Politalks.News/MaharashtraPolitics. महाराष्ट्र में एमवीए की सरकार गिरने और बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने के बाद अब शिवसेना का ठाकरे गुट अब अपनी पार्टी बचाने की जुगत में लगा हुआ है. इस बीच शिवसेना के राज्यसभा सांसद और दिग्गज नेता संजय राउत ने एक नया ट्वीट कर महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है. राउत ने शायर जौन एलिया का एक शेर ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘अब नहीं कोई बात खतरे की, अब सभी को सभी से खतरा है….’ यही नही संजय राउत ने इस ट्वीट में देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र सीएमओ, एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे और प्रियंका गांधी को भी टैग किया है. राउत के इस ट्ववीट से सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है कि अब महाराष्ट्र में शिवसेना कोई बड़ा फैसला ले सकती है. बता दें, शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही MVA के भविष्य को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. बीते दिन ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा तो लगने लगा कि महा विकास अघाड़ी में सब कुछ ठीक नहीं है. अब आज आज संजय राउत के इस ट्वीट ने हलचल मचा दी है.
आपको बता दें, बीती 29 जनवरी को अपनी उद्धव सरकार ने कुछ शहरों के नाम बदलने का बड़ा फैसला किया था. कैबिनेट मीटिंग में औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव नगर करने का ऐलान किया था. इसके साथ ही नवी मुंबई एयरपोर्ट का नाम भी बदलकर डीबी पाटिल इंटरनेशनल एयरपोर्ट करने की बात मीटिंग में कही गई थी. उद्धव सरकार के इस फैसले पर बीते रोज सोमवार को राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने नाराजगी जताकर कहा कि यह मुद्दा महा विकास अघाड़ी के कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था. उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्णय के बारे में बाद में पता चला. शरद पवार ने कहा कि वह इस कदम से अनजान थे. यह बिना पूर्व परामर्श के लिया गया था. प्रस्ताव पर कैबिनेट बैठक के दौरान हमारे लोगों ने राय व्यक्त की थी, लेकिन फैसला पूर्व मुख्यमंत्री का था. अगर औरंगाबाद के कल्याण के बारे में फैसला होता तो वो खुश होते.
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वहीं ताजा जानकारी के अनुसार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन देने का एलान कर दिया है. इससे पहले आज सुबह ही संजय राउत ने एक अन्य ट्वीट में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शिवसेना की एक बैठक का जिक्र किया. उनका कहना था कि एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के नाम पर पार्टी ने विचार किया. लेकिन उन्हें समर्थन का मतलब बीजेपी को सपोर्ट करना नहीं है. इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला उद्धव ठाकरे ही लेंगे.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में शिंदे सरकार बनने के बाद से ही संजय राउत लगातार चर्चाओं में रहे हैं. शिंदे गुट उनको लेकर उद्धव ठाकरे पर निशाना साधता रहा है. शिवसेना से बागी हुए नेताओं का भी कहना है कि राउत जैसे लोगों की वजह से ही उद्धव उन लोगों से दूर होते चले गए. शिंदे गुट के लोग राउत के जमीनी नेता न होने पर भी सवाल दागते रहे हैं. उनका कहना था कि कुछ ऐसे लोग जिनकी जनता के बीच कोई पकड़ नहीं है वो शिवसेना जैसे दल को चला रहे हैं.
हालांकि नई सरकार पर राउत निशाना साधने से अब भी नहीं चूक रहे हैं. बीते दिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था कि जिस तरह से महाराष्ट्र में एक सरकार को थोपा, वह पूरी तरह से अवैध है. यह सरकार संविधान के मुताबिक नहीं बनी है. यह विधायकों के अयोग्य होने का मुद्दा है. सर्वोच्च न्यायालय में एक फैसला हो रहा है, उससे पता चलेगा कि देश में संविधान, क़ानून है या उसकी हत्या हो चुकी है.
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यही नहीं अपने मुखपत्र सामना में भी शिवसेना ने नई सरकार पर सवाल उठाते हुए चुनाव कराने की मांग की है. सामना में लिखा गया कि यह सरकार अवैध है. इसलिए मध्यावधि चुनाव की तैयारी की जाए. कोर्ट ने कहा कि सुनवाई में समय लगेगा, लेकिन इसमें कितना समय लगेगा? तब तक क्या महाराष्ट्र पर शिंदे-फडणवीस की अवैध सरकार थोपी जाएगी?