दिव्या के निशाने पर अपनी ही गहलोत सरकार, 24 घंटे में बोले दो बड़े हमले, महेश जोशी को फिर लिया आड़े हाथ

बीते दो दिनों में दिव्या मदेरणा ने दो बार सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार पर उठाए सवाल, विधायकों के इस्तीफे प्रकरण में महेश जोशी के साथ-साथ सीएम गहलोत पर निशाना साधा तो वहीं जोधपुर में शनिवार को दिनदहाड़े हुई एक अधिवक्ता की हत्या के बहाने प्रदेश के बिगड़े कानून व्यवस्था के हालातों को लेकर सीएम अशोक गहलोत की मौजूदगी में उनके सामने ही गहलोत सरकार की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला

Divya Maderana on Ashok Gehlot & Mahesh Joshi
Divya Maderana on Ashok Gehlot & Mahesh Joshi

Divya Maderana on Ashok Gehlot & Mahesh Joshi. जनता से जुड़े मुद्दों पर राजस्थान की जाट राजनीति के सबसे दिग्गज नेता रहे दिवंगत परसराम मदेरणा की पोती और ओसियां से तेजतर्रार विधायक दिव्या मदेरणा अपनी ही गहलोत सरकार पर सवाल उठाने में ज्यादा समय नहीं लगाती हैं. बीते दो दिनों में दिव्या ने दो बार सीएम गहलोत और उनकी सरकार पर सवाल उठाए हैं. विधायकों के इस्तीफे प्रकरण में मंत्री महेश जोशी के इस्तीफे के बाद ट्वीट के जरिए जोशी के साथ-साथ सीएम गहलोत पर निशाना साधा तो वहीं जोधपुर में शनिवार को दिनदहाड़े हुई एक अधिवक्ता की हत्या के बहाने प्रदेश के बिगड़े कानून व्यवस्था के हालातों को लेकर सीएम अशोक गहलोत की मौजूदगी में उनके सामने ही गहलोत सरकार की कानून व्यवस्था पर जमकर हमला बोला, जबकि बता दें, मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश के गृहमंत्री का जिम्मा भी सीएम गहलोत के पास ही है.

आपको बता दें कि राजस्थान के जोधपुर शहर और सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले में बीते शनिवार को दिनदहाड़े हुई एक वकील की हत्या मामले में ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने पहले ट्वीट के जरिए और बाद में सीएम गहलोत की मौजूदगी में अपनी ही सरकार पर तीखा हमला बोला. जहां ट्वीट कर दिव्या ने सीएम गहलोत से कहा कि यहां भी उदयपुर के कन्हैया लाल हत्याकांड जैसा पुलिस का रवैया रहा और कन्हैयालाल ने भी पुलिस थाने में जिन लोगों से खतरा होना बताया था लेकिन वहां भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी. मदेरणा ने कहा कि जोधपुर में अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद है कि सरेआम हत्या की जा रही है और पुलिस का कोई इकबाल नहीं रह गया है. विधायक ने मुख्यमंत्री से मांग कर कहा है कि इस वारदात में शामिल अपराधियों पर कड़ी क़ानूनी कार्रवाई की जाए और डीसीपी पूर्व को सस्पेंड करने के साथ ही मृतक जुगराज के बच्चों को सरकारी नौकरी मिले.

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तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को जोधपुर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दौरे के दूसरे दिन रविवार को ‘बजट पर धन्यवाद’ कार्यक्रम में भाग लिया. वहीं जिले में सीएम गहलोत की मौजूदगी में पहली बार किसी कार्यक्रम में शामिल हुई ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा ने सीएम को बजट के लिए तो धन्यवाद दिया है, लेकिन यहां भी उनके तल्ख तेवर बरकरार रहे. जोधपुर में हुई अधिवक्ता हत्या मामले के बहाने रविवार को जिले में आयोजित सीएम के कार्यक्रम में मंच से सधे शब्दों में दिव्या मदेरणा ने सीएम गहलोत पर निशाना साधा और कहा कि आप मुख्यमंत्री के साथ ही प्रदेश के गृहमंत्री भी हैं. ऐसे में लॉ एंड ऑर्डर जनता से जुड़ा मसला है और जनता में सुरक्षा का भाव बेहद जरूरी है. लिहाजा आप इसको लेकर अपने रवैये को कड़ा करें. दिव्या ने आगे कहा कि आज अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. ऐसे में आज जरूरत है कि सबको चाक चौबंद किया जाए और जनता में यह संदेश जाए कि हमारे सीएम किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरत रहे हैं.

यहां आपको बता दें कि शनिवार को माता के थान मुख्य रोड पर वकील जुगराज चौहान (55) की अनिल चौहान व मुकेश चौहान ने चाकू मार कर हत्या कर दी जिसके बाद पुलिस ने वारदात में शामिल दोनों आरोपियों अनिल और मुकेश को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं इस मामले में मृतक जुगराज की बेटी ने बताया कि इन लोगों से खतरा होने की पुलिस थाने में पहले रिपोर्ट दी थी जिस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की जिसके बाद वकील की दिन दहाड़े निर्मम हत्या कर दी गई. ऐसे में विधायक दिव्या मदेरणा ने सीएम गहलोत से मांग कर कहा है कि मामले में डीसीपी को तुरंत निलंबित किया जाए और संबधित थाने को लाइन हाजिर किया जाए. दिव्या ने कहा कि यहां भी कन्हैया लाल हत्याकांड जैसा पुलिस का रवैया रहा जहां शिकायत करने के बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. दिव्या ने कहा कि जोधपुर में पुलिस का कोई इकबाल नहीं रहा है.

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यहां आपको बता दें कि रविवार को जहां दिव्या मदेरणा ने वकील की हत्या मामले के सहारे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए तो वहीं कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा प्रकरण पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा कि ऐसे विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होना चाहिए, जो पार्टी की फजीहत करवा रहे हैं. इसके साथ ही दिव्या ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, ’25 सितम्बर को महेश जोशी जी ने मुख्य सचेतक के पद का ग़लत इस्तेमाल कर धारीवाल जी के घर समानांतर विधायक दल की बैठक के लिए फ़ोन किए थे. बग़ावत मामले में इस्तीफ़ा लेना अति आवश्यक था क्योंकि विधानसभा का सत्र चल रहा है और “मेरा क़ातिल ही मेरा मुंसिब है ! क्या मेरे हक़ में फ़ैसला देगा. मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि महेश जोशी जी का मुख्य सचेतक के रूप में किसी आदेश की पालना नहीं करूंगी क्योंकि जो पार्टी आलाकमान के एक लाइन के प्रस्ताव को पारित करने के बजाय समांतर मीटिंग बुला सकते हैं अपने पद पर बने रहने के लिए ऐसे व्यक्ति के आदेश की मैं पालना नहीं कर सकती.’

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