Politalks.News/Maharashtra. हनुमान चालिसा पढ़ना क्या राजद्रोह है? पुलिस की ओट में गुंडागर्दी की जा रही है और विरोधी दल के नेताओं के अधिकारों का हनन किया जा रहा है, पुलिस के होते हमारे नेता किरीट सोमैया पर हमला किया गया है और नवनीत राणा को पानी तक नहीं दिया गया है, ये कहां का लोकतंत्र है, ये कहना है महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का. महाराष्ट्र में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है. पहले सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई, फिर लाउडस्पीकर और अब हनुमान चालीसा को लेकर सरकार और विपक्ष आमने सामने है. एक तरफ हनुमान चालीसा को लेकर सूबे की खार पुलिस ने अमरावती से निर्दलीय विधायक नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को गिरफ्तार कर रखा है तो वहीं रविवार को राणा दंपति से मिलने पहुंचे बीजेपी नेता किरीट सोमैया की कार पर हुए हमले को लेकर बीजेपी ने शिवसेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एवं दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस ने निशाना साधा है.
किरीट सोमैया के काफिले पर हुए हमले को लेकर सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, ‘महाराष्ट्र में खुलेआम महाविकास अघाड़ी सरकार में हिटलरशाही चल रही है. शनिवार को हुई राणा दंपति की गिरफ्तारी पूरी तरह गैरकानूनी है. वहीं किरीट सोमैया ने अपने ऊपर होने वाले हमले के बारे में भी पुलिस को बताया, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया. हम केंद्र सरकार को इस पर कुछ एक्शन लेने के लिए कहेंगे. हनुमान चालीसा महाराष्ट्र में नहीं पढ़ा जाएगा, तो क्या पाकिस्तान में पढ़ा जाएगा?’
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राणा दंपति की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा कि, ‘शनिवार को खार पुलिस द्वारा गिरफ्तार नवनीत राणा को पीने के लिए पानी भी नहीं दिया गया. उन्हें दलित समुदाय का बताते हुए उनसे भेदभाव किया गया. इसकी शिकायत उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से भी की है. नवनीत राणा का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के बावजूद उनके साथ गलत बर्ताव हो रहा है और उनके साथ जेल में बदसलूकी तक की जा रही है. वहीं राणा दंपति पर राजद्रोह का केस लगाने पर फडणवीस ने कहा कि, ‘देश में हनुमान चालीसा पढ़ना क्या गुनाह हो गया है. महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था चरमराई हुई है और महाराष्ट्र में पुलिस फोर्स का इस्तेमाल विपक्ष को दबाने के लिए किया जा रहा है.
फडणवीस ने आगे कहा कि, ‘महाराष्ट्र में जो भी सरकार का विरोध कर रहा है उन्हें मारने की कोशिश की जा रही है. हमें भी इस बात का जवाब देना आता है. सरकार जानबूझकर भाजपा नेताओं को टारगेट कर रही है. हमने उनके घोटालों का खुलासा किया, इसलिए वो लोग अब हमें परेशान करने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन उनसे मैं ये कह देता हूं कि हिटलरशाही से सिर्फ संघर्ष होता है सुलह नहीं. महाराष्ट्र में हमारे पास भी बड़ी ताकत है. अगर हनुमान चालीसा पढ़ने पर मुझ पर भी राजद्रोह लगेगा तो मैं तैयार हूं, इसके लिए.’ वहीं महारष्ट्र में लाउडस्पीकर हटाने को लेकर सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का देवेंद्र फडणवीस एवं मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने बहिष्कार किया.
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वहीं बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने अपने ऊपर हुए हमले को लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला से मुलाकात की और पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘महाराष्ट में टेरर पैदा करना, पुलिस का माफिया उपयोग करने का काम उद्धव जी कर रहे हैं जिसमें मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे भी शामिल हैं और उन्होंने मेरे ऊपर फर्जी FIR दर्ज़ कर दी. आज हम केंद्रीय गृह सचिव से मिलने आए थे और उनसे स्पेशल टीम भेजने की हमने बात की है. सोमैया ने आगे कहा कि, ‘गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हमें आश्वस्त किया है कि महाराष्ट्र में जो हो रहा है उसके संदर्भ में वह गृह सचिव अजय कुमार भल्ला के साथ विस्तृत में बात करेंगे. उन्होंने ये भी आश्वस्त दिया कि वो मुद्दे पर जल्द से जल्द रिपोर्ट मंगवाएंगे.’
शिवसेना नेता संजय राउत ने किरीट सोमैया पर हुए हमले और उनके दिल्ली दौरे को लेकर निशाना साधा. संजय राउत ने कहा कि, ‘ये महाराष्ट्र की बदनामी का षडयंत्र है. अगर आपकी कोई समस्या है तो आप महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, गृह मंत्री से मिलिए.2-4 लोगों का डेलिगेशन दिल्ली जा रहा है. ऐसा क्या हुआ है महाराष्ट्र में? किसी का (किरीट सोमैया) का हल्का सा खून बहा है…अगर आपको कोई समस्या है तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मिलिए…लेकिन आप दिल्ली जा रहे हैं, ये क्या है?’ वहीं मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर शुरू हुए विवाद में गिरफ्तार अमरावती से निर्दलीय विधायक नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा. साथ ही पुलिस प्रशासन पर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया.
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राणा ने लिखा कि, ‘मुझे 23 अप्रैल 2022 को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया. पूरी रात मैंने पुलिस स्टेशन में बिताई. मैं पूरी रात पीने के लिए पानी मांगा लेकिन मुझे पानी तक नहीं दिया गया. मुझे हैरानी तब हुई, जब पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से हूं लिहाजा वह उस ग्लास में मुझे पानी नहीं देंगे. मुझे सीधे तौर पर जाति के आधार पर गाली दी गई और इस वजह से मुझे पीने के लिए पानी नहीं दिया गया. उन्होंने कहा, मुझे पानी पीने जैसे बुनियादी मानवाधिकार से भी इस चीज को लेकर वंचित किया गया कि मैं अनुसूचित जाति से हूं.’