करौली-राजगढ़ के बाद CM आवास की पार्टी में शामिल हुए दंगों के आरोपी ने दिया बीजेपी को बड़ा मुद्दा

सीएम आवास पर हुई रोजा इफ्तार पार्टी में ममता भूपेश और रेहाना रियाज चिश्ती के छबड़ा दंगों के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी के फोटो के अलावा कांग्रेस विधायक रफीक खान द्वारा वआरोपी के गले में हाथ डालकर मुस्कुराते हुए के फ़ोटो सामने आने के बाद गरमाई सियायत, खान बोले- आरोपी ने ले रखी है अग्रिम जमानत तो भूपेश ने कहा- पता कैसे हो चलेगा फ़ोटो खिंचवाने वाला कौन है

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Politalks.News/Rajasthan. बीते शनिवार को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में 2021 ले छबड़ा दंगों के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी के शामिल होने की खबर सामने आने के बाद सियासत गरमा गई है. हाल ही में पहले करौली में हिंसा फिर राजगढ़ में मंदिर ध्वस्ती कांड को लेकर भाजपा के निशाने पर चल रही गहलोत सरकार के खिलाफ बैठे बिठाए बीजेपी को एक और बड़ा मुद्दा मिल गया है. मामले को लेकर सबसे पहले छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने आरोपी के इफ्तार पार्टी में शामिल होने की फोटोज शेयर करते ट्वीट कर सीएम गहलोत से सवाल किया तो वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने सीएम गहलोत के खिलाफ हमला बोला है.

पूर्व मंत्री और छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने बीती 23 अप्रैल को सीएम आवास पर हुई रोजा इफ्तार पार्टी में मंत्री ममता भूपेश और राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती के साथ भी छबड़ा दंगों के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी के फोटो शेयर किए हैं. सिंघवी द्वारा शेयर की गई एक फोटो में कांग्रेस विधायक रफीक खान आरोपी के गले में हाथ डालकर मुस्कुराते हुए दिखाई दे रहे हैं. ट्वीटर के जरिए इन फोटोज को शेयर करते हुए प्रताप सिंह सिंघवी ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि, ‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि छबड़ा हिंसा का मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी आपकी इफ्तार पार्टी में शरीक हुआ. ऐसे अपराधियों को इफ्तार पार्टी में जगह कैसे मिल गई, इसका पता इंटेलिजेंस विंग को करना चाहिए.’

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दरअसल, बारां जिले के छबड़ा में 11 अप्रैल 2021 को दो युवकों की छुरा घोंपकर हत्या के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़की गई थी. इस हिंसा में दर्जनों वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ व आगजनी की गई थी. यहां तक कि हालात काबू में करने के लिए पुलिस को इंटरनेट बंद कर पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा था. इस आगजनी के दौरान एक निजी ट्रैवल बस, कारों, फायर ब्रिगेड की गाड़ी और अन्य वाहनों को भी आग लगा दी गई थी. छबड़ा में हुई इस साम्प्रदायिक हिंसा का मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी है जो कि सीएम आवास पर हुई रोजा इफ्तार पार्टी में शामिल हुआ है.

‘ये कैसा राज, PFI से प्यार और बहुसंख्यक को दुत्कार’
इस मामले में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने सीएम गहलोत और कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस का यह कैसा राज है, जिसमें PFI से प्यार है, बहुसंख्यक को दुत्कार है. मुख्यमंत्री निवास में इफ्तार करके दंगे के आरोपियों को बुलाकर दुलार करते हैं और करौली में आरोपियों को बचाने की कवायद की जा रही है. जबकि अलवर जिले में शिवमंदिर, गोशाला से उन्हें एतराज है.’ इसके साथ ही पूनिया ने कहा जिस तरह से पहले करौली हिंसा और अब अलवर के राजगढ़ में मंदिर तोड़ने का मामला सामने आया है. वह इस बात सबूत है कि प्रदेश कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण की राजनीति करती है.

अपराधी इफ्तार पार्टी में, इंटेलिजेंस बैठी हाथ पर धरे हाथ, वाह सरकार वाह – राजेन्द्र राठौड़
वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इफ्तार पार्टी में छबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी का शरीक होना राज्य सरकार के अपराधियों को संरक्षण देने का प्रमाण है. अपराधी इफ्तार पार्टी में शामिल होते हैं और इंटेलिजेंस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है, वाह सरकार वाह.’

वहीं मामले के सामने आने के बाद आदर्श नगर विधायक रफीक खान ने कहा कि उस फोटो में मेरे बाईं ओर छबड़ा के पार्षद हसन भी दिख रहे हैं, इफ्तार में उनके साथ कुछ लोग मिलने आए थे. छबड़ा से आए कांग्रेस पार्षदों की टीम भी वहां पर मौजूद थी. सभी ने मुख्यमंत्री आवास में अलग-अलग फोटो खिंचवाई और रोजा इफ्तार किया. जिस शख्स के बारे में कहा जा रहा है, उसने अग्रिम जमानत करवा ली है. वह कोर्ट से जमानत पर है. रफीक खान ने आगे कहा कि अगर वह दोषी होगा तो उसे सजा मिलेगी, दोषी नहीं होगा तो सजा नहीं मिलेगी. उसके रोजा खोलने के अधिकार को कैसे रोका जा सकता है. यह उसका फंडामेंटल राइट है. पार्षदों के साथ आने वाले सभी लोगों का एग्जामिनेशन नहीं किया जाता है, क्योंकि मौका सामूहिक इफ्तार और भाईचारे का था.

वहीं मामले में सफाई देते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा भाजपा के लोगों को फिजूल की बातें करने की आदत है. भाजपा हर चीज का राजनीतिकरण कर रही है. CM की इफ्तार पार्टी में आम आदमी आए थे, उसमें कोई व्यक्ति किस रूप में आया, वह आरोपी है या नहीं है. अगर वह आम लोगों के बीच खड़ा है या हमारे साथ फोटो खिंचवा रहा है तो कोई आईडेंटिफाई थोड़े ही हो रहा है. कौन आदमी किस रूप में खड़ा हो गया, हमें थोड़े ही पता रहता है. हम सार्वजनिक जीवन में हैं और बहुत से लोग मिलते हैं और फोटो खिंचवाते हैं. किसी का पहले से पता नहीं रहता है कौन क्या है?

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