‘सरकार कुछ भी करे तो उठता है विरोध का स्वर, लेकिन…’- ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के दौरान बोले PM मोदी

पीएम मोदी की पाठशाला, परीक्षा पे चर्चा में छात्रों से बोले PM मोदी- मोटिवेशन का नहीं है कोई इंजेक्शन, खुद को जानें, ध्यान दें कि किन बातों से निराशा होती है? किन बातों से प्रेरित होते हैं? सहानुभूति लेने से बचें, इससे आएगी कमजोरी'

'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान बोले PM मोदी
'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के दौरान बोले PM मोदी

Politalks.News/ParikshaPeCharcha. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज परीक्षाकाल के दौरान देश के लाखों छात्रों से चर्चा की. पीएम मोदी ने जा अपने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों से तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में बात की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से एग्जाम के समय तनाव को कैसे काम करें, मोटिवेशन के लिए क्या करें, मां-बाप के सपनों के बारे में कैसे समझे और कैसे उन्हें पूरा करें इन सभी मुद्दों को लेकर चर्चा की. पीएम मोदी के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में छात्रों के साथ अभिभावक और शिक्षक भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आज की जो पीढ़ी है जब वो अपने जीवन के सबसे सफल पलों से गुजर रही होगी तब देश आजादी की शताब्दी मना रहा होगा. ये 25 साल आपकी जिंदगी के हैं, आपके लिए हैं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा‘ कार्यक्रम में भाग लेने से पहले तालकटोरा स्टेडियम में पहुंचकर देश भर के छात्रों द्वारा बनाई गई कई प्रदर्शनी परियोजनाओं को देखा. इस दौरान उन्होंने बच्चों के ऑटोग्राफ भी लिए. इसके बाद परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में भाग लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘ये मेरा बड़ा प्रिय कार्यक्रम है. लेकिन कोरोना के कारण बीच में मैं आप जैसे साथियों से मिल नहीं पाया. मेरे लिए आज का कार्यक्रम विशेष खुशी का है, क्योंकि एक लंबे अंतराल के बाद आप सबसे मिलने का मौका मिल रहा है.’ पीएम मोदी ने छात्रों से बात करते हुए कहा कि, ‘त्योहारों के बीच में exam भी होते हैं. इस वजह से त्योहारों का मजा नहीं ले पाते. लेकिन अगर exam को ही त्योहार बना दें, तो उसमें कईं रंग भर जाते हैं.’

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, ‘जब आप ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो क्या आप सच में पढ़ाई करते हैं, या reel देखते हैं? दोष ऑनलाइन या ऑफलाइन का नहीं है. क्लासरूम में भी कई बार आपका शरीर होगा, आपकी आंखें टीचर की तरफ होंगी, लेकिन कान में एक भी बात नहीं जाती होगी, क्योंकि आपका दिमाग कहीं और होगा. मन कहीं और होगा तो सुनना ही बंद हो जाता है. जो चीजें ऑफलाइन होती हैं, वही ऑनलाइन भी होती हैं. इसका मतलब है कि माध्यम समस्या नहीं है, मन समस्या है. माध्यम ऑनलाइन हो या ऑफलाइन, अगर मन पूरा उसमें डूबा हुआ है, तो आपके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा.’

‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘दिन भर में कुछ पल ऐसे निकालिए, जब आप ऑनलाइन भी नहीं होंगे, ऑफलाइन भी नहीं होंगे बल्कि इनरलाइन होंगे. जितना अपने अंदर जाएंगे, आप अपनी ऊर्जा को अनुभव करेंगे. अगर इन चीजों को कर लेते हैं तो मुझे नहीं लगता कि ये सारे संकट आपके लिए कोई कठिनाई पैदा कर सकते हैं.’ इस दौरान भी पीएम मोदी विपक्ष को नहीं भूले. पीएम मोदी ने विपक्ष की चुटकी लेते हुए कहा कि, ‘सरकार कुछ भी करे तो कहीं न कहीं से तो विरोध का स्वर उठता ही है. लेकिन मेरे लिए खुशी की बात है कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का हिंदुस्तान के हर तबके में पुरजोर स्वागत हुआ है. इसलिए इस काम को करने वाले सभी लोग अभिनंदन के अधिकारी हैं.’

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पीएम मोदी ने कहा कि, ‘पहले हमारे यहां खेलकूद एक एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था. लेकिन इस नेशनल एजुकेशनल पॉलिसी में उसे शिक्षा का हिस्सा बना दिया गया है. हमें 21वीं सदी के अनुकूल अपनी सारी व्यवस्थाओं और सारी नीतियों को ढालना चाहिए. अगर हम अपने आपको इन्वॉल्व नहीं करेंगे, तो हम ठहर जाएंगे और पिछड़ जाएंगे. मैं सबसे पहले परिजनों से और शिक्षकों से ये कहना चाहूंगा कि आप अपने सपने, जिन्हें आप पूरा नहीं कर पाए, उन्हें आप बच्चों पर डालने का प्रयास न करें. हमारे बच्चों के विकास में ये सब बहुत चिंता का विषय है. हर बच्चे की अपनी सामर्थ होती है. परिजनों, शिक्षकों के तराजू में वो फिट हो या न हो, लेकिन ईश्वर ने उसे किसी न किसी विशेष ताकत के साथ भेजा है. ये आपकी कमी है कि आप उसकी सामर्थ, उसके सपनों को समझ नहीं पा रहे हैं. इससे आपकी बच्चों से दूरी भी बढ़ने लगती है.’

पीएम मोदी ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि, ‘खुद को जानना बहुत जरूरी है. उसमें भी कौन सी बातें हैं जो आपको निराश करती हैं, उन्हें जानकर अलग कर लें. फिर आप ये जाने लें कि कौन सी बातें आपको सहज रूप से प्रेरित करती हैं. आप स्वयं के विषय पर जरूर विश्लेषण कीजिए. हर विद्यार्थी को लगता है कि मुझे याद नहीं रहता है, ये मैं भूल गया. लेकिन आप देखेंगे कि एग्जाम के समय पर अचानक ऐसी चीजें निकलने लगेंगी के आप सोचेंगे कि मैनें तो कभी इस विषय को छुआ तक नहीं था, लेकिन अचानक सवाल आ गया और मेरा जवाब भी बहुत अच्छा रहा. मतलब वो कहीं न कहीं स्टोर था. इसलिए ध्यान को सरलता के साथ अपने जीवन के साथ आत्मसात कीजिए.’

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वहीं बेटियों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘समाज बेटियों के सामर्थ को जानने में अगर पीछे रह गया, तो वो समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता. मैंने ऐसी कई बेटियां देखी हैं, जिन्होंने मां-बाप के सुख और उनकी सेवा के लिए शादी तक नहीं की और अपनी पूरी जिंदगी खपा दी. आज खेलकूल में भारत की बेटियां हर जगह पर अपना नाम रोशन कर रही हैं. विज्ञान के क्षेत्र में हमारी बेटियों का आज पराक्रम दिखता है. 10वीं, 12वीं में भी पास होने वालों में बेटियों की संख्या ज्यादा होती हैं. आज हर परिवार के लिए बेटी बहुत बड़ी शक्ति बन गई हैं. ये बदलाव बहुत अच्छा है. ये बदलाव जितना ज्यादा होगा, उतना लाभ होगा.’

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