Vasundhara Raje or Satish Poonia in place of Gulabchand Kataria: राजस्थान की 15वीं विधानसभा के जारी बजट सत्र के बीच में ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल घोषित कर दिया गया है. ऐसे में कटारिया के राज्यपाल बनने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष की सीट भी खाली हो गई है, चूंकि अब कटारिया का संवैधानिक पद पर मनोनयन से अब वो बजट पर बहस में भाग नहीं ले सकते हैं. ऐसे पार्टी ने नए नेता प्रतिपक्ष की तलाश शुरू कर दी है, जिसके लिए कई दावेदारों का नाम सामने आ रहा है. वहीं बजट सत्र में 16 फरवरी को CM अशोक गहलोत बजट पर जवाब पेश करेंगे, ऐसे में विपक्ष की तरफ कटारिया की बजाय सतीश पूनियां को बहस पर विपक्ष की बात रखने की जिम्मेदारी दी गई है. बता दें, बजट पेश होने के बाद मुख्यमंत्री की ओर से बजट पर रिप्लाई दिया जाता है और इस रिप्लाई में भी कई घोषणाएं की जाती हैं. इस रिप्लाई से पहले विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष अपनी बात रखते हैं, चूंकि कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है, ऐसे में वो अब विधानसभा में नहीं बोलेंगे और अभी तक नया नेता प्रतिपक्ष भी तय नहीं हुआ है, इसलिए सतीश पूनियां ही 16 को मुख्यमंत्री के रिप्लाई से पहले विपक्ष की बात को रखेंगे.
आपको बता दें कि दिग्गज भाजपा नेता रहे गुलाब चंद कटारिया पांच दशक से सियासत में सड़क से लेकर विधानसभा सदन तक सक्रिय रहे हैं. कई मौकों पर कटारिया ने अशोक गहलोत सरकार को न सिर्फ घेरा बल्कि प्रभावी मुद्दों के जरिए सदन का ध्यान आर्कषित किया. अब कटारिया के राजभवन जाने के बाद राजस्थान नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी किसे मिलती है यह अहम माना जा रहा है. माना जा रहा है कि नए नेता प्रतिपक्ष के चेहरे से ही अगले सीएम के तौर पर चेहरे का आंकलन किया जा सकता है. हालांकि, यह कोई फिक्स पैटर्न नहीं है कि नेता प्रतिपक्ष ही सीएम फेस बनता है. इसके अलावा हाईकमान अगर किसी नए चेहरे को नेता प्रतिपक्ष पर लाता है तो यह भी एक संकेत के तौर पर देखा जाएगा.
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आपको बता दें कि असम के राज्यपाल का पदभार संभालने से पहले ही गुलाब चंद कटारिया विधायक और नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देंगे. ऐसे में बीजेपी को जल्द ही नेता प्रतिपक्ष तय करना होगा, लेकिन सवाल यह है कि कटारिया की जगह कौन लेगा? सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं की मानें तो कटारिया के बाद एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर सभी की निगाहें आकर टिक गई हैं. नेता प्रतिपक्ष के लिए वसुंधरा के समर्थक भी मैडम राजे का नाम आगे कर रहे है, क्योंकि मैडम पहले भी इस पद पर रह चुकी हैं और दो बार सूबे की मुख्यमंत्री भी रही हैं. इसके साथ ही मैडम वसुंधरा राजे आठ बार की विधायक हैं और राजस्थान में बीजेपी की सियासत उन्हीं के इर्द-गिर्द ही सिमटी हुई है. चुनाव की बढ़ती सरगर्मियों को देखते हुए वह एक फिर से सक्रिय हैं और राजनीतिक समीकरण जिस तरह से बदले हैं, उसके चलते पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बीजेपी की सियासत के केंद्र में आ गई हैं.
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16 को कटारिया की विदाई पर डिनर
यहां आपको बता दें कि प्रदेश की राजनीति में दिग्गज नेता रहे गुलाबचंद कटारिया का विदाई समारोह 16 फरवरी को होगा. विधानसभा में उनकी विदाई पर डिनर दिया जाएगा, जिसमें सभी विधायकों के शामिल होने की संभावना है. कटारिया वर्तमान सदन के सबसे पुराने नेताओं में से एक हैं और विपक्ष के साथ ही सत्तापक्ष भी उनका पूरा सम्मान करता है.