भवानीपुर में ‘वकालत के महारथी’, ममता को टक्कर देगी हरियाणा को बेटी, शेखावाटी की बहू टिबरेवाल

पश्चिम बंगाल के भवानीपुर में 'कानूनी लड़ाई', ममता, टिबरेवाल और बिस्वाल हैं 'काले कोट' वाले दिग्गज, मरुधरा से जुड़ा चुनाव का रिश्ता, ममता को टक्कर देगी शेखावाटी की बहू, टिबरेवाल एक बार अदालत में ममता को दे चुकी हैं 'मात', चुनाव बाद हिंसा के केस में जीत की थी दर्ज

बंगाल की 'दीदी' के सामने 'शेखावाटी चुनौती'
बंगाल की 'दीदी' के सामने 'शेखावाटी चुनौती'

Politalks.News/Westbungal. पश्चिम बंगाल में राजनीतिक पारा फिर से चढ़ गया है. पश्चिम बंगाल के भवानीपुर में एक बार फिर महादंगल की तैयारी है. 30 सितंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भवानीपुर सीट से अपना नामांकन भरा है. मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा बनाए रखने के लिए ममता के लिए यहां जीत बेहद जरूरी है. उन्हें 5 नवंबर तक राज्य विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी. खास बात ये है कि इस बार भवानीपुर में तीन वकील चुनावी मैदान में हैं. ममता के अलावा बीजेपी ने प्रियंका टिबरेवाल को मैदान में उतार है. उन्होंने भी कानून की पढ़ाई की है. जबकि CPI(M) ने श्रीजीब बिश्वास को चुनावी अखाड़े में उतारा है. वो अलीपुर कोर्ट में वकील हैं.सबसे खास ये है कि ममता का मुकाबला शेखावाटी की बहू से होने वाला है. इस खास रिश्ते से शेखावाटी और राजस्थान भी भवानीपुर से जुड़ गया है. अब पूरे राजस्थानकी भी रहेगी नजर…

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के जोगेश चंद्र कॉलेज से कानून में स्नातक हैं और 1982 बैच की छात्रा थीं. अपने करियर के शुरुआती दिनों में ममता नेकोर्ट में प्रैक्टिस भी की थी.

अदालत में ममता को मात दे चुकी है टिबरेवाल!
प्रियंका टिबरेवाल हाजरा लॉ कॉलेज की पूर्व छात्र हैं और एक जानी मानी वकील हैं. वो भाजपा के लिए कई केस लड़ रही हैं. उन्होंने बाबुल सुप्रियो का भी केस लड़ा है. 2021 के चुनाव नतीजों के बाद प्रियंका ने चुनाव बाद हिंसा का केस लड़ा. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि एक वकील के रूप में उनका प्रदर्शन चुनावी हिंसा के मामलों में काफी शानदार रहा है और यहीं एक सबसे बड़ी वजह है कि पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. टिबरेवाल ने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री को पहले ही अदालत में हरा दिया है, ये दूसरी बार है जब मैं उनसे मुकाबला कर रही हूं’.

श्रीजीब बिश्वास CPI(M)- पेशे से हैं वकील

CPI(M) उम्मीदवार श्रीजीब बिश्वास भी अलीपुर कोर्ट में वकील हैं. बिश्वास भी हाजरा लॉ कॉलेज से पास आउट हैं. साल 2014 से वो कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं. और आम तौर पर वाम दलों के मामलों को संभालते हैं. बिस्वास ने कहा कि, ‘ये संयोग है. मैं ममता बनर्जी को वकील नहीं मानता और वो केवल एक राजनेता हैं. मैंने प्रियंका को एक वरिष्ठ वकील के रूप में देखा है, लेकिन राजनीतिक लड़ाई और कानूनी लड़ाई अलग है’.

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शेखावाटी की बहू हैं प्रियंका टिबरेवाल

वहीं आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल के भवानीपुर सीट का उपचुनाव राजस्थान के शेखावाटी से भी जुड़ गया है. भाजपा की प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल झुंझुनूं के मंड्रेला निवासी और कोलकाता प्रवासी सीए आदित्य टीबड़ेवाल की पत्नी हैं. भाजपा ने भवानीपुर उप चुनाव में टिकट देकर ममता बनर्जी के सामने चुनाव मैदान में उतारा है. जिसके बाद अब ना केवल शेखावाटी, बल्कि राजस्थान की नजरें भी पश्चिम बंगाल के उप चुनावों पर टिक गई है.

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हरियाणा की बेटी और झुंझुनूं की बहू हैं प्रियंका

प्रियंका टिबरेवाल झुंझुनूं के मंड्रेला के प्रवासी परिवार की बहू हैं तो हरियाणा की बेटी, जो काफी समय से पश्चिम बंगाल में भाजपा के तेज-तर्रार नेताओं में शामिल हैं. इससे पहले उन्होंने इसी साल पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में इंटाली सीट से चुनाव लड़ा था. लेकिन जीत नहीं पाई थी. हालांकि प्रियंका टीबड़ेवाल का परिवार काफी सालों से कोलकाता में रह रहा है लेकिन आज भी उनके परिवार की धाक मंड्रेला में अच्छी खासी है. प्रियंका फिलहाल पश्चिम बंगाल में भाजयुमो की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. प्रियंका का विवाह 2005 में सीए आदित्य टिबड़ेवाल के साथ हुआ था. इन्होंने शादी के बाद वर्ष 2007 में कोलकत्ता की हाजरा लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की. इन्होंने स्कूली शिक्षा कोलकत्ता से की तथा कॉलेज की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की.

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