Politalks.News/Kailashvijayvargiy. केंद्र सरकार द्वारा लाइ गई सेना भर्ती योजना अग्निपथ को लेकर जहां पुरे देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं इस मुद्दे पर सियासत भी गर्म है. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल अग्निपथ योजना को देश के जवानों के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं तो बीजेपी नेता इस योजना को मील का पत्थर साबित करने पर तुले हुए हैं. यहीं कारण हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश एक बाद देश के सभी बीजेपी नेता एवं कार्यकर्त्ता केंद्र सरकार की इस योजना के लाभ से देश के युवाओं को अवगत करवाएंगे. लेकिन इससे पहले बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय के एक बयान से प्रदेश की सियासत और भी ज्यादा गरमा गई. कैलाश विजयवर्गीय ने जहां सेना से बाहर निकलने वाले अग्निवीरों को भाजपा कार्यालय की सुरक्षा के लिए प्राथमिकता देने की बात कही तो वहीं उनके इस बयान को लेकर विपक्ष ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘आखिरकार बीजेपी की सोच सामने आ ही गई.’
अग्निपथ योजना को लेकर देश के ज्यादा हिस्सों में बवाल हो रहा है. इस बीजेपी के नेता लगातार अग्निपथ योजना की अच्छाई गिनाने में लगे हैं तो वहीं बीजेपी के बयानवीर अपने बयानों के सहारे अपनी ही पार्टी की किरकिरी करवा रहे हैं. इंदौर में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कदम आगे बढ़ते हुए बयान दे दिया है, जिस पर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को इंदौर के भाजपा कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘सेना के प्रशिक्षण में अनुशासन एवं आज्ञा का पालन करना सबसे प्रमुख है, और अग्निपथ योजना के तहत सेवा के दौरान युवाओं में दोनों गुणों का विकास होगा.’ इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि, ‘मुझे अगर भाजपा के इस कार्यालय में सुरक्षा रखनी है, तो मैं (पूर्व) अग्निवीर को प्राथमिकता दूंगा.’ विजयवर्गीय के इस बयान के बाद कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘जिन्होंने आज़ादी के 52 सालों तक तिरंगा नहीं फहराया, उनसे जवानों के सम्मान की उम्मीद नहीं की जा सकती. युवा, सेना में भर्ती होने का जज़्बा, चौकीदार बन कर भाजपा कार्यालयों की रक्षा करने के लिए नहीं, देश की रक्षा के लिए रखते हैं. प्रधानमंत्री की चुप्पी इस बेइज़्ज़ती पर मोहर है.’ वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि, ‘देश के युवाओं और सेना के जवानों का इतना अपमान मत करो. हमारे देश के युवा दिन-रात मेहनत करके फिजिकल पास करते हैं, टेस्ट पास करते हैं क्योंकि वो फौज में जाकर पूरा जीवन देश की सेवा करना चाहते हैं, इसलिए नहीं कि वो BJP के दफ्तर के बाहर गार्ड लगना चाहते हैं.’
आप नेता संजय सिंह ने कहा कि, ‘वाह रे भाजपाईयों तुम्हारा बेटा करोड़ों के पैकेज वाली नौकरी करेगा. किसान का बेटा BJP के दफ़्तर पर गार्ड की नौकरी करेगा. चिंता मत करो यही नौजवान तुम्हारे सत्ता भूत उतारेगा. भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे को मेरे यहां भेज दें, मैं उसे गार्ड की नौकरी पर रख लूंगा.’ वहीं हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता दीपेंद्र सिंह हूडा ने कहा कि, ‘क्या ‘भारतीय फ़ौजी’ होने का गौरव अब ‘भाजपा कार्यालय के चौकीदार’ होने के बराबर है? कैलाश जी, आपने सेना पर राजनीति तो बहुत की, पर आप देशभक्ति की उस पवित्र भावना को कभी नही समझ सके जो उस युवा के रक्त में बह रही है जो फ़ौज में भर्ती होने के लिए सुबह 4 बजे दौड़-कसरत पर निकलता हैं.’
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बीजेपी नेता एवं पीलीभीत सांसद वरुण गांधी जो पहले दिन से केंद्र की इस योजना का विरोध कर रहे युवाओं को समझाने की कोशिश कर रहे हैं उन्होंने भी कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर निशाना साधा है. वरुण गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘जिस महान सेना की वीर गाथाएँ कह सकने में समूचा शब्दकोश असमर्थ हो, जिनके पराक्रम का डंका समस्त विश्व में गुंजायमान हो, उस भारतीय सैनिक को किसी राजनीतिक दफ़्तर की ‘चौकीदारी’ करने का न्यौता, उसे देने वाले को ही मुबारक। भारतीय सेना माँ भारती की सेवा का माध्यम है, महज एक ‘नौकरी’ नहीं.’
वहीं अपने बयान को लेकर चौतरफा घिरे कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बयान पर सफाई भी दी है. विजयवर्गीय ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘अग्निपथ योजना से निकले अग्निवीर निश्चित तौर पर प्रशिक्षित और कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्ध होंगे. सेना में सेवाकाल पूर्ण करने के बाद वे जिस भी क्षेत्र में जाएंगे, वहां उनकी उत्कृष्टता का उपयोग होगा. मेरा आशय स्पष्ट रूप से यही था.’ वहीं विजयवर्गीय ने टूलकिट सेना पर भी निशाना साधते हुए कहा कि, ‘टूलकिट गिरोह से जुड़े लोग मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत करके कर्मवीरों का अपमान करने की कोशिश कर रहे हैं. यह देश के कर्मवीरों का अपमान होगा. राष्ट्रवीरों-धर्मवीरों के खिलाफ इस टूलकिट गिरोह के षड़यंत्रों को देश भली भांति जानता है.’