में पुलिस घुसाने वाले बयान पर पूनियां ने किया पलटवार- पुलिस का गलत इस्तेमाल करना सीएम गहलोत की फितरत, उन्होंने तो पायलट के खिलाफ 124 ए, राजद्रोह का मुकदमा करवाया था दर्ज, भले ही उन्होंने बीजेपी के पूर्व मंत्रियों और विधायकों पर लगे मुकदमे लिए हैं वापस लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि राहुल गांधी के ऊपर ईडी की कार्रवाई को भी रोक दिया जाए

सीएम के बयान पर पूनियां का पलटवार
सीएम के बयान पर पूनियां का पलटवार

Politalks.News/SatishPoonia/Rajasthan. अग्निपथ योजना को लेकर देश की सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार की इस योजना के खिलाफ देश भर में प्रदर्शन कर रही है. इसी कड़ी में आज पार्टी के दिग्गज नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में जंतर मंतर के सामने सत्याग्रह किया. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन के दौरान बड़ा बयान देते हुए कहा था कि, ‘पुलिस दरवाजा तोड़कर एआईसीसी में घुस गई, अगर ऐसा ही कुछ हम राजस्थान में भी बीजेपी ऑफिस में करें तो?’ अब सीएम गहलोत के इस बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां की प्रतिक्रिया सामने आई है. पूनियां ने कहा कि, ‘गहलोत चाहते हैं तो बीजेपी ऑफिस में पुलिस घुसा दें, उन्हें कौन मना कर रहा है. हमने तो कभी ये कहा नहीं कि मत घुसिए, भाई उनके पास तो पूरी ताकत है.’

एक तरफ जहां कांग्रेस पुरे देश में केंद्र की अग्निपथ योजना का विरोध कर रही है तो वहीं बीजेपी नेता भी कांग्रेस पर पलटवार करते नजर आ रहे हैं. सोमवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘हम जब विरोध कर रहे थे तो हमारे मुख्यालय में ही बंदिश लगाई गई कि केवल 15 लोग ही एआईसीसी मुख्यालय में प्रवेश करेंगे. पुलिस दरवाजा तोड़कर एआईसीसी में घुस गई और कांग्रेस वर्कर्स को पीट कर बाहर निकाल दिया. अगर राजस्थान में भाजपा शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रही है, धरना दे रही है तो क्या हम भी उनके साथ ऐसा व्यवहार करें तो इन पर क्या बीतेगी?’ सीएम गहलोत के इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘पुलिस का गलत इस्तेमाल करना राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फितरत है.’

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सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘सीएम गहलोत चाहते हैं तो वे जब चाहे बीजेपी ऑफिस में पुलिस घुसा दें, उन्हें मना कौन कर रहा है. हमने तो कभी ये कहा नहीं कि मत घुसिए. उनके पास पूरी ताकत है वे मुख्यमंत्री हैं प्रदेश के वे जब चाहे वो करवा सकते हैं. सीएम गहलोत ने पिछले साढ़े 3 साल में राजस्थान की पुलिस को घुसाने का ही तो काम करवाया है. बलात्कार से बचाने और हत्यारों को पकड़नेे का काम नहीं किया.’ पूनियां ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘सीएम गहलोत ने तो अपने ही पीसीसी चीफ और डिप्टी चीफ मिनिस्टर सचिन पायलट के खिलाफ 124 ए, राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाया था क्या वो ये भूल गए. SOG से अपनी ही लोगों के खिलाफ जांच करवाई और ठीक उसी प्रकार ACB का भी दुरुपयोग किया है.’

पूनियां ने कहा कि, ‘सीएम गहलोत आज तक जिस दुरूपयोग के सहारे चलते आये हैं तो उसी दुरुपयोग में बीजेपी कार्यालय में भी पुलिस घुसा देते हैं, तो घुसा दें, लेकिन राजस्थान की जनता कल जवाब मांगेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासनकाल में दर्ज 7 लाख मुकदमें अपने आप में बानगी है. कांग्रेस के इस कार्यकाल में किसी अबला की लुटती हुई अस्मत को बचाने का काम नहीं हुआ और वो कहते हैं कि बीजेपी कार्यालय में पुलिस घुसा देंगे, तो मुझे लगता है इस पार्टी और हुकूमत का भगवान ही मालिक है.’ सीएम गहलोत के हिन्दुओं को भड़काकर भाजपा के वोट लेने वाले बयान पर पलटवार करते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘ये बातें तो गहलोत रटी-रटाई कहते हैं. बीजेपी वसुधैव कुटुंबकम और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम करती है.’

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पत्रकारों से बात करते हुए पूनियां ने कहा कि, ‘प्रदेश में भी पहले बीजेपी की सरकारें रही हैं लेकिन किसी व्यक्ति को किसी हिंदू ने जबरन धर्मांतरण के लिए प्रेरित नहीं किया, किसी हिन्दू पर लव जिहाद का आरोप नहीं लगा, किसी हिन्दू पर लैंड जेहाद का आरोप नहीं लगा. देश- प्रदेश में किसी भी धर्म, जाति, पंथ, मजहब के लोगों को इबादत करने, रहने, अभिव्यक्ति की सारी आजादी है. जितनी आजादी हिन्दुस्तान में है, वो दुनिया के किसी देश में नहीं है. इसलिए राजनीतिक तौर पर ये चीजें कही जाती हैं. लेकिन हमारा तो खुदका कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप है. कांग्रेस ने ही वोट बैंक की पॉलिटिक्स शुरु की है. ये वोट बैंक की पॉलिटिक्स तब खत्म होनी शुरु हुई, जब लोगों ने कांग्रेस की हकीकत समझी, क्योंकि ये भेद तो कांग्रेस ही करती है. कोटा में PFI को हिजाब के मसले में रैली निकालने की परमिशन अशोक गहलोत की सरकार ने दी. रामनवमी और हिन्दू नववर्ष पर 17 जिलों में 144 उन्होंने लगाई. रमजान में बिजली पूरी मिलेगी यह सर्कुलर उनकी सरकार ने निकाला है. भेदभाव तो वही खड़ा करते हैं और तोहमत हम पर लगाते हैं, इसलिए हमारे खिलाफ यह बात बिल्कुल बेबुनियाद सी है.’

वहीं प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं, मंत्रियों एवं खुद मुख्यमंत्री के दिल्ली में डेरा डालने वाले सवाल पर पूनियां ने कहा कि, ‘प्रदेश की जनता राम भरोसे है.’ पूनिया ने कहा कि, ‘पहले 52 दिन सरकार बाड़े में बंद रही और अब मुख्यमंत्री सहित सभी विधायक और मंत्री दिल्ली में पहुंच गए हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत यह बताएं कि आखिर वह प्रदेश की जनता को किसके हवाले छोड़ कर गए हैं. 3 साल में आधा वक्त उन्होंने बाड़ेबंदी में गुजार दिया. आखिर क्या वह प्रदेश की जनता को जवाब देंगे ? जिस तरीके से महिलाओं का चीरहरण हो रहा है. भ्रष्टाचार चरम पर है, गुंडे-बदमाशों ने तांडव मचा रखा है और यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि सरकार आम जनता की सुध नहीं ले पा रही है.’

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भाजपा के पूर्व मंत्रियों और विधायकों के प्रदेश सरकार द्वारा मुकदमे वापस लेने के सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ‘कांग्रेस कह रही है कि उन्होंने बड़ा दिल रख कर बीजेपी के पूर्व मंत्रियों और विधायकों पर लगे मुकदमे वापस लिए हैं. लेकिन बीजेपी राजनीतिक द्वेष के बीच राहुल गांधी को जबरन ईडी के केस में फंसा रही है. उन्हें भी बड़ा दिल रख कर इस तरह की कार्रवाई से बचना चाहिए तो मैं उनसे यह कहना चाहूंगा कि यह कोई गिव एंड टेक नहीं है. कानून के दायरे में जो काम होता है वह किया जा रहा है. राज्य सरकार ने अपने विवेक से वही काम किया जो वर्षों से राजनीति में होता आ रहा है. इसमें कोई कंप्रोमाइज नहीं किया गया है. राहुल गांधी निर्दोष हैं तो उन्हें किसी चीज का डर नहीं होना चाहिए, जो सच्चाई होगी वह जल्दी सबके सामने आ जाएगी. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि राजस्थान में गहलोत सरकार ने अगर बीजेपी के पूर्व मंत्रियों और विधायकों के मुकदमे वापस लिए तो राहुल गांधी के ऊपर ईडी की कार्रवाई को भी रोक दिया जाए.’

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