Politalks.News/Jodhpur/HanumanBeniwal. जोधपुर में सीआरपीएफ जवान नरेश जाट के आत्महत्या मामले में परिजनों के शव उठाने से इनकार करने के बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है. अब इस मामले में नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल मैदान में उतर चुके है. सोमवार को सांसद बेनीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की तो वहीं आज धरने पर बैठे CRPF जवान के परिजनों के साथ खुद भी धरने पर बैठ गए. इस दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल ने परिजनों से बात की और उन्होंने इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही है. सांसद बेनीवाल ने सीधे शब्दों में कहा कि, ‘विभाग के डीआईजी, आईजी ने जवान की बात को अनसुना किया जिसका नतीजा उसकी मौत के स्वरूप सामने आया है. मांगों के लिए परिजन जो कहेंगे उसके हिसाब से आंदोलन किया जाएगा.’
आपको बता दें कि, सोमवार को जोधपुर के ट्रेनिंग कैंप में एक CRPF जवान ने अपनी पत्नी और बच्चों को बंधक बना कर फायरिंग की और बाद में खुद को गोली मार ली. इस CRPF जवान की पहचान नरेश जाट के रूप में हुई. इसने सोमवार को कई घंटों तक अपनी पत्नी और बच्चों को बंधक बना के रखा और पुलिस के पास जाने पर वो फायरिंग भी करता रहा. कुछ देर तक चले इस घटनाक्रम के बाद सीआरपीएफ जवान ने खुद को गोली मार ली. इससे जोधपुर में दहशत का माहौल बन गया. इसके बाद सीआरपीएफ के जवान नरेश जाट के आत्महत्या करने के मामले में परिजनों ने शव उठाने से साफ़ इनकार कर दिया. अपनी मांगों को लेकर परिजन जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल मंगलवार को खुद जोधपुर पहुंच परिजनों के साथ धरने पर बैठ गए.
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जोधपुर पहुंचे नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी पहुंच मृतक जवान के परिजन से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘देश की रक्षा करने वाले जवान ही आज देश में सुरक्षित नहीं हैं. विभिन्न अर्द्ध सैन्य बलों में आए दिन आत्महत्याओं के मामले सामने आ रहे हैं. नरेश जाट को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में सीआरपीएफ के आइजी और डीआइजी को तुरंत हटाया जाए और इस पुरे मामले की की उच्च स्तरीय जांच हो व दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.’ सांसद बेनीवाल ने धरनास्थल पर जवान नरेश के पिता लिखमाराम से पूरी जानकारी हासिल की. साथ ही आत्महत्या को दुष्प्रेरित करने के संबंध में दर्ज एफआइआर मंगवाई. इस दौरान सहायक पुलिस आयुक्त राजेन्द्र प्रसाद दिवाकर ने कार्रवाई के बारे में सांसद बेनीवाल को जानकारी दी.
जानकारी प्राप्त होने पर सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘मांगों के लिए परिजन जो कहेंगे उसके हिसाब से आंदोलन किया जाएगा.’ वहीं पत्रकारों से बात करते हुए सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘नरेश जाट का शव महात्मा गांधी हॉस्पिटल ले आया गया और परिजनों की मांग के अनुसार ही पोस्टमार्टम किया जाता है. लेकिन परिजनों के पंचनामें पर कहीं पर साइन नहीं थे लेकिन फिर भी पोस्टमार्टम कर दिया गया. इसे लेकर मैंने कमिश्नर को शिकायत भी दर्ज कराई, इसमें कुछ लोगों के नाम सामने आ रहे है जिन्होंने आनन फानन में पोस्टमार्टम करा दिया जो कि सरासर गलत है. जबरन पोस्टमार्टम करवाने वाले अधिकारीयों पर सख्त कार्रवाई की जाए यही RLP की मांग है.’
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वहीं आज सांसद बेनीवाल ने जोधपुर सर्किट हाउस में CRPF के आला अधिकारियों के साथ दिवगंत जवान नरेश जाट के परिजनों व भोपालगढ़ विधायक तथा आरएलपी के प्रदेश अध्यक्ष श्री पुखराज गर्ग की मौजूदगी में वार्ता की. सांसद बेनीवाल ने कहा, ‘हमारा प्रयास रहेगा की दिवगंत जवान के परिजनों की सभी मांगो पर सकारात्मक सहमति बने.’
बता दें कि नरेश जाट ने स्वयं को गोली मारने से पहले दो वीडियो संदेश रिकॉर्ड किए थे, जिसमें आरटीसी के कई अधिकारियों पर झूठ बोलने और परेशान करने का आरोप लगाया है. वहीं इस घटना के बाद पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव सीआरपीएफ को दे दिया गया था, जिसे मंगलवार को नरेश जाट के परिजनों को सुपुर्द करना था और पाली स्थित उनके गांव में अंतिम संस्कार होना था. इससे पहले मृतक जवान नरेश जाट के पिता लिखमाराम की और से करवड़ थाना में दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है. घटना के बाद लिखमाराम ने कहा था कि जब तक कार्रवाई नहीं हो जाती हम शव नहीं उठाएंगे. परिजनों की मांग है कि जिन अफसरों ने उसे टॉर्चर किया उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
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नरेश के पिता लिखमाराम ने मांग पत्र में नामजद अभियुक्तों की तुरंत गिरफ्तारी के साथ ही मामले की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के भूतपूर्व जज से करवाने की मांग की है. इसके अलावा मृतक की बेटी कनिष्का को बालिग होने पर सरकारी नौकरी और आजीवन शिक्षा की व्यवस्था हो. साथ ही पत्नी उर्मिला को आजीवन पेंशन, मृतक की नौकरी के हिसाब से ग्रेच्युटी, छुट्टी का पैसा आदि एक मुश्त दिया जाए. साथ ही उसके गांव में नरेश जाट की अंत्येष्टि से पहले उसे गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाए.