लम्बी खींचतान के बीच CM गहलोत के कार्यक्रम से 5 कांग्रेसी विधायकों का नदारद रहना बनी सियासी चर्चा

नागौर जिले की निम्बोला बिश्वा पंचायत में ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान’ के तहत आयोजित शिविर में पहुंचे मुख्यमंत्री गहलोत के साथ जहां गोविन्द सिंह डोटासरा, सी.पी. जोशी, अजय माकन और हरीश चौधरी भी मौजूद थे, वहीं इस दौरान जिले के 6 कांग्रेसी विधायकों में से 5 विधायक रहे नदारद

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Politalks.News/Rajasthan. बीते रोज शुक्रवार को एक पाथ और कई काज के साथ राजधानी से बाहर निकले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चाडी पहुंचकर मदेरणा परिवार को सांत्वना दी तो वहीं नागौर जिले की निम्बोला बिश्वा पंचायत में ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान’ के तहत आयोजित शिविर का निरीक्षण करने भी पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत के साथ जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और जिला प्रभारी हरीश चौधरी भी मौजूद थे, लेकिन वहीं इस दौरान जिले के 6 कांग्रेसी विधायकों में से 5 विधायक नदारद थे. नदारद रहे विधायकों का पायलट गुट के विधायकों के शामिल होने के कारण एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है और विश्लेषक अब अपने अपने हिसाब से इसका मतलब निकाल रहे हैं.

आपको बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यक्रम से नदारद रहने वाले विधायकों में लाडनू विधायक मुकेश भाकर, डीडवाना विधायक चेतन डूडी, जायल विधायक मंजू मेघवाल, परबतसर विधायक रामनिवास गावड़िया और नावां विधायक महेंद्र चौधरी शामिल थे. लम्बे समय प्रदेश कांग्रेस में चली आ रही सियासी खींचतान के बीच अब 6 में से 5 विधायकों का सीएम गहलोत के कार्यक्रम में नहीं आना चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि, बात को ढाबने के लिए बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम के लिए ज्यादातर विधायकों को अधिकृत रूप से जानकारी नहीं दी गई. एक विधायक ने बताया कि उन्हें तो सोशल मीडिया से ही इस कार्यक्रम की जानकारी मिली. हालांकि चर्चा इस बात की है कि अगर शिद्दत होती तो बुलावे की जरुरत नहीं होती, ज्यादा नहीं तो स्वागत तो किया ही जा सकता था, आखिर सीएम के साथ प्रदेश प्रभारी और विधानसभा अध्यक्ष भी तो थे.

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वहीं कार्यक्रम में नहीं पहुंचने के ये विधायक अब अलग तर्क दे रहे हैं. डीडवाना विधायक चेतन डूडी ने बताया कि पार्टी निर्देशों पर वे लगातार वल्लभनगर विधानसभा के उपचुनाव में लगे हुए हैं. डूडी ने कहा, ‘मुझे एक दिन पहले देर शाम सोशल मीडिया के जरिए ही जानकारी मिली. मैं अपनी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त था. मुझे CMO या कहीं से कार्यक्रम में आने के लिए भी कोई अधिकृत सूचना या निर्देश नहीं दिए गए थे.’

वहीं जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत ने बताया कि अधिकतर विधायकों को वल्लभनगर और धरियावद उपचुनाव प्रचार की ड्यूटी में लगाया हुआ है तो वहीं एकाध विधायक जयपुर में बैठकों में थे. इसके अलावा किसी विधायक को सीएमओ और पार्टी स्तर से भी कार्यक्रम में नहीं बुलवाकर अपने-अपने क्षेत्र में आयोजित शिविरों में जनता को लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए गए थे. स्थानीय डेगाना MLA विजयपाल मिर्धा ने भी सरकारी कार्यक्रम के चलते अपने स्तर पर किसी को नहीं बुलवाया था.

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